दो दशक बाद चुनावः नेपाल के विकास के लिए वोटिंग जारी, पहले फेज में 49 लाख वोटर
पड़ोसी मुल्क नेपाल में एक दशक बाद स्थानीय चुनाव हो रहे हैं। इसके लिए आज मतदान किया जा रहा है। नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता के लिहाज से इस चुनाव को काफी अहम माना जा रहा है। नेपाल के स्थानीय...
पड़ोसी मुल्क नेपाल में एक दशक बाद स्थानीय चुनाव हो रहे हैं। इसके लिए आज मतदान किया जा रहा है। नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता के लिहाज से इस चुनाव को काफी अहम माना जा रहा है।
नेपाल के स्थानीय निकायों में पिछले 20 सालों से प्रतिनिधि नहीं चुने गए हैं। इसका सीधा असर वहां के विकास पर पड़ा है। चुनाव कार्यक्रम के मुताबिक पहले फेज में करीब 49 लाख वोटर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। दूसरे चरण का चुनाव 14 जून को होगा।
संविधान में बराबरी के हकों को लेकर जूझ रही मधेशी पार्टियों में राष्ट्रीय जनता पार्टी इन स्थानीय चुनावों का बहिष्कार कर रही है। लेकिन फेडरल सोशलिस्ट पार्टी और मधेशी पीपल्स फोरम डेमोक्रेटिक इनमें हिस्सा ले रही हैं। कुछ मधेशी पार्टियां संविधान में उनकी मांगों को शामिल किये जाने तक चुनाव का विरोध कर रही हैं। मंगलवार को ही प्रधानमंत्री प्रचंड ने 6 मधेशी नेताओं को अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया था।
शनिवार को प्रधानमंत्री प्रचंड ने वोटरों से ज्यादा से ज्यादा तादाद में पोलिंग बूथों तक पहुंचने की अपील की। उनके दफ्तर की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मैं सभी मतदाताओं से अपील करता हूं कि वो ज्यादा से ज्यादा संख्या में इन ऐतिहासिक चुनावों में हिस्सेदारी निभाएं। नेपाल में शांति प्रक्रिया को उसके अंजाम तक ले जाने में इन चुनावों की अहम भूमिका है। दूसरी तरफ, देश में केंद्रीकृत सत्ता को खत्म करने और संघीय सरकार को स्थापित करने के लिहाज से भी ये चुनाव मील का पत्थर हैं।