26/11 मुंबई हमले को सुलाझाना पाकिस्तान के हित में है : इमरान खान
प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया कि उनकी सरकार 2008 के मुंबई हमले के साजिशकर्ताओं को इंसाफ के कठघरे में लाना चाहती है और यह पाकिस्तान के हित में है। उन्होंने बृहस्पतिवार को 'वाशिंगटन पोस्ट के...
प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया कि उनकी सरकार 2008 के मुंबई हमले के साजिशकर्ताओं को इंसाफ के कठघरे में लाना चाहती है और यह पाकिस्तान के हित में है। उन्होंने बृहस्पतिवार को 'वाशिंगटन पोस्ट के साथ एक साक्षात्कार में कहा, 'भारत में चुनाव आने वाले हैं। (भारत के) सत्ताधारी दल का रुख मुस्लिम विरोधी और पाकिस्तान विरोधी है। उन्होंने मेरी सभी पहल को खारिज कर दिया। उम्मीद करें कि चुनावों के खत्म होने के बाद हम फिर से भारत के साथ वार्ता शुरू कर पाएंगे।
भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट रूप से बता दिया है कि बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत से तब तक स्पष्ट तौर पर इनकार किया था जब तक वह भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकी गतिविधियों को बंद नहीं करता। भारत में अप्रैल या मई 2019 में आम चुनाव होने हैं। मुंबई आतंकी हमले का जिक्र करते हुए खान ने कहा कि पाकिस्तान चाहता है कि ''मुंबई के हमलावरों के बारे में कुछ किया जाए।
उन्होंने कहा, ''मैंने अपनी सरकार से मामले की स्थिति के बारे में पता करने को कहा है। उन्होंने कहा कि यह मामला हमारे हित में है क्योंकि यह आतंकवादी कृत्य था। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादी 26 नवंबर 2008 को समुद्र के रास्ते भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में घुसे और अंधाधुंध गोलीबारी कर 166 लोगों की जान ले ली। सुरक्षा बलों ने नौ आतंकवादियों को मार गिराया था जबकि जिंदा पकड़े गए एक मात्र आतंकवादी अजमल कसाब को भारतीय अदालत से मृत्युदंड मिलने के बाद फांसी के फंदे पर लटका दिया गया था।
डोनाल्ड ट्रंप की डांट के बाद पाकिस्तानी सेना चाहती है भारत के साथ शांति
गौरतलब है कि 26/11 हमले का मास्टर माइंड और प्रतिबंधित जमात उद दावा का प्रमुख हाफिज सईद अब भी पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहा है। यह इस बात का संकेत है कि पाकिस्तान उनके खिलाफ कार्रवाई को लेकर गंभीर नहीं है। अमेरिका ने सईद पर एक करोड़ अमेरिकी डॉलर का ईनाम रखा है। इस साल अगस्त में पदभार ग्रहण करने के बाद इमरान खान ने कहा था कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ शांति वार्ता के लिये तैयार हैं। पाकिस्तान ने सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर न्यूयार्क में विदेश मंत्री स्तरीय बातचीत का प्रस्ताव किया था। भारत ने प्रस्ताव को स्वीकार किया लेकिन बाद में उसे खारिज कर दिया और पाकिस्तान पर जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों की हत्या करने तथा आतंकवाद को महिमा मंडित करने का आरोप लगाया।
भारत और पाकिस्तान दोनों ने बहुप्रतीक्षित करतारपुर गलियारे को पिछले महीने मंजूरी दे दी। चार किलोमीटर लंबा यह गलियारा भारत के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक को पाकिस्तान में नारोवाल स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारे से जोड़गा। खान ने एक साक्षात्कार में कहा, ''मैंने भारत के साथ एक वीजामुक्त शांति गलियारा खोला जिसे करतारपुर गलियारा कहा गया। उम्मीद करें कि चुनाव खत्म होने के बाद हम भारत के साथ एक बार फिर बातचीत शुरू कर सकें।
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