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मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड जकी-उर-रहमान लखवी को 15 नहीं सिर्फ 5 साल ही रहना होगा सलाखों के पीछे 

फाइनेंशल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ओर से ब्लैक लिस्ट किए जाने से बचने के लिए पाकिस्तान ने खूंखार आतंकी जकी-उर-रहमान लखवी को सलाखों के पीछे डालने का पैंतरा चला है। मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड और...

मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड जकी-उर-रहमान लखवी को 15 नहीं सिर्फ 5 साल ही रहना होगा सलाखों के पीछे 
एजेंसियां,लाहौरFri, 08 Jan 2021 07:52 PM
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फाइनेंशल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ओर से ब्लैक लिस्ट किए जाने से बचने के लिए पाकिस्तान ने खूंखार आतंकी जकी-उर-रहमान लखवी को सलाखों के पीछे डालने का पैंतरा चला है। मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड और लश्कर आतंकी लखवी को टेरर फाइनेंसिंग केस में कुल 15 साल की सजा सुनाई गई है, लेकिन उसे महज 5 साल ही जेल में बिताना होगा। वह भी तब जब पाकिस्तान सजा पूरी होने से पहले ही उसे रिहा ना कर दे, जैसा कि वह पहले कर चुका है।

लाहौर की एक आतंकरोधी अदालत ने लखवी को आतंकरोधी कानून की तीन धाराओं के तहत दोषी करार दिया। तीनों ही धाराओं में उसे 5-5 साल कैद की सजा सुनाई गई। ये सजाएं एक साथ चलेंगी। इसका मतलब यह है कि लखवी को 5 साल ही जेल में रहना होगा। कोर्ट ने उसे डिस्पेंसरी के जरिए आतंकी गतिविधियों के लिए पैसा मुहैया कराने का दोषी बताया। कोर्ट ने लखवी पर 3 लाख पाकिस्तानी रुपए का जुर्माना लगाया है। इसे चुकाने में विफल रहने पर लखवी को 18 महीने अतिरिक्त सजा काटनी होगी। सुनवाई के दौरान लखवी कोर्ट में मौजूद था और जज एजाज अहमद बट्टर ने पुलिस को निर्देश दिया कि उसे जेल ले जाया जाए।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी लखवी (61) को पंजाब प्रांत के आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) ने शनिवार को गिरफ्तार किया था। मुंबई हमला मामले में 2015 से वह जमानत पर था। लखवी ने अदालत के सामने दलील दी कि उसे इस मामले में ''फर्जी तरीके से फंसाया गया। कोर्ट ने कहा, ''लखवी और अन्य आरोपियों ने अपनी डिस्पेंसरी से धन जुटाया और उसका इस्तेमाल आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए किया। उसने निजी खर्च के लिए भी इस रकम का इस्तेमाल किया।''

लखवी को शुक्रवार को लाहौर एटीसी के सामने पेश किया गया और उसी दिन उसे आतंकवाद के लिए फंडिंग मामले में दोषी ठहराया गया। कुछ समय पहले उसके खिलाफ यह मामला दर्ज हुआ था। अदालत को बताया कि पंजाब के ओकरा जिले में रेनाल खुर्द का निवासी लखवी इस मामले में गिरफ्तारी के पहले इस्लामाबाद में रह रहा था। लश्कर-ए-तैयबा और अलकायदा के साथ जुड़ाव तथा दोनों आतंकी संगठनों के साथ मिलकर वित्तपोषण, साजिश रचने, आतंकी कृत्य के लिए लखवी को दिसंबर 2008 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित किया गया था।

घोषित आतंकवादियों और संगठनों की संपत्तियां जब्त कर ली जाती है। वहीं सभी देशों को ऐसे व्यक्ति और संगठन की संपत्ति जब्त करने, आर्थिक संसाधन पर रोक लगाने की कार्रवाई करनी होती है और यात्रा पर प्रतिबंध लगाया जाता है। पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रतिबंध कमेटी ने लखवी को उसके निजी खर्च के लिए हर महीने 1.5 लाख पाकिस्तानी रुपये भुगतान करने की इजाजत दी थी। लखवी की गिरफ्तारी के 10 दिन पहले यह अनुमति मिली थी।

आतंकवाद के वित्तपोषण पर नजर रखने वाली वैश्विक संस्था वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) ने भी पाकिस्तान पर दबाव बढ़ा दिया है। पेरिस मुख्यालय वाले एफएटीएफ ने जून 2018 में पाकिस्तान को 'ग्रे लिस्ट में डाल दिया था और 2019 के अंत तक मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिग के खिलाफ ठोस कदम उठाने को कहा था। हालांकि कोविड-19 महामारी के कारण समय सीमा आगे बढ़ा दी गयी थी।

गुजरांवाला में एक आतंक रोधी अदालत ने गुरुवार को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के खिलाफ आतंक के वित्तपोषण के मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।  अदालत ने जेईएम के कुछ सदस्यों के खिलाफ पंजाब के आतंक रोधी विभाग द्वारा दर्ज आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में सुनवाई के दौरान अजहर के खिलाफ वारंट जारी किया था। साल 2008 में मुंबई हमले के लिए जमात उद दावा (जेयूडी) प्रमुख हाफिज सईद के नेतृत्व वाला लश्कर-ए-तैयबा जिम्मेदार था। हमले में छह अमेरिकी समेत 166 लोगों की मौत हो गयी थी। संयुक्त राष्ट्र ने सईद को वैश्विक आतंकी घोषित किया था और अमेरिका ने उस पर एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है।

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