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रूस में 12 अगस्त को रजिस्टर होगी वैक्सीन, अक्टूबर में शुरू होगा टीकाकरण, लेकिन पश्चिमी देशों को यह डर 

जिस कोरोना वैक्सीन का इंतजार इस समय दुनिया के हर शख्स को है, रूस ने उसको लेकर बड़ा दावा किया है। रूस के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मिखाइल मुराशको ने कहा है वैक्‍सीन ट्रायल में सफल रही है और...

रूस में 12 अगस्त को रजिस्टर होगी वैक्सीन, अक्टूबर में शुरू होगा टीकाकरण, लेकिन पश्चिमी देशों को यह डर 
एजेंसियां,मॉस्कोFri, 07 Aug 2020 06:14 PM
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जिस कोरोना वैक्सीन का इंतजार इस समय दुनिया के हर शख्स को है, रूस ने उसको लेकर बड़ा दावा किया है। रूस के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मिखाइल मुराशको ने कहा है वैक्‍सीन ट्रायल में सफल रही है और अक्टूबर से देश में टीकाकरण शुरू हो जाएगा। इस बीच रूस के उप स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ओलेग ग्रिदनेव ने कहा कि रूस 12 अगस्‍त को दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्‍सीन को पंजीकृत कराएगा। 

इस वैक्सीन को गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट और रसियन डिफेंस मिनिस्ट्री ने मिलकर तैयार किया है। ग्रिदनेव ने कहा, ''गामालेया सेंटर में डिवेलप वैक्सीन को 12 अगस्त को रजिस्टर कराया जाएगा। इस समय तीसरे और अंतिम चरण का परिक्षण चल रहा है। ट्रायल बेहद महत्वपूर्ण हैं। हमें समझना होगा कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित होनी चाहिए। चिकित्सा कर्मियों और वरिष्ठ नागरिकों को सबसे पहले टीका लगाया जाएगा।'' 

इस वैक्सीन के लिए ट्रायल 18 जून को शुरू हुआ था, जिसमें 38 लोगों को टीका लगाया गया था। सभी लोगों में इम्युनिटी डिवेलप हुआ था। पहले ग्रुप को 15 जुलाई और दूसरे ग्रुप को 20 जुलाई को डिस्चार्ज किया गया था। रूस का दावा है कि वह कोविड-19 टीके को स्वीकृति देने वाला पहला देश बनने जा रहा है जहां अक्टूबर की शुरुआत में उन टीकों की मदद से सामूहिक टीकाकरण किया जाएगा जिनका अभी तक क्लिनिकल परीक्षण पूरा नहीं हुआ है। इसे लेकर दुनिया भर के वैज्ञानिक चिंतित हैं कि कहीं अव्वल आने की यह दौड़ उलटी न साबित हो जाए।

मॉस्को स्पूतनिक (धरती का पहला कृत्रिम उपग्रह) की तरह प्रचारित जीत हासिल करने की सोच रहा है जो विश्व के पहले उपग्रह के 1957 में सोवियत संघ के प्रक्षेपण की याद दिलाए। लेकिन प्रायोगिक कोविड-19 टीकों का कुछ लोगों पर पहला मानवीय परीक्षण करीब दो महीने पहले शुरू हुआ था और टीका बनाने की वैश्विक प्रक्रिया में रूस के दावे को समर्थन देने के लिए अब तक कोई वैज्ञानिक साक्ष्य प्रकाशित नहीं हुए हैं। इससे अब तक यह भी स्पष्ट नहीं हो सका है कि उसे इस प्रयास में सबसे आगे क्यों माना जाएगा।

जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में वैश्विक जन स्वास्थ्य कानून विशेषज्ञ, लॉरेंस गोस्टिन ने कहा, ''मुझे चिंता है कि रूस बहुत जल्दबाजी कर रहा है जिससे कि टीका न सिर्फ अप्रभावी होगा बल्कि असुरक्षित भी।'' उन्होंने कहा, ''यह इस तरीके से काम नहीं करता है...सबसे पहले परीक्षण होने चाहिए। वह सबसे जरूरी है।''

इस प्रयास को प्रायोजित करने वाले, रूस के प्रत्यक्ष निवेश कोष के प्रमुख, किरिल डिमित्रीव के मुताबिक, गामालेया अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित टीके को कुछ दिनों में स्वीकृति दे जाएगी और यह वैज्ञानिकों द्वारा तीसरे चरण का अध्ययन पूरा करने से पहले होगा। अंतिम चरण का अध्ययन एकमात्र तरीका है जिससे यह साबित हो सकता है कि कोई प्रायोगिक टीका सुरक्षित और असरदायक है। इस चरण में लाखों लोगों पर परीक्षण किया जाता है।

स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराशको ने कहा कि 'जोखिम समूहों' के सदस्यों, जैसे चिकित्सीय पेशेवरों को इस महीने टीका लगाया जा सकता है। उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या वे तीसरे चरण के अध्ययन का हिस्सा होंगे जिसे टीके को ''सशर्त मंजूरी'' मिलने के बाद पूरा किया जाना है।

उप प्रधानमंत्री तात्याना गोलिकोवा ने सितंबर में 'औद्योगिक उत्पादन' शुरू करने का वादा किया और मुराशको ने कहा है कि सामूहिक स्तर पर टीकाकरण अक्टूबर में शुरू होगा। अमेरिका के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ, डॉ एंथनी फाउची ने इस त्वरित दृष्टिकोण पर पिछले हफ्ते सवाल उठाए थे।

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