मालदीव: इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने ली राष्ट्रपति पद की शपथ, पीएम मोदी रहे मौजूद
इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने मालदीव के राष्ट्रपति पद की शपथ ले ली है। इस अवसर पर पीएम मोदी भी वहां मौजूद रहे। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, मालदीव की संक्षिप्त यात्रा...
इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने मालदीव के राष्ट्रपति पद की शपथ ले ली है। इस अवसर पर पीएम मोदी भी वहां मौजूद रहे। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, मालदीव की संक्षिप्त यात्रा में पीएम मोदी दोपहर करीब पांच बजे माले के वेलना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे। वह इसके बाद राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के शपथग्रहण समारोह में शिरकत करने के लिए नेशनल स्टेडियम पहुंचे। पीएम मोदी की मालदीव के नये राष्ट्रपति के साथ बैठक होगी। इसके बाद वे भारत के लिए रवाना हो जाएंगे।
- पीएम मोदी मालदीव के नव निवार्चित राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए नेशनल स्टेडियम पहुंचे
Prime Minister Narendra Modi reaches National Stadium in Male, to attend the swearing-in ceremony of Maldives' President-elect Ibrahim Mohamed Solih. pic.twitter.com/Z6U8lGtHgB
— ANI (@ANI) November 17, 2018
- पीएम मोदी मालदीव के राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शमिल होने के लिए माले पहुंचे
Prime Minister Narendra Modi is on a day-long visit to Maldives to attend the swearing-in ceremony of the President-elect Ibrahim Mohamed Solih in Malé. pic.twitter.com/t8e0JDana7
— ANI (@ANI) November 17, 2018
पीएम मोदी ने अपने यात्रा पूर्व वक्तव्य में कहा, 'मैं नव निवार्चित राष्ट्रपति महामहिम इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के ऐतिहासिक शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लूंगा और हाल ही में हुए चुनावों में उन्हें मिली शानदार सफलता के लिए बधाई देता हूं और उनके सुखद कार्यकाल की कामना करता हूं।' प्रधानमंत्री ने मालदीव में संपन्न राष्ट्रपति चुनाव को वहां के लोगों की लोकतंत्र, कानून के शासन और समृद्ध भविष्य की उनकी सामूहिक आकांक्षाओं का इजहार बताया और कामना की कि मालदीव एक स्थिर, लोकतांत्रिक, समृद्ध और शांतिपूर्ण देश के रूप में उभरे। गौरतलब है कि सोलिह ने पिछले सप्ताह ही पीएम मोदी को शपथ ग्रहण में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया था।
भारत ने कहा- नेबरहुड फर्स्ट नीति
भारत ने प्रधानमंत्री मोदी की प्रस्तावित यात्रा को नेबरहुड फर्स्ट नीति के तहत बताया है। माना जा रहा है कि मालदीव में नई सरकार के गठन के बाद भारत-मालदीव रिश्तों को फिर से पटरी पर लाने की कोशिश भी तेज होगी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मालदीव के नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण में शामिल होने का न्यौता नेबरहुड फर्स्ट नीति को ध्यान में रखते हुए सहर्ष स्वीकार कर लिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत मालदीव के साथ अपने रिश्तों को मजबूत बनाने और साथ मिलकर काम करने के लिए आशान्वित है। गौरतलब है कि मालदीव से पिछले कुछ सालों में रिश्तों में काफी खटास आ गई थी।
चीन का दखल बढ़ने के साथ ही भारत की भूमिका पर सवाल खड़े किए जा रहे थे। भारतीयों से भेदभाव, उन्हें वीजा और रोजगार न देने के मामलों में दोनों देशों के रिश्तों में दरार पैदा कर दी थी। पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को चीन का समर्थक माना जा रहा था। भारत और अमेरिका के विरोध के बावजूद यामीन ने मालदीव में आपातकाल लागू करके विपक्षी दलों के नेताओं को जेल भेज दिया था।
हाल में हुए चुनाव में यामीन को संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में सोलेह ने पराजित किया था। कूटनीतिक जानकारों का कहना है कि सोलेह की अगुवाई में भारत और मालदीव के रिश्ते फिर से बेहतर होंगे। जानकार चीन का दखल सीमित होने की उम्मीद भी जता रहे हैं क्योंकि चुनावों में यह बड़ा मुद्दा था।