पुलवामा हमला: डोभाल ने की अमेरिकी NSA से बात, मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी बनाने पर सहमति
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने अपने अमेरिकी समकक्ष अजित डोभाल के साथ फोन पर बातचीत में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त करने के साथ ही...
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने अपने अमेरिकी समकक्ष अजित डोभाल के साथ फोन पर बातचीत में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त करने के साथ ही जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के भारत के प्रयास के प्रति समर्थन जताया है। विदेश मंत्रालय के एक बयान में शनिवार को यह कहा गया।
बयान के मुताबिक, अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 समिति के तहत सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत के आत्मरक्षा के अधिकार के प्रति समर्थन जताया। डोभाल और बोल्टन ने पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के तहत अपने दायित्वों के लिए जवाबदेही स्वीकार करने और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव के तहत अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है।
National Security Advisor Ajit Doval had a telephonic conversation with his US counterpart John Bolton on the evening of 15 Feb. The call was initiated by the US side to express condolences & outrage over #PulwamaAttack attack by Pakistan-based terrorist group JeM. (file pic) pic.twitter.com/MlB6TU0ULb
— ANI (@ANI) February 16, 2019
उल्लेखनीय है कि 14 फरवरी को पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के फिदायीन हमलावर ने विस्फोटकों से भरे एक वाहन को केन्द्रीय सुरक्षा बल के काफिले में घुसाकर विस्फोट कर दिया था। हमले में 40 जवान शहीद हो गये और कई घायल हुए हैं। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराया है और कहा है कि हमले के प्रायोजकों और दोषियों को माकूल जवाब दिया जायेगा। हमले को लेकर देशभर में आक्रोश और जबरदस्त गुस्सा है
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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जैश-ए-मोहम्मद को पहले ही आतंकवादी संगठन घोषित कर चुका है। चीन अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रयास में हमेशा रोड़ा अटकाता रहा है। जेईएम के 1989 में आतंकवाद के सिर उठाने के बाद से जम्मू एवं कश्मीर में अंजाम दिए गए सबसे जघन्य हमले की जिम्मेदारी स्वीकरने के बावजूद बीजिंग ने शुक्रवार को भी संकेत में दिया कि वह अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रयास को रोकता रहेगा।
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, "दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने इस बात को सुनिश्चित करने के लिए साथ काम करने की प्रतिबद्धता जताई है कि पाकिस्तान जेईएम और भारत, अमेरिका या क्षेत्र में अन्य देशों को निशाना बनाने वाले समूहों को सुरक्षित पनाहगाह देना बंद करे।" बोल्टन और डोभाल के बीच शुक्रवार शाम को हुई वार्ता में इस पर सहमति बनी। अमेरिकी राजनयिक ने हमले को दोषियों और उनके प्रति समर्थन जताने वालों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए हर प्रकार की सहायता का आश्वासन दिया है।
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जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों के कायराना हमले के खिलाफ भारत को लगातार सहयोग मिल रहा है और इसी क्रम में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उनका देश भारत के साथ है। इससे पहले शुक्रवार को व्हाइट हाउस ने भी आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए पाकिस्तान को आतंकवादियों को संरक्षण और मदद देने पर तुरंत पाबंदी लगाने को कहा था।
पोम्पयो ने पुलवामा आतंकवादी हमले के खिलाफ पाकिस्तान को आगाह किया कि वह आतंकवादियों को मदद पहुंचाना और उनका सुरक्षित पनाहगाह बनना तुरंत बंद करे, इससे अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो जायेगा। पोम्पियो ने ट्वीट किया, “भारतीय सुरक्षा बलों पर हुए भीषण हमले की अमेरिका आलोचना करता है। इस हमले में जान गंवाने वाले जवानों और उनके परिजनों के प्रति हमारी गहरी संवेदना है।”
उन्होंने कहा, “आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हम भारत के साथ मजबूती से खड़े हैं। पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले आतंकवादियों को संरक्षण देना बंद करे।” इसके पहले व्हाइट हाउस की प्रवक्ता साराह सैंडर्स ने बयान जारी करके पाकिस्तान की इमरान खान की सरकार पर दबाव बनाते हुए सभी आतंकवादी संगठनों को समर्थन और संरक्षण देने पर तत्काल रोक लगाने को कहा था।
(इनपुट एजेंसी से भी)