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दास्तां: ...जब एक 'कुत्ते' ने दुनिया के भविष्य के लिए दी थी अपनी जान

3 नवंबर 1957 वो दिन था जब पहली बार कोई जीवित प्राणी ब्रह्मांड में भेजा गया था। ये सौभाग्य किसी इंसान को नहीं बल्कि एक कुत्ते (फीमेल) 'लाइका' को मिला था।

Aabhasएजेंसियां,मॉस्कोThu, 02 Nov 2017 03:25 PM

आज से 60 साल पहले इसी तारीख को इतिहास में पहली बार किसी जीवित प्राणी को स्पेस में भेजा गया था।

आज से 60 साल पहले इसी तारीख को इतिहास में पहली बार किसी जीवित प्राणी को स्पेस में भेजा गया था।1 / 2

आज का दिन अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के लिए एक यादगार दिन होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि आज से 60 साल पहले इसी तारीख को इतिहास में पहली बार किसी जीवित प्राणी को स्पेस में भेजा गया था। Laika स्पेस में जाने वाली विश्व की पहली फीमेल डॉग थी।

3 नवंबर 1957 वो दिन था जब पहली बार कोई जीवित प्राणी ब्रह्मांड में भेजा गया था। ये सौभाग्य किसी इंसान को नहीं बल्कि एक कुत्ते (फीमेल) 'लाइका' को मिला था। आज उस पल को याद करते हुए लाइका को अलविदा कहन वाली एक वैज्ञानिक ने उससे जुड़े कुछ किस्से साझा किए।

'मैंने उससे माफी मांगी और गले लगाकर अलविदा कहा'
लाइका को ट्रनिंग देने वाली वैज्ञानिक अदिल्या कोतोविस्कया ने लॉन्चिंग वाले दिन को याद करते हुए कहा, 'मैंने उससे माफी मांगी और उसे रोते हुए गले से लगाया और आखिरी बार अलविदा कहा।' बता दें कि सोवियत यूनियन के मिशन में स्पेस में भेजी गई लाइका लॉन्च के बाद सिर्फ कुछ ही घंटों के लिए जीवित रह पाई थी। अदिल्या ने कहा, ' पृथ्वी के नौ चक्कर लगाने वाली लाइका पहली जानवर थी जिसने उस वक्त अंतरिक्ष खोज के भविष्य के लिए अपनी जान गंवाई थी।'

लाइका को स्पेस ट्रेनिंग देने वाली वैज्ञानिक ने कहा कि उससे पहले भी कई डॉग्स पर प्रयोग करके यह देखा गया था कि वो स्पेस पर भेजने लायक हैं कि नहीं, लेकिन लाइका उनमें से सबसे उपयुक्त थी।

वैज्ञानिकों ने कहा कि लाइका का स्वभाव काफी विनम्र था और उसके चेहरे पर मजाकिया हाव-भाव उभर आते थे

वैज्ञानिकों ने कहा कि लाइका का स्वभाव काफी विनम्र था और उसके चेहरे पर मजाकिया हाव-भाव उभर आते थे2 / 2

इन खूबियों के कारण ऐतिहासिक मिशन के लिए चुनी गई Laika
लाइका एक पालतु नहीं बल्की स्ट्रीट डॉग थी। जब उसे मिशन के लिए लाया गया वो तीन साल की थी और उसका वजन 6किलोग्राम था। वैज्ञानिकों ने कहा कि मेल डॉग्स के बजाए फीमेल डॉग्स को हमने इस मिशन के लिए इसलिए चुना क्योंकि उन्हें रहने के लिए कम जगह चाहिए होती है। इतना ही नहीं गली में रहने वाले कुत्ते ज्यादा कम डिमान्डिंग और ज्यादा कुशल होते हैं।

वैज्ञानिकों ने कहा कि साथ ही यह भी जरूरी था कि मिशन के लिए भेजे जाने वाला दिखने में भी सुन्दर हों। उन्होंने बताया कि लाइका का स्वभाव काफी विनम्र था और उसके चेहरे पर मजाकिया हाव-भाव उभर आते थे।

वैज्ञानिकों को पता था Laika कभी नहीं लोटेगी
कोतोविस्कया ने कहा कि हमें पहले से मालूल था कि लाइका स्पेस में जाएगी तो जिंदा वापस नहीं लौट पाएगी। इसी के चलते इस ऐतिहासिक लॉन्च के दिन वो अपनी प्रिय लाइका को गुड बाय कहने और अलविदा कहने पहुंची थीं।