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पाकिस्तान में 9 करोड़ 50 लाख लोग गरीबी के शिकार, कमाई 300 रुपए से भी कम

पाकिस्तान की 40 फीसदी आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन गुजार रही है। 95 मिलियन की आबादी गरीबी के जाल में फंस गई है। लोगों की रोजाना कमाई भारतीय करेंसी के हिसाब से 300 रुपए से भी कम हो गई है।

पाकिस्तान में 9 करोड़ 50 लाख लोग गरीबी के शिकार, कमाई 300 रुपए से भी कम
Gaurav Kalaलाइव हिन्दुस्तान,इस्लामाबादMon, 25 Sep 2023 12:15 PM
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Pakistan Poverty Report- पाकिस्तान में महंगाई से हालात दिन ब दिन खराब होते जा रहे हैं। भारत के इस पड़ोसी मुल्क पर आर्थिक दुर्दशा की मार ऐसी पड़ी है कि विश्व बैंक ने भी चिंता जाहिर की है। विश्व बैंक के मुताबिक, पाकिस्तान की 40 फीसदी आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन गुजार रही है। करीब 95 मिलियन (9 करोड़ पचास लाख) की आबादी गरीबी के जाल में फंस चुकी है। हालत ये है कि लोगों की रोजाना कमाई भारतीय करेंसी के हिसाब से 300 रुपए से भी कम हो गई है। विश्व बैंक ने आर्थिक बदहाली दूर करने के लिए पाक को तीन चीजों पर काम करने की सलाह दी है।

पाकिस्तान में पेट्रोल और डीजल समेत रोजमर्रा की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। विश्व बैंक के अनुसार, पाकिस्तान की 40 फीसदी आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने के लिए मजबूर है। इसने पाकिस्तान को अब सलाह दी है। कहा कि उन्हें सैन्य, राजनीतिक और व्यापारिक नेताओं के मजबूत निहित स्वार्थों से प्रेरित अपने नीतिगत निर्णयों पर गौर करने की जरूरत है। वित्तीय संस्थान की चेतावनी ऐसे वक्त में आई है जब पाकिस्तान सरकार जल्द चुनाव कराने को उतावली है।

वर्ल्ड बैंक ने पाक को क्या सलाह दी
पाकिस्तान स्थित द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार के अनुसार, विश्व बैंक ने पाकिस्तान से अर्थव्यवस्था के आकार के सात प्रतिशत से अधिक के तीव्र वित्तीय समायोजन के माध्यम से आर्थिक स्थिरता लाने के लिए अपनी कृषि और अचल संपत्ति पर कर लगाने को कहा है। विश्व बैंक ने कर-से-जीडीपी अनुपात को तुरंत पांच प्रतिशत बढ़ाने और सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 2.7 प्रतिशत व्यय में कटौती करने के उपायों का प्रस्ताव दिया है। जिसका उद्देश्य अस्थिर अर्थव्यवस्था को विवेकपूर्ण राजकोषीय पथ पर वापस लाना है।

कमाई 300 रुपए से भी कम
वर्ल्ड बैंक का कहना है कि लोगों की रोजाना कमाई 3.65 डॉलर यानी 1048 पाकिस्तानी रुपया (300 रुपए भारतीय रुपए) हो गई है। डब्ल्यूबी के प्रमुख और अर्थशास्त्री टोबियास हक ने कहा कि बैंक आज पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को लेकर काफी चिंतित है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान गंभीर आर्थिक और मानव विकास संकट का सामना कर रहा है और यह ऐसे बिंदु पर है जहां प्रमुख नीतिगत बदलाव की आवश्यकता है।

द एक्सप्रेस के अनुसार, सरकारी राजस्व को मजबूत करने पर बैंक के नोट में कर छूट को वापस लेने और रियल एस्टेट और कृषि क्षेत्रों पर करों का बोझ बढ़ाकर राजस्व-से-जीडीपी अनुपात में पांच प्रतिशत तक सुधार करने के कई उपाय किए जा सकते हैं।

95 मिलियन गरीबी के जाल में फंसे
वर्ल्ड बैंक ने यह भी खुलासा किया कि पाकिस्तान में गरीबी पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 39.4 प्रतिशत तक बढ़ गई है और खराब आर्थिक स्थिति के कारण 12.5 मिलियन से अधिक लोग गरीबी के जाल में फंस गए हैं। लगभग 95 मिलियन पाकिस्तानी अब गरीबी में जी रहे हैं।

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