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भारत आएंगे पोप फ्रांसिस, PM मोदी का आमंत्रण स्वीकार कर बोले- उन्होंने महान तोहफा दिया

पोप फ्रांसिस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है और वो जल्द ही भारत आ सकते हैं। रोम में मौजूद विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला ने कहा कि पोप फ्रांसिस ने पीएम मोदी का आमंत्रण...

भारत आएंगे पोप फ्रांसिस, PM मोदी का आमंत्रण स्वीकार कर बोले- उन्होंने महान तोहफा दिया
लाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीSat, 30 Oct 2021 09:42 PM
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पोप फ्रांसिस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है और वो जल्द ही भारत आ सकते हैं। रोम में मौजूद विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला ने कहा कि पोप फ्रांसिस ने पीएम मोदी का आमंत्रण स्वीकार कर लिया है और वो जल्द भारत आएंगे। पीएम मोदी और पोप फ्रांसिस के बीच 20 मिनट की बैठक तय हुई थी जो करीब 1 घंटे तक चली। हर्ष वर्धन श्रृंगला ने कहा कि साल 1999 में अंतिम भार पोप जॉन पॉल 2 भारत आए थे। अब पोप फ्रांसिस ने पीएम मोदी का आमंत्रण स्वीकार कर लिया है। पोप फ्रांसिस ने कहा, 'आपने मुझे सबसे अच्छा तोहफा दिया। मैं जल्द भारत आने को लेकर उत्सुक हूं।'

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि पोप फ्रांसिस से उनकी मुलाकात बेहद गर्मजोशी भरी रही और उन्होंने रोमन कैथोलिक चर्च के प्रमुख के साथ कोविड-19 तथा जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। साथ ही उन्हें जल्द भारत की यात्रा के लिये आमंत्रित किया। मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं, जिनसे फ्रांसिस ने 2013 में पोप बनने के बाद मुलाकात की है। मोदी ने मुलाकात की तस्वीरें भी साझा कीं। मोदी ने वैटिकन एपोस्टॉलिक पैलेस में हुई ऐतिहासिक बैठक के बाद ट्वीट किया, 'पोप फ्रांसिस से मुलाकात बहुत गर्मजोशी भरी रही। उनके साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर मिला। उन्हें भारत की यात्रा के लिये आमंत्रित भी किया।'
     
विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि पोप फ्रांसिस ने वेटिकन में एपोस्टॉलिक पैलेस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया। इससे पहले किसी भारतीय प्रधानमंत्री की किसी पोप से आखिरी मुलाकात जून 2000 में हुई थी, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी वेटिकन आए थे और पोप जॉन पॉल द्वितीय से मुलाकात की थी। विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारत और द होली सी (वेटिकन सिटी) के बीच 1948 में राजनयिक संबंधों की स्थापना के समय से मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। एशिया में भारत दूसरा देश है, जहां बड़ी संख्या में कैथोलिक आबादी रहती है। इसमें कहा गया है कि बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने कोविड -19 महामारी और दुनिया भर के लोगों के लिए इसके परिणामों  और जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौती पर भी चर्चा की।
    
विज्ञप्ति में कहा गया है कि परम पूजनीय (पोप फ्रांसिस) ने महामारी के दौरान जरूरतमंद देशों को भारत की ओर से सहायता दिये जाने की सराहना की।    इसमें कहा गया कि प्रधानमंत्री ने पोप फ्रांसिस को भारत आने का न्योता दिया जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और पोप फ्रांसिस के बीच बैठक का समय केवल 20 मिनट निर्धारित था, लेकिन यह एक घंटे तक चली। सूत्रों ने कहा कि दोनों ने धरती को बेहतर बनाने के लिये जलवायु परिवर्तन से लड़ने तथा गरीबी को दूर करने जैसे कई मुद्दों पर चर्चा की गई है।
    
वेटिकन प्रेस कार्यालय ने एक संक्षिप्त बयान में कहा गया, 'एक संक्षिप्त बातचीत के दौरान, होली सी (वेटिकन सिटी) और भारत के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों पर चर्चा की गई।' इससे पहले पोप फ्रांसिस ने वेटिकन एपोस्टॉलिक पैलेस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया। वेटिकन में प्रधानमंत्री मोदी के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद थे। 
        
वेटिकन न्यूज के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने एक घंटे तक चली बैठक के दौरान पोप को एक विशेष रूप से निर्मित मोमबत्ती रखने का चांदी का स्टेंड और एक पुस्तक, 'द क्लाइमेट क्लाइम्ब: इंडियाज स्ट्रैटेजी, एक्शन एंड अचीवमेंट्स' भेंट की। विज्ञप्ति के मुताबिक, पोप ने मोदी को 'द डेजर्ट विल बिकम ए गार्डन' (रेगिस्तान बन जाएगा एक उपवन) लिखी एक कांस्य पट्टिका, पोप के दस्तावेजों की पुस्तकें, विश्व शांति दिवस के लिए उनका संदेश और मानव बंधुत्व पर दस्तावेज़ दिए।

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