Hindi Newsविदेश न्यूज़rift in nepal communist party pm kp sharma oli and pushpa kamal dahal prachanda

नक्शा विवाद से भारत के खिलाफ भावनाएं भड़काने से भी ओली को फायदा नहीं, प्रचंड हिलाने लगे कुर्सी

भारतीय इलाकों को नेपाल के नक्शे में शामिल करके केपी ओली शर्मा ने राष्ट्रवाद के जरिए अपने खिलाफ जनता में उठती आवाजों को दबाने का प्रयास किया, लेकिन पार्टी के अंदर ही लावा फूट पड़ा है। नेपाल...

नक्शा विवाद से भारत के खिलाफ भावनाएं भड़काने से भी ओली को फायदा नहीं, प्रचंड हिलाने लगे कुर्सी
Sudhir Jha लाइव हिन्दुस्तान , काठमांडूThu, 25 June 2020 06:11 AM
हमें फॉलो करें

भारतीय इलाकों को नेपाल के नक्शे में शामिल करके केपी ओली शर्मा ने राष्ट्रवाद के जरिए अपने खिलाफ जनता में उठती आवाजों को दबाने का प्रयास किया, लेकिन पार्टी के अंदर ही लावा फूट पड़ा है। नेपाल की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी में दो फाड़ के आसार बढ़ गए हैं। लंबे इंतजार के बाद बुधवार को नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) की स्टैंडिंग कमिटी की बैठक शुरू हुई तो पार्टी के दो अध्यक्षों केपी शर्मा ओली और पुष्प कमल दहल प्रचंड के बीच जमकर वार-पलटवार हुआ। दो महीने तक बचते रहने के बाद प्रधानमंत्री केपी ओली बैठक में शामिल हुए तो प्रचंड और माधव कुमार नेपाल पर जमकर निशाना साधा तो प्रचंड ने भी कोई कसर बाकी नहीं रखी। प्रचंड ने ओली को त्याग के लिए तैयार रहने को कह दिया है।  

हिमालयन टाइम्स के मुताबिक, प्रचंड के साथ पार्टी अध्यक्ष की कुर्सी साझा करने वाले ओली ने कहा कि उनकी पार्टी अच्छा काम कर रही है लेकिन पार्टी में विरोधी खेमे के नेताओं का रवैया विपक्ष के जैसा है। उन्होंने कहा कि इन नेताओं की वजह से ही सरकार के अच्छे काम का संदेश जनता तक नहीं पहुंच पा रहा है। 

एनसीपी स्टैंडिंग कमिटी मेंबर मणि थापा के मुताबिक, ओली ने कहा कि सरकार कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने में सफल रही है। हालांकि, देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 10 हजार से अधिक हो चुकी है और बुधवार को भी 600 से अधिक केस मिले हैं। ओली ने यह भी कहा कि मार्च के अंत में लागू लॉकडाउन के बावजूद कारोबार को बढ़ावा देने में सरकार सफल रही है। 

ओली ने यह भी कहा कि राष्ट्रवादी मुद्दों को उठाने की वजह से कुछ विदेशी ताकतें सरकार से नाराज हैं। केपी ओली ने कहा कि यदि उनकी सरकार ने शासन चलाने में कुछ गलतियां की हैं तो वह जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं। उन्होंने पार्टी नेताओं से एकता के साथ काम करने और जनता के बीच सरकार के कामकाज का बचाव करने को कहा। 

हालांकि, जब दहल को बोलने का मौका मिला तो उन्होंने भी ओली को जमकर सुनाया। उन्होंने पीएम पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार की ओर से हुए अच्छे काम के लिए दूसरे नेताओं के योगदान को नजरअंदाज करके सारा श्रेय एक नेता को नहीं लेना चाहिए। 

काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि दहल ने ओली पर आरोप लगाया कि वह पार्टी को अपनी मर्जी के मुताबिक चला रहे हैं जबकि उन्होंने पार्टी कामकाज में उन्हें (दहल) को अधिक अधिकार दिए जाने की बात स्वीकार की थी। पार्टी के एक नेता के मुताबिक प्रचंड ने ओली से कहा, ''या तो हमें रास्ते अलग करने होंगे या हमें सुधार करने की जरूरत है। चूंकि अलग होना संभव नहीं है, इसलिए हमें अपने तरीके में बदलाव करना होगा, जिसके लिए हमें 'त्याग' करने के लिए तैयार रहना चाहिए।'' 

'त्याग' को लेकर पार्टी नेताओं का मानना है कि दहल ओली से पार्टी अध्यक्ष या प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे की मांग करने जा रहे हैं। दहल ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं झाला नाथ खनल, बामदेव गौतम और नारायण काजी श्रेष्ठा की मदद से अप्रैल में भी दहल से इस्तीफा लेने की कोशिश कर चुके हैं। बहरहाल यह तो तय है कि नेपाल की सत्ताधारी पार्टी में आने वाले दिनों में उठापठक तेज होने वाली है।

(तस्वीर साभार- काठमांडू पोस्ट)

लेटेस्ट   Hindi News,   बॉलीवुड न्यूज,  बिजनेस न्यूज,  टेक ,  ऑटो,  करियर ,और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें