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दो दुश्मन बनने जा रहे दोस्त, सऊदी अरब- इजरायल के बीच दोस्ती से अमेरिका को क्या फायदा, क्यों कर रहा मध्यस्थता

Saudi Arabia and Israel Relations: क्राउन प्रिंस ने अमेरिकी फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में कहा, "हर दिन, हम करीब आ रहे हैं।" हालांकि उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनियों के साथ व्यवहार एक अहम मुद्दा बना

दो दुश्मन बनने जा रहे दोस्त, सऊदी अरब- इजरायल के बीच दोस्ती से अमेरिका को क्या फायदा, क्यों कर रहा मध्यस्थता
Pramod Kumarलाइव हिन्दुस्तान,वाशिंगटनThu, 21 Sep 2023 08:40 AM
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Saudi Arabia and Israel Relations:  सऊदी अरब और इजरायल के बीच संबंध कभी सामान्य नहीं रहे हैं लेकिन अब दोनों दुश्मन देश दोस्त बनने जा रहे हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका लंबे समय से इसकी मध्यस्थता कर रहा है। अमेरिकी कोशिशें रंग लाती दिख रही हैं। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा है कि उनका देश इजराइल के साथ रिश्ते सामान्य करने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि अन्य खाड़ी देशों के इसी तरह के कदमों के बाद और सऊदी-इजरायल समझौते के लिए अमेरिका के बड़े दबाव के बीच दोनों देश आपसी रिश्ते पटरी पर लाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

क्राउन प्रिंस ने अमेरिकी फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में कहा, "हर दिन, हम करीब आ रहे हैं।" हालांकि उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनियों के साथ व्यवहार एक अहम मुद्दा बना हुआ है। सऊदी अरब और इजरायल के बीच संबंधों को पटरी पर लाने की कोशिशें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के हस्तक्षेप के बाद हुई हैं। बाइडेन प्रशासन ने क्षेत्रीय ताकतों को एकजुट होने का आह्वान किया है, ताकि पूरी दुनिया में शांति और सद्भाव लाया जा सके।

अमेरिका का ऑफर
इधर, सऊदी अरब  संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ एक एग्रीमेंट पर चर्चा कर रहा है, जिसमें अमेरिका रक्षा समझौते और नागरिक परमाणु कार्यक्रम को विकसित करने में सऊदी अरब  की मदद करेगा और बदले में सऊदी अरब इजरायल से संबंध सामान्य बनाएगा। अमेरिका ने सऊदी अरब को यह ऑफर दिया है कि अगर वह इजरायल के साथ संबंध बेहतर बनाता है तो वह रियाद के साथ जापान और दक्षिण कोरिया जैसा सैन्य समझौता करेगा।

दोस्ती में कई दांव-पेच
हालांकि, सऊदी अरब और इजरायल के बीच रिश्ते सामान्य होना इतना आसान नहीं है क्योंकि दोनों देश फिलिस्तीन को लेकर उलझन में हैं और दोनों के बीच वार्ता के केंद्रबिंदु में कई जटिलताएं हैं। सऊदी अरब ने कहा है कि फिलिस्तीनी राज्य के निर्माण के लिए मिलकर काम करना होगा। सऊदी की यह शर्त इजरायल के लिए सबसे बड़ी मुश्किल हो सकती है। क्राउन प्रिंस ने कहा, 'हमारे लिए, फिलिस्तीन का मुद्दा बेहद महत्वपूर्ण है। हमें उसे सुलझाना होगा।' इसके अलावा उन्होंने कहा कि अभी तक इस मुद्दे पर एक अच्छी बातचीत चल रही है।

क्राउन प्रिंस ने क्या कहा
उन्होंने कहा, "फिलिस्तीनी मुद्दा रियाद के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।" जब उनसे पूछा गया कि सामान्यीकरण समझौता पाने के लिए क्या करना होगा, तो उन्होंने कहा, "हमें उस हिस्से को हल करने की ज़रूरत है। हमें देखना होगा कि हम कहाँ तक जा सकते हैं। हमें उम्मीद है कि यह एक मुकाम तक पहुंचेगा, इससे फिलिस्तीनियों का जीवन आसान हो जाएगा और इजराइल भी मध्य पूर्व में एक बड़ा भागीदार हो जाएगा।"

अमेरिका को क्या फायदा
दरअसल अमेरिका चाहता है कि मध्य-पूर्व की क्षेत्रीय ताकतों के बीच रिश्ते सामान्य हों। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, अगर ये रिजनल मेगा डील साकार होता है तो जो बाइडेन की विदेश नीति की बड़ी जीत होगी। और यह जीत उनके लिए अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनावों में मददगार साबित हो सकती है। 

बता दें कि सऊदी अरब और इजरायल दोनों लंबे समय से ईरान के प्रतिद्वंद्वी रहे हैं लेकिन मार्च में रियाद और तेहरान के राजनयिक संबंधों को बहाल करने पर सहमति के बाद से संबंधों में सुधार हुआ है। तेहरान ने परमाणु हथियार की मांग से इनकार किया है, लेकिन वह वर्षों से अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संदेह के केंद्र में है।

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