Hindi Newsविदेश न्यूज़Scientists warn about first batch of Covid-19 vaccine vaccine

कोविड-19 वैक्सीन के टीके की पहली खेप को लेकर वैज्ञानिकों ने चेताया

ब्रिटेन सरकार के टीका कार्यबल ने आगाह किया है कि कोविड-19 टीकों का पहला सेट 'त्रुटिपूर्ण' हो सकता है और हो सकता है कि हर किसी पर यह समान रूप से काम न करे। 'यूके वैक्सीन टास्क फोर्स'...

Rajesh Kumar एजेंसी, लंदन।Wed, 28 Oct 2020 10:23 PM
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कोविड-19 वैक्सीन के टीके की पहली खेप को लेकर वैज्ञानिकों ने चेताया

ब्रिटेन सरकार के टीका कार्यबल ने आगाह किया है कि कोविड-19 टीकों का पहला सेट 'त्रुटिपूर्ण' हो सकता है और हो सकता है कि हर किसी पर यह समान रूप से काम न करे। 'यूके वैक्सीन टास्क फोर्स' की अध्यक्ष केट बिंघम ने कहा कि उम्मीदों को प्रबंधित करना महत्वपूर्ण है क्योंकि शुरुआती खोज के पूरी तरह सटीक होने की संभावना नहीं है।

बिंघम ने पत्रिका 'द लैंसेट में इस सप्ताह एक लेख में लिखा, ''टीकों की पहली पीढ़ी के त्रुटिपूर्ण होने की संभावना है और हो सकता है कि ये हर किसी पर समान रूप से काम न करें।''  विभिन्न टीकों पर जारी परीक्षणों का ब्योरा आगामी हफ्तों में आने की उम्मीद है।

स्पूतनिक-V को लेकर बड़ा दावा

कोरोना वायरस के कहर के बीच पूरी दुनिया में वैक्सीन बनाने की कवायद तेज है। रूस ने बहुत पहले ही कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने का दावा किया है, जिसका तीसरे फेज का ट्रायल जारी है। अब तक जो परिणाम सामने आए हैं, उसके मुताबिक रूस की कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-5 को सुरक्षित और प्रभावी पाया गया है। करीब 85 फीसदी वॉलंटियर्स में इसका कोई साइडे इफेक्ट देखने को नहीं मिला है। 

द मॉस्को टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन वॉलंटियर्स को स्पूतनिक-5 वैक्सीन का डोज दिया गया, उनमें 85 फीसदी वॉलंटियर्स में इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं देखने को मिला। इस बात की जानकारी वैक्सीन के डेवलपर्स ने दी है। रूस ने स्पूतनिक-5 वैक्सीन को मॉस्को के गामालया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडिमियोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी के साथ मिलकर विकसित किया है, जिसका ऐलान फाइनल ट्रायल से पहले ही अगस्त महीने में किया गया। इस फाइनल ट्रायल में 40,000 वॉलंटियर्स शामिल हैं, जिनमें से 10000 को प्लासेबो दिए जाने की उम्मीद है। 

मॉस्को स्थित गमालया के प्रमुख अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने सरकारी टेलीविजन को बताया कि स्पुतनिक-5 के दुष्प्रभावों में हल्के तापमान वाले बुखार, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द शामिल है। इस तरह के साइड इफेक्ट्स महज उन 15 फीसदी लोगों में पाया गया है, जिनमें ट्रायल के दौरान वैक्सीन दिया गया है। उन्होंने कहा कि 85 फीसदी लोगों ने कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-5 में कोई साइड इफेक्ट महसूस नहीं किया है या फिर टीका लगाने के बाद उनमें कोई शिकायत देखने को नहीं मिली है। 

दरअसल, रूस ने पहले दो चरणों के मानव परीक्षण पूरे करने के बाद 11 अगस्त को टीके के मानकों पर खरा उतरने और टीकाकरण शुरू करने का ऐलान किया था। हालांकि रूस के पहले दो चरणों के परीक्षणों का डब्ल्यूएचओ या किसी अन्य प्रतिष्ठित संस्था ने निरीक्षण नहीं किया। ऐसे में टीके पर दुनियाभर की वैज्ञानिक संस्थाओं ने संदेह जाहिर किया था। रूस का गामेलया रिसर्च इंस्टीट्यूट 40 हजार वालंटियर पर टीके के तीसरे चरण का परीक्षण भी कर रहा है। हालांकि, जोखिम वाले समूहों को पहले ही टीका दिया जा रहा है। 

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