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अध्ययन में हुआ खुलासा, दुनियाभर में सिर्फ चार तरह के होते हैं लोग

अक्सर हम अपने किसी परिचित के बारे में मिलनसार कहकर तारीफ करते हैं या फिर अपने आप में खोए रहने को लेकर शिकायत करते हैं। शोधकर्ता भी अलग-अलग व्यवहार करने वालों के व्यक्तित्व को समझने में लगे हुए हैं।...

अध्ययन में हुआ खुलासा, दुनियाभर में सिर्फ चार तरह के होते हैं लोग
हिटी,नई दिल्ली Wed, 16 Jan 2019 04:00 PM
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अक्सर हम अपने किसी परिचित के बारे में मिलनसार कहकर तारीफ करते हैं या फिर अपने आप में खोए रहने को लेकर शिकायत करते हैं। शोधकर्ता भी अलग-अलग व्यवहार करने वालों के व्यक्तित्व को समझने में लगे हुए हैं। नए शोध के मुताबिक दुनिया में पांच नहीं सिर्फ चार तरह के लोग हैं।

15 लाख लोगों पर किया शोध: नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर लुइस अमराल के नेतृत्व में वैज्ञानिकों ने इस बात को जानने की कोशिश की  कि दुनिया में कितने तरह के लोग होते हैं। इस दौरान करीब 15 लाख लोगों पर अध्ययन किया गया है। लेकिन नतीजे बेहत चौंकाने वाले थे। शोध के मुताबिक दुनिया में केवल चार श्रेणी के व्यक्ति हैं। इनमें रिजर्व केटेगरी, आत्मके्द्रिरत, रोल मॉडल और औसत श्रेणी के व्यक्ति शामिल हैं। 

शोध के मुताबिक औसत श्रेणी के लोग दुनिया में सबसे अधिक हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक औसत श्रेणी के लोगों को यदि आप साधारण समझ रहें हैं तो ये आपकी बड़ी भूल हो सकती है क्योंकि कई मायनों में इनका व्यक्तित्व कुछ खास होता है। जब भी कोई व्यक्ति किसी दूसरे से मिलने जाता है तो वह उम्मीद करता है कि सामने वाला मिलनसार हो। औसत श्रेणी के लोग इस पैमाने पर खरे होते हैं।

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कुछ इस तरह मिली प्रतिक्रिया: लुइस के मुताबिक व्यक्तित्व के वर्गीकरण के दौरान लोगों ने मक्कार, झूठा, बेईमान और हारे हुए व्यक्तित्व की केटेगरी बताकर ट्वीट किया।  लेकिन शोध के परिणाम में इनका कोई लेना-देना नहीं था।

पहले क्या थी स्थिति: इस नए शोध से पहले वैज्ञानिकों ने व्यक्तित्व की श्रेणी जानने के लिए कम माथापच्ची नहीं की थी।सबसे बड़ी चुनौती किसी एक राय पर कायम रहने की थी क्योंकि कई बार श्रेणी से अलग व्यक्तित्व की  जटिलता सामने आ जाती थी। 

इन्हें रिजर्व रहना पसंद
शोध के मुताबिक रिजर्व केटेगरी के लोग किसी भावुकता में नहीं बहते। ये बर्हिमुखी नहीं होते हैं। इस तरह के व्यक्तित्व वाले सहमति बनाकर चलने वाले और ईमानदार होते हैं। दुनिया के आईटी हब सिलिकन वैली पर इसी तरह के लोगों का सिक्का चलता है।

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औसत लोगों का बोलबाला
किसी व्यक्ति के ज्यादा मिलनसार होने की तारीफ करते हैं तो उसी को औसत कहकर तौहीन करने की गुस्ताखी न करें। शोध के मुताबिक औसत श्रेणी के लोग बर्हिमुखी या ज्यादा मिलनसार होते हैं और दुनिया में सबसे अधिक संख्या ऐसे ही लोगों की है। हालांकि, कुछ हद तक ये मानसिक विकारों से भी लैस होते हैं।

आत्मके्द्रिरत होते हैं पुरुष
आत्मके्द्रिरत होना या अपने आप में खोए रहना सामान्यत: अच्छा नहीं माना जाता है। लेकिन आप इस व्यक्तित्व के मालिक हैं तो आप में सीईओ बनने के गुण हैं। शोध के मुताबिक पुरुष ज्यादा आत्म के्द्रिरत होते हैं। सीईओ में इस श्रेणी के लोग ज्यादा हैं।

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