रूस की पूरी नौसेना ने बड़े स्तर पर शुरू किया युद्धाभ्यास, यूक्रेन पर बड़े बवाल की आशंका; बढ़ेगा नाटो का सर दर्द
रूसी रक्षा मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि रूस की नौसेना ने आर्कटिक और प्रशांत महासागरों और बाल्टिक और कैस्पियन सागरों में अपने लगभग सभी बेडों को शामिल करते हुए योजनाबद्ध युद्ध अभ्यास शुरू कर दिया है
यूक्रेन में लंबे चलते युद्ध और अमेरिका द्वारा जर्मनी में मिसाइल रखने के फैसले के बाद रूस ने अपनी लगभग पूरी नौसेना के साथ आर्कटिक, प्रशांत महासागरों में युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है। रूसी रक्षा मंत्रालय के अनुसार यह एक योजनाबद्ध युद्धाभ्यास होगा जिसमें लगभग पूरी नौसेना शामिल होगी। रूस की सेना और वायुसेना पहले ही युक्रेन के साथ युद्ध में उलझी हुई है। ऐसे में उसे युद्धाभ्यास की जरूरत नहीं है। युक्रेन युद्ध में रूसी नौसेना ड्रोन हमलों के सामने बेबस नजर आई थी।
अधिकांश सैन्य विशलेषकों द्वारा रूस को संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे शक्तिशाली नौसेना माना जाता है। रूस के पास एक महत्वपूर्ण बैलिस्टिक- मिसाइल परमाणु पनडुब्बी बेड़ा है। जो कि नाटो की सेनाओं के लिए सबसे बड़ा खतरा साबित हो सकता है।
रूसी रक्षा मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि नौसेना के युद्धाभ्यास में 20 हजार नौसैनिक और करीब 300 जहाज शामिल होंगे। सभी स्तरों पर नौसेना की तत्परता और क्षमताओं का परीक्षण करेंगे।इस अभ्यास में विमान भेदी मिसाइलों, तोपखानों , पनडुब्बी रोधी हथियारों के उपयोग करने और उनकी क्षमता को देखने का प्रयास किया जाएगा।
इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य सभी स्तरों पर नौसेना के सैन्य अधिकारियों के कार्यों के साथ-साथ जहाजों के चालक दल नौसेना की हवाई ईकाइयों और तटीय सैनिकों की तैयारी को परखना है। रूस की नौसेना का यह युद्धाभ्यास इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि रूस यूक्रेन के साथ युद्ध में हैं और 2022 में जब रूसी सेना ने युक्रेन पर आक्रमण किया था तो युद्ध में भाग लेने वाला एकमात्र रूसी बेड़ा , काला सागर बेड़ा युक्रेन के ड्रोन यु्द्ध प्रणाली के सामने संघर्ष करता हुआ नजर आया था जिसके बाद रूस को काफी नुकसान भी हुआ था। रूस ने अपने नौसेना प्रमुख को भी हटा दिया था। आने वाले संघर्षों से निपटने के लिए रूसी सेना इस युद्धाभ्यास से खुद को तैयार करने की कोशिश करेगी।
रविवार को ही रूसी नौसेना दिवस के मौके पर रूस ने अमेरिका को चेतावनी दी थी कि यदि जर्मनी में लंबी दूरी वाली मिसाइलों को तैनात किया गया तो रूस भी पीछे नहीं हटेगा और अपनी पश्चिमी सीमा तक ऐसी ही मिसाइलों की तैनाती करेगा। इस नौसेना दिवस के मौके पर भारत का एक युद्धपोत भी मौजूद था। फरवरी 2022 में युक्रेन पर आक्रमण करने के बाद रूस ने चीन या अपनी दम पर कई सैन्य अभ्यास किए हैं।