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रूस के साथ जाने पर सऊदी अरब पर भड़का अमेरिका, कहा- रिश्तों पर हमें सोचना होगा

अमेरिका और सऊदी अरब के बीच बीते कुछ सालों में अच्छे रिश्ते रहे हैं, लेकिन अब दोनों के बीच दरारा आती दिख रही है। अमेरिका ने ऐलान किया है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन सऊदी के साथ रिश्तों की समीक्षा करेंगे।

रूस के साथ जाने पर सऊदी अरब पर भड़का अमेरिका, कहा- रिश्तों पर हमें सोचना होगा
Surya Prakashएएफपी,वॉशिंगटनWed, 12 Oct 2022 03:52 PM

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अमेरिका और सऊदी अरब के बीच बीते कुछ सालों में अच्छे रिश्ते रहे हैं, लेकिन अब दोनों के बीच दरारा आती दिख रही है। अमेरिका ने ऐलान किया है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन सऊदी अरब के साथ रिश्तों की समीक्षा करेंगे। तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक के हिस्से सऊदी अरब ने रूस का समर्थन करते हुए उत्पादन में कमी का ऐलान किया था। इसके चलते अमेरिका उससे नाराज हो गया है। ओपेक में शामिल 13 देशों और रूस के नेतृत्व वाले उसके 10 सहयोगी देशों ने बीते सप्ताह अपने एक फैसले से वाइट हाउस का पारा बढ़ा दिया था। दरअसल इन देशों ने फैसला लिया था कि नवंबर से वे तेल के उत्पादन में प्रतिदिन 2 मिलियन बैरल की कमी करेंगे। 

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इससे दुनिया भर में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आने की आशंका जताई जा रही है। अब अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा है, 'मुझे लगात है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन इस बात को लेकर एकदम स्पष्ट हैं कि सऊदी अरब के साथ अपने रिश्तों की एक बार समीक्षा करनी होगी।' किर्बी ने कहा कि निश्चित तौर पर ओपेक देशों के फैसले के चलते यह स्थिति पैदा हुई है। सऊदी अरब के रूस के साथ जाने से अमेरिका को करारा झटका लगा है, जो उसे अब तक अपने पाले में मानकर चल रहा था।

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जो बाइडेन ने इसी साल जुलाई में सऊदी अरब का दौरान किया था। इस दौरान वह क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से भी मिले थे। पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते फिर से बेहतर होने के संकेत इस यात्रा से मिले थे। अमेरिका की आंतरिक राजनीति के लिहाज से भी यह बाइडेन के लिए झटके जैसा हैय। अमेरिका में नवंबर में मध्यावधि चुनाव होने वाले हैं, उससे पहले महंगाई और बेरोजगारी को लेकर पहले ही विपक्ष की ओऱ से मुद्दा बनाया जा रहा है। वहीं अमेरिका की नाराजगी के बीच सऊदी अरब ने सफाई भी दी है। ओपेक के फैसले को लेकर सऊदी अरब ने कहा कि हमने तेल मार्केट में स्थिरता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया है। 

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मंगलवार को सऊदी विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान ने अल-अरबिया चैनल से बातचीत में कहा था कि यह फैसला पूरी तरह से आर्थिक मामला है। लेकिन सऊदी अरब की यह सफाई भी अमेरिका के गले नहीं उतरी है। इसके बाद भी उसकी ओर से ऐलान किया गया है कि सऊदी अरब के साथ रिश्तों की समीक्षा की जाएगी। इस बीच अमेरिकी सीनेट की विदेश मामलों की समिति के मुखिया बॉब मेनेंडेज ने तो साफ तौर पर कहा कि अमेरिका को सऊदी अरब के साथ सभी सहयोग समाप्त कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब के फैसले से पूरी दुनिया की इकॉनमी प्रभावित हो सकती है। उसने यह फैसला लेते हुए रूस की ओर से यूक्रेन पर खूंखार हमले की बात को नजरअंदाज किया है।

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