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रूस की नई पीढ़ी को भी युद्ध की आग में झोंक रहे पुतिन, नन्हें-मुन्ने बच्चों को थमाया जा रहा गोला-बारूद, स्टेनगन

रूसी स्कूलों में खेल के मैदान परेड मैदान बनते जा रहे हैं। नर्सरी कक्षा के बच्चे वर्दी पहन रहे हैं और मार्चिंग अभ्यास में भाग ले रहे हैं। बच्चों को गोली चलाना सिखाया जा रहा है।

रूस की नई पीढ़ी को भी युद्ध की आग में झोंक रहे पुतिन, नन्हें-मुन्ने बच्चों को थमाया जा रहा गोला-बारूद, स्टेनगन
Gaurav Kalaलाइव हिन्दुस्तान,मॉस्कोMon, 25 Sep 2023 01:39 PM
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Russian Children Preparing for War- यूक्रेन के खिलाफ युद्ध शुरू करने के बाद से करीब आधी दुनिया रूस के खिलाफ होती जा रही है। पश्चिमी देशों और अमेरिकी धमकियों से घिरे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अब देश के बच्चों से लेकर युवाओं को सेना में भर्ती करने का ख्वाब देख रहे हैं। उनके आदेश पर युवा बीते कुछ महीनों से बड़ी संख्या में मिलिट्री जॉइन कर रहे हैं। अब नन्हें-मुन्ने बच्चों को भी सेना की तालीम जा रही है। रूसी स्कूलों में खेल के मैदान परेड मैदान बनते जा रहे हैं। प्रशांत महासागर से लेकर काला सागर तक के स्कूलों में नर्सरी कक्षा के बच्चे वर्दी पहन रहे हैं और मार्चिंग अभ्यास में भाग ले रहे हैं। बच्चों को खाई खोदना, हथगोले फेंकना और गोली चलाना सिखाया जा रहा है।

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है। खासकर इन दोनों देशों को पूरी तरह से बदल दिया है। यूक्रेन अपनी जमीन बचाने के लिए आखिरी सांस तक झोंकने को तैयार है। दूसरी तरफ बड़ी संख्या में अपनों को खोने के बावजूद रूस के कदम भी रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। व्लादिमीर पुतिन की सरकार सैनिकों की संख्या कम न हो, इसके लिए युवाओं को तरह-तरह के प्रलोभन देकर सेना में भर्ती किया जा रहा है। अब तो नन्हें-मुन्ने बच्चों को भी सेना में लाने की तैयारी पूरे जोर से चल रही है। देश भर के स्कूलों में, सशस्त्र बलों में सेवा का महिमामंडन किया जा रहा है, किशोरों की "स्वैच्छिक कंपनियां" बनाई जा रही हैं और मातृभूमि की रक्षा पर जोर देने के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है।

किताबों में सेना का महिमामंडन
कुल मिलाकर रूस के बच्चों को युद्ध के लिए तैयार किया जा रहा है।  यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से रूस के पब्लिक स्कूलों का सैन्यीकरण तेज हो गया है, जो देशभक्ति की भावना की सहज वृद्धि से नहीं, बल्कि मॉस्को में सरकार द्वारा प्रेरित है। स्कूल में मातृभूमि से प्रेरित पाठ्यक्रम और सेना का महिमामंडन भी शामिल है। अगस्त में, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने स्कूलों में एक नया अनिवार्य पाठ्यक्रम "मातृभूमि की सुरक्षा और रक्षा के बुनियादी सिद्धांत" शुरू करने वाले कानून पर हस्ताक्षर किए थे। 

स्कूल के खेल मैदानों में सेना की ट्रेनिंग
शिक्षा मंत्रालय ने बाद में इस पहल के हिस्से के रूप में सैन्य इकाइयों के भ्रमण, "सैन्य-खेल खेल, सैन्य कर्मियों और दिग्गजों के साथ बैठकें" और ड्रोन पर कक्षाएं शामिल करने के लिए पाठ्यक्रमों को बढ़ावा दिया है। सीएनएन की रिपोर्ट है कि मंत्रालय के अनुसार, हाई-स्कूल के छात्रों को "फायरिंग लाइन पर अनुभवी सैन्य अधिकारियों की देखरेख में" गोला बारूद का उपयोग करना सिखाया जा रहा है।

सात से आठ साल के बच्चे सीख रहे बंदूक चलाना
रूस में स्थानीय और सोशल मीडिया पर सर्वेक्षण में पाया गया कि सात या आठ साल की उम्र के बच्चे सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। सेना और नौसेना की वर्दी में मार्च कर रहे हैं। रूस में बच्चों को युद्ध में योगदान की बातें सिखाई जा रही है। उधर, स्थानीय सरकारी मीडिया इन सभी गतिविधियों को यूक्रेन के खिलाफ अभियान के समर्थन में देशभक्ति की भावना के रूप में दिखाने की कोशिश कर रहा है।

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