PM मोदी ने की संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस से मुलाकात, क्लाइमेट एक्शन समिट पर हपई चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के बीच रविवार को परस्पर हित के विभिन्न विषयों पर ''सार्थक" चर्चा हुई। फ्रांस के दक्षिण-पश्चिम में समुद्र किनारे...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के बीच रविवार को परस्पर हित के विभिन्न विषयों पर ''सार्थक" चर्चा हुई। फ्रांस के दक्षिण-पश्चिम में समुद्र किनारे स्थित शहर बिआरित्ज में जी-7 शिखर सम्मेलन के इतर मोदी ने गुतारेस से मुलाकात की। प्रधानमंत्री मोदी बहरीन से बिआरित्ज पहुंचे। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, ''प्रधानमंत्री मोदी और संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुतारेस के बीच जी-7 शिखर सम्मेलन के इतर मुलाकात हुई। दोनों नेताओं ने विभिन्न विषयों पर सार्थक चर्चा की।"
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिआरित्ज में जी-7 शिखर सम्मेलन के इतर संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुतारेस से मिले। संयुक्त राष्ट्र में 'क्लाइमेट एक्शन समिट' में भारत की भागीदारी और आपसी हित के मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान हुआ।"
PM @narendramodi met with UNSG @antonioguterres on the margins of #G7 summit in Biarritz. Good exchange of views on India's participation at the Climate Action Summit at the UN and other issues of mutual interest. pic.twitter.com/U33JNg0wx7
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) August 25, 2019
दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के भारत सरकार के फैसले की पृष्ठभूमि में हुई है। दोनों नेता यहां जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने आए हैं। इस महीने के आरंभ में गुतारेस ने भारत और पाकिस्तान से 'अधिकतम संयम' बरतने का अनुरोध किया था।
जी-7 सम्मेलन के इतर PM मोदी की जॉनसन से मुलाकात, भारत-ब्रिटेन रिश्तों को मजबूत करने पर जोर
मोदी और गुतारेस की इस मुलाकात के एक दिन पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख से बात करके उन्हें जम्मू कश्मीर की स्थिति से वाकिफ कराया था। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से स्पष्ट तौर पर कहा है कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर खंडों को समाप्त करना उसका आंतरिक मुद्दा है। भारत ने साथ ही पाकिस्तान को हकीकत को स्वीकार करने की सलाह दी थी।