जिंदा जलाकर मार डाला पाकिस्तान का ISI एजेंट, निज्जर हत्याकांड से कनेक्शन?
खालिस्तानी आतंकवादी निज्जर को 2020 में भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा आतंकवादी घोषित किया गया था। उसकी पिछले साल जून में सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के एक एजेंट को भीड़ ने जिंदा जला दिया है। मामला कनाडा का है। यहां गुस्साई भीड़ ने ISI एजेंट को आग के हवाले कर दिया। मारे गए कथित एजेंट की पहचान राहत राव के रूप में हुई है। राहत राव कथित तौर पर कनाडाई-पाकिस्तानी समुदाय से ताल्लुक रखता था।
CNN-News18 ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि राहत राव का सरे सेंट्रल इलाके में विदेशी मुद्रा का कारोबार था। रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना तब हुई जब एक व्यक्ति राहत के दफ्तर में "पैसे के लेन-देन के काम" के लिए आया था। इसके बाद उस व्यक्ति ने राव को आग लगा दी और भाग गया। बता दें कि सितंबर 2023 में, खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के सिलसिले में राहत राव से भी कनाडा के सरे में पूछताछ की गई थी।
एक सूत्र ने बताया, "आरसीएमपी (रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस) ने राहत राव के घर का दौरा किया था। हालांकि पुलिस ने अपनी यात्रा का कारण सार्वजनिक रूप से नहीं बताया, लेकिन यह संभवतः निज्जर की हत्या के बारे में उनकी जानकारी से संबंधित था।" रिपोर्ट के मुताबिक, निज्जर की हत्या के पीछे पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई का हाथ होने का संदेह है। राहत राव और तारिक कियानी कनाडा में ISI के प्लांटेंड एजेंस हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि भारत से आने वाले वांटेड आतंकवादियों को भी पाकिस्तान की ISI के एजेंट हैंडल कर रहे हैं।
निज्जर को 2020 में भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा आतंकवादी घोषित किया गया था। उसकी पिछले साल जून में सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की कथित संलिप्तता का आरोप लगाया था। इस घटनाक्रम से भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंधों को झटका लगा है।
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