पाकिस्तान की आर्थिक हालत और खराब, अब यह बेचने पर आई पाक सरकार; चीन से उम्मीदें
IMF से मिलने वाले सात बिलियन डॉलर के कर्जे के लिए पाकिस्तान चीन से रियायत की उम्मीद लगाकर बैठा है। पाक की आर्थिक हालत इस समय इतनी खराब है कि वह अब देश के छोटे उद्यमों को बेचने की राह पर चल पड़ा है।
पाकिस्तान की आर्थिक हालत लगातार बिगड़ती जा रही है। फंड जुटाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्रों के उद्यमों को निजी हाथों में सौंपने के लिए शनिवार को पाक कैबिनेट की मीटिंग हुई। पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार की अध्यक्षता में हुई इस मीटिंग में यह निर्णय लिया गया कि पाकिस्तानी सरकार के स्वामित्व वाले उघमों को बेचकर फंड इकट्ठा करने की योजना पर सहमति दे दी जाए। पाकिस्तानी सरकार ने इस बैठक के जरिए 24 सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं के निजीकरण को मंजूरी दे दी है। इस बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सरकार आगे और भी पब्लिक सेक्टर की संस्थाओं की समीक्षा के बाद उनके निजीकरण पर विचार करेगी।
मुनाफा कमाने वाले उद्यमों को पहले बेचने पर जोर
पाकिस्तान कैबिनेट समिति ने निजीकरण आयोग के बोर्ड की सिफारिश के आधार पर यह निर्णय लिया कि उघोग क्षेत्र में सरकार के हस्तक्षेप को कम करने के लिए इसे निजी हाथों में देने पर प्राथमिकता देंगे। कैबिनेट समिति ने इस बात पर भी जोर दिया कि लाभ कमाने वाले सार्वजनिक क्षेत्रों को भी जल्दी ही ज्यादा फंड के लिए निजी हाथों में देने पर विचार किया जाएगा। कैबिनेट समिति के अनुसार, इस निजीकरण के साथ ही सरकार के पास रखे निजी कम्पनियों के शेयरों को बेच कर जो धन राशि प्राप्त होगी उसे ऊर्जा मंत्रालय को हस्तांतरित करने का प्रस्ताव पर भी विचार किया जाएगा।
आपको बता दें कि आईएमएफ ने भी पाकिस्तान को लोन देने के लिए सबसे प्रमुख मांग यही रखी है कि पाकिस्तान को अपने ऊर्जा मंत्रालय को मजबूत करना होगा। चीन ने भी पाकिस्तान के ऊर्जा क्षेत्र में भारी निवेश किया हुआ है, जिसकी रिप्रोफाइलिंग के लिए पाकिस्तान की सरकार चीन के चक्कर काट रही है।
चीन से ही है पाकिस्तान को उम्मीद
पाकिस्तान की आईएमएफ से कर्जा मिलने में चीन की मदद मिलने का इंतजार कर रही है। दरअसल, चीन ही है जो इस मामले में पाकिस्तान की मदद कर सकता है। कर्जा देने के लिए आईएमएफ ने पाकिस्तान के सामने शर्त रखी है कि पाकिस्तान को अपने पुराने देनदारों से पुराने कर्जों कि रिप्रोफाइलिंग करवानी होगी, उसके बाद ही आईएमएफ, पाक सरकार को 7 बिलियन डॉलर का कर्ज देगा। इस कारण से पाकिस्तान के वित्त मंत्री लगातार चीन के चक्कर लगा रहे हैं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ खुद यह कबूल चुके हैं कि उन्होंने कर्जे के रिप्रोफाइलिंग के लिए चीनी सरकार को खत लिखा है। पाकिस्तान पिछले 2 महीने से इसी फिराक में लगा हुआ है कि चीन उसके कर्जे की रिप्रोफाइलिंग कर दे, जबकि चीन इस मूड में नहीं नजर आ रहा है। वह पहले ही इस कर्जे की मोहलत को बढ़ा चुका है।
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