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देशभक्त हैं पीएम मोदी, स्वतंत्र विदेश नीति चलाने में सक्षम... पुतिन ने पढ़े भारत के कसीदे, US को लताड़ा

पुतिन ने दलील दी कि दुनिया एक अहम मोड़ पर है जहां पश्चिम अब मानव जाति के लिए अपनी इच्छा थोपने में सक्षम नहीं है, लेकिन फिर भी ऐसा करने की कोशिश करता है और ज्यादातर देश अब इसे बर्दाश्त नहीं करना चाहते।

देशभक्त हैं पीएम मोदी, स्वतंत्र विदेश नीति चलाने में सक्षम... पुतिन ने पढ़े भारत के कसीदे, US को लताड़ा
Amit Kumarलाइव हिन्दुस्तान,मास्कोThu, 27 Oct 2022 11:59 PM

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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को एक बार फिर से भारत की जमकर तारीफ की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी तारीफ की। पुतिन ने अपने भाषण में कहा कि पीएम मोदी एक देशभक्त हैं और अपने देश की स्वतंत्र सोच को आगे बढ़ाने में सक्षम हैं। पुतिन ने पीएम मोदी को उन लोगों में से एक बताया जो स्वतंत्र विदेश नीति का संचालन करने में सक्षम हैं और एक सच्चे देशभक्त हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारत और रूस के बीच दशकों से विकसित विशेष संबंध हैं और दोनों देशों के बीच कोई भी बकाया मुद्दा नहीं है।

पुतिन मॉस्को में वल्दाई डिस्कशन क्लब की 19वीं वार्षिक बैठक में बोल रहे थे। पुतिन ने कहा, "भारत ने ब्रिटेन की गुलामी से आधुनिक राज्य बनने के अपने विकास में जबरदस्त प्रगति की है। इसने ठोस विकास परिणाम हासिल किए हैं। भारत के विकास से उसका सम्मान और प्रशंसा बढ़ी है।” 

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उन्होंने कहा, “पीएम मोदी के नेतृत्व में पिछले वर्षों में बहुत कुछ किया गया है। स्वाभाविक रूप से वह एक देशभक्त हैं।" पुतिन ने कहा, "मेक इन इंडिया के लिए उनका विचार आर्थिक और नैतिक दोनों रूप से मायने रखता है। भविष्य भारत का है। इसे सबसे बड़ा लोकतंत्र होने पर गर्व होता है। हमारे बीच एक विशेष रिश्ता है। हमारे बीच घनिष्ठ संबंध हैं।" उन्होंने रक्षा साझेदारी और बढ़ते व्यापारिक संबंधों का भी जिक्र किया। पुतिन ने कहा, "हमारे व्यापार की मात्रा में काफी वृद्धि हुई है। पीएम मोदी ने मुझसे भारत को उर्वरकों की आपूर्ति बढ़ाने के लिए कहा, और इसमें 7.6 गुना वृद्धि हुई है। कृषि में व्यापार लगभग दोगुना हो गया है।”

ज्ञात हो कि जब पुतिन और मोदी एससीओ शिखर सम्मेलन के इतर समरकंद में मिले थे, तो ऊर्जा और उर्वरक आपूर्ति पर भी बातचीत हुई थी। मोदी ने तब पुतिन के साथ अपने दो दशक से अधिक पुराने संबंधों को याद किया था। पुतिन ने गुरुवार को कहा, “पीएम मोदी उन लोगों में से एक हैं जो स्वतंत्र विदेश नीति का संचालन करने में सक्षम हैं। वह भारतीय लोगों के लिए एक आइसब्रेकर की तरह चल रहे हैं। मुझे यकीन है कि भविष्य में भारत की एक बड़ी भूमिका है।"

इससे पहले पुतिन ने यूक्रेन में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के किसी भी इरादे से बृहस्पतिवार को इनकार किया लेकिन वहां के संघर्ष को पश्चिम द्वारा अपने वैश्विक प्रभुत्व को सुरक्षित करने के कथित प्रयासों के हिस्सा बताया। इसके साथ ही उन्होंने जोर दिया कि वैश्विक प्रभुत्व के पश्चिम के प्रयास नाकाम होंगे। पुतिन ने अंतरराष्ट्रीय विदेश नीति विशेषज्ञों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि रूस के लिए यूक्रेन पर परमाणु हथियारों से हमला करना निरर्थक है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें इसकी कोई जरूरत नहीं दिख रही है। इसका कोई मतलब नहीं है, न तो राजनीतिक और न ही सैन्य।"

पुतिन ने अपने लंबे भाषण में अमेरिका और उसके सहयोगियों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने अमेरिका और उसके सहयोगियों पर प्रभुत्व के "खतरनाक, रक्तरंजित और गंदे" खेल में अन्य देशों पर अपनी शर्तों को थोपने की कोशिश करने का आरोप लगाया। पुतिन ने दलील दी कि दुनिया एक अहम मोड़ पर है, जहां पश्चिम अब मानव जाति के लिए अपनी इच्छा थोपने में सक्षम नहीं है, लेकिन फिर भी ऐसा करने की कोशिश करता है और ज्यादातर देश अब इसे बर्दाश्त नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने दावा किया कि पश्चिमी नीतियां से और अधिक अराजकता पैदा होगी।

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