धरती को 'घूर' रहा विशाल ब्लैकहोल, भेज रहा रेडिएशन! क्या हो सकता है कोई बड़ा खतरा?
खगोलविदों ने एक तारामंडल की फिर से जांच की है। इस तारामंडल के केंद्र में एक सुपरमैसिव ब्लैक होल है। वैज्ञानिकों के मुताबिक इस ब्लैक होल ने अपनी दिशा बदल ली है और इसका मुंह सीधा पृथ्वी की तरफ है।
ब्लैकहोल एक ऐसी अवस्था है जिसमें तारे का अपनी जीवन लीली समाप्त कर अंतरिक्ष में अंतरध्यान हो जाता है। ब्लैक होम में गुरुत्वार्षण बहुत अधिक होता है। यह एक ऐसी जगह है जहां फिजिक्स का कोई नियम काम नहीं करता है। खिंचाव से कुछ भी नहीं बच सकता है। प्रकाश भी एक बार अंदर जाकर बाहर नहीं आता। खगोलीय कंल्पना के रूप में माना जाने वाले ब्लैक होल के समीप कोई भी जाता है तो वह इसके काल रूपी गाल में समा जाता है। फिर कभी भी अपनी अवस्था में नहीं आ पाता। वैज्ञानिकों की मानें तो एक सुपरमैसिव ब्लैक होल पृथ्वी की तरफ घूर रहा है है। पृथ्वी के सामने स्थित यह ब्लैक होल हमारे ग्रह की ओर शक्तिशाली विकिरण भी भेज रहा है। ऐसा कुछ अंतरिक्ष यात्रियों का दावा है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि यह ब्लैक होल हमारी आकाशगंगा को कैसे प्रभावित करेगा।
हाल ही में, अंतरराष्ट्रीय खगोलविदों की एक टीम ने एक तारामंडल की फिर से जांच की है। इस तारामंडल के केंद्र में एक सुपरमैसिव ब्लैक होल है। वैज्ञानिकों के मुताबिक इस ब्लैक होल ने अपनी दिशा बदल ली है और अब इसका मुंह सीधा पृथ्वी की ओर है। PBC J2333.9-2343 नाम का यह तारामंडल पृथ्वी से 65.7 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर है।
लगातार दिशा बदल रहा है ब्लैक होल
खगोलशास्त्री लोरेना हर्नांडेज ने इस संदर्भ में कहा, ''हमने इस तारामंडल की निगरानी शुरू कर दी है। यह अवलोकन इस नक्षत्र के वर्ण परिवर्तन के कारण होता है। हमारा मोटा अनुमान है कि इस आकाशगंगा के केंद्र में सुपरमैसिव ब्लैक होल ने दिशा बदल ली है। लेकिन अब ऐसा प्रतीत होता है कि इसका मुख पृथ्वी की ओर है और यह पृथ्वी की ओर लगाकार विकिरण भेज रहा है।''
वैज्ञानिक भी हैं परेशान
एक अध्ययन में खगोलविदों ने नक्षत्र के इस बदलते स्वरूप पर अनुमान लगाया। हालांकि उन्हें यकीन नहीं है कि आखिर ऐसा क्यों हुआ है। ज्यादातर वैज्ञानिकों के मुताबिक ऐसा PBC J2333.9-2343 नाम की एक और गैलेक्सी के टकराने की वजह से हुआ है। हालांकि, वैज्ञानिक अभी भी यह स्पष्ट नहीं कर पाए हैं कि ब्लैक होल की दिशा में परिवर्तन का पृथ्वी या हमाली आकाशगंगा पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।