ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News विदेशआतंकियों की 'ऐशगाह' बने PAK के अजीज चीन ने UN में दिया आतंकवाद पर 'उपदेश'

आतंकियों की 'ऐशगाह' बने PAK के अजीज चीन ने UN में दिया आतंकवाद पर 'उपदेश'

चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि आतंकवाद मानव समुदाय का दुश्मन है। इस समस्या से निपटने के लिए विभिन्न देशों को जिम्मेदारी निभानी चाहिए। वांग यी ने न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में...

आतंकियों की 'ऐशगाह' बने PAK के अजीज चीन ने UN में दिया आतंकवाद पर 'उपदेश'
आईएएनएस,बीजिंगFri, 27 Sep 2019 10:40 AM
ऐप पर पढ़ें

चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि आतंकवाद मानव समुदाय का दुश्मन है। इस समस्या से निपटने के लिए विभिन्न देशों को जिम्मेदारी निभानी चाहिए। वांग यी ने न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आतंकवाद रोधी सहयोग पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और क्षेत्रीय संगठनों के खुले सम्मेलन में भाग लिया।

उन्होंने कहा कि आतंकवाद सक्रिय होने की स्थिति में चीन का विचार है कि पहला, दबाव कायम रखना चाहिए। दूसरा, इंटरनेट आतंकवाद का विरोध करना चाहिए। तीसरा, आतंकवाद के स्रोत को समाप्त करना चाहिए। और चौथा, सहयोग मजबूत कर संयुक्त राष्ट्र को भूमिका निभाना चाहिए।

आतंकवादियों के पनाहगार पाकिस्तान के सदाबहार दोस्त कहे जाने वाले चीन ने हर मोर्चे पर उसका साथ दिया है। वो चीन ही था जिसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हमेशा जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद मजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के खिलाफ अपना वीटो इस्तेमाल कर  भारत की राह में रोड़ा अटकाया। वहीं, भारत की आपत्ति के बावजूद चीन पाकिस्तान के साथ मिलकर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपेक) का निर्माण कर रहा है।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मिले वांग यी
वहीं दूसरी ओर, न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाग लेने के दौरान चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भारतीय विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर से मुलाकात की। वांग यी ने कहा कि चीन और भारत दुनिया में दो सबसे बड़े विकासशील देश हैं। दोनों देशों की जनसंख्या एक अरब से अधिक है। वे नवोदित आर्थिक समुदाय के महत्वपूर्ण प्रतिनिधि भी हैं। दोनों देशों के बीच रणनीतिक संपर्क, आपसी रणनीतिक विश्वास को आगे बढ़ाना, मतभेदों पर समुचित रूप से नियंत्रण लगाना, सहयोग को मजबूत करना दोनों देशों के हित में है। 

जयशंकर ने कहा कि भारत अगले चरण में दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण उच्चस्तरीय आवाजाही पर बड़ा ध्यान देता है, चीन के साथ घनिष्ठ संपर्क बढ़ाना चाहता है, ताकि भविष्य में द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए गारंटी दी जा सके। भारत चीन के साथ वातार् और सलाह मशविरे से समुचित रूप से मतभेद पर नियंत्रण रखना चाहता है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें