ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News विदेशइमरान खान ने सरकार बचाने को फेंकी गुगली, पंजाब के CM का इस रणनीति से दिलाया इस्तीफा

इमरान खान ने सरकार बचाने को फेंकी गुगली, पंजाब के CM का इस रणनीति से दिलाया इस्तीफा

पाकिस्तान में पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उस्मान बुजदार पीटीआई के नेता हैं। इसी के साथ अविश्वास मत का सामना कर रहे प्रधानमंत्री इमरान खान की सत्तारूढ़

इमरान खान ने सरकार बचाने को फेंकी गुगली, पंजाब के CM का इस रणनीति से दिलाया इस्तीफा
एजेंसीज,इस्लामाबादMon, 28 Mar 2022 08:15 PM
ऐप पर पढ़ें

पाकिस्तान में पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उस्मान बुजदार पीटीआई के नेता हैं। इसी के साथ अविश्वास मत का सामना कर रहे प्रधानमंत्री इमरान खान की सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी ने पीएमएल-क्यू नेता चौधरी परवेज इलाही को पंजाब के मुख्यमंत्री के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है।

पंजाब सीएम का इस्तीफा दिलवाकर इमरान खान ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए गुगली फेंकी है। दरअसल इस कदम से इमरान की सरकार बचने की उम्मीद है। पीएमएल-क्यू पार्टी के नेता परवेज इलाही को CM बनाए जाने से अब वे इसके बदले में इमरान खान को अपना समर्थन दे सकते हैं। कुल मिलाकर इमरान खान ने प्रधानमंत्री की कुर्सी बचाने के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी को कुर्बान किया है। 

बच जाएगी इमरान खान की कुर्सी? 

पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री फारुख हबीब ने बताया कि उस्मान बुजदार ने प्रधानमंत्री इमरान खान को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। हबीब ने आगे कहा कि पीएमएल-क्यू ने संयुक्त विपक्ष द्वारा पीएम इमरान के खिलाफ पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव में सरकार का समर्थन करने का फैसला किया है। पीएमएल-क्यू सरकार की सहयोगी पार्टी है जिसके पास पंजाब विधानसभा में 10 सीटें हैं। 

विपक्ष द्वारा औपचारिक रूप से पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में पीएम इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के एक घंटे से भी कम समय में ये बड़े घटनाक्रम सामने आए हैं। इस बीच, पीएमएल-क्यू नेता तारिक बशीर चीमा ने जियो न्यूज से बात करते हुए पुष्टि की कि उन्होंने संघीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है और अविश्वास मत पर विपक्ष का समर्थन करेंगे।

बुजदार के खिलाफ भी पेश हुआ था अविश्वास प्रस्ताव

विपक्ष ने केवल इमरान खान के खिलाफ ही नहीं बल्कि उनके करीबी और पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार के खिलाफ भी सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। बुजदार के खिलाफ यह अविश्वास प्रस्ताव बहुत जल्दबाजी में लाया गया ताकि प्रधानमंत्री के हटाये जाने पर पंजाब विधानसभा को भंग करने की पीटीआई सरकार की संभावित योजना को पहले ही विफल कर दिया जाए। हालांकि अब पंजाब सीएम ने इस्तीफा दे दिया है। 

विपक्षी दल पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने 52 वर्षीय बुजदार के खिलाफ यह अविश्वास प्रस्ताव सौंपा जिसमें 127 विधायकों के हस्ताक्षर थे। इसके अलावा 14 दिन में सत्र आहूत करने के प्रार्थना पत्र पर 120 विधायकों ने हस्ताक्षर किए। अविश्वास प्रस्ताव में कहा गया है कि मुख्यमंत्री बुजदार ने सदन का विश्वास खो दिया है। अविश्वास प्रस्ताव सौंपने के बाद पीएमएल-एन के विधायक राणा मशहूद ने कहा कि विपक्ष नेशनल असेंबली के अध्यक्ष असद कैसर और सीनेट के चेयरमैन सादिक संजरानी के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लायेगा। राणा ने कहा कि यह साफ-साफ दिख रहा है कि इमरान और बुजदार अविश्वास प्रस्ताव का सामना नहीं कर सकेंगे, इसलिए दोनों के समक्ष सम्मानजनक विदाई लेने का एक ही रास्ता है कि इस्तीफा दे दें।

लगातार बढ़ रही हैं इमरान की मुश्किलें

बता दें कि पाकिस्तानी संसद (नेशनल असेंबली) के सचिवालय के समक्ष विपक्षी दलों ने गत आठ मार्च को प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सौंपा था। विपक्ष ने आरोप लगाया था कि इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी की सरकार देश में बढ़ती महंगाई और आर्थिक संकट के लिए जिम्मेदार है। इसके बाद से देश की राजनीति में अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे है। विपक्ष ने सदन के अध्यक्ष से 14 दिन के भीतर सत्र बुलाने का अनुरोध किया था। बहरहाल, समय सीमा के तीन दिन बाद 25 मार्च को सत्र बुलाया गया, लेकिन अध्यक्ष ने प्रस्ताव पेश करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। इस बात की संभावना है कि विपक्ष को सोमवार को प्रस्ताव पेश करने का मौका मिल जाएगा। देश के गृह मंत्री शेख राशिद ने संवाददाताओं से कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर 31 मार्च को फैसला किया जाएगा और प्रधानमंत्री इमरान खान कहीं नहीं जा रहे हैं।

क्यों बढ़ा हुआ है पाकिस्तान की राजनीति का पारा? 

इमरान खान सरकार के खिलाफ आठ मार्च को लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के कारण पाकिस्तान का राजनीतिक पारा चढ़ता दिख रहा है, जिसका अगले हफ्ते के अंत तक परिणाम दिख सकता है। इमरान सरकार को गिराने के लिए 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में विपक्ष को 172 मत की जरूरत होगी। 69 वर्षीय खान वर्ष 2018 में ‘नया पाकिस्तान’ बनाने के वादे के साथ सत्ता में आये थे, लेकिन वह मूलभूत समस्याओं से निपटने में नाकाम रहे जिससे विपक्ष को हमला करने का मौका मिल गया। नेशनल असेंबली में पीटीआई के 155 सदस्य हैं और उन्हें भी सरकार बचाने के लिए 172 सदस्यों की जरूरत पड़ेगी।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें