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कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान का एक और ड्रामा, अब इमरान सरकार ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में दाखिल की याचिका

पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने बुधवार को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के फैसले को लागू करने के लिए एक वकील नियुक्त करने की मांग की है। इसके संबंध में सरकार ने...

कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान का एक और ड्रामा, अब इमरान सरकार ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में दाखिल की याचिका
इस्लामाबाद, एएनआईWed, 22 Jul 2020 05:39 PM
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पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने बुधवार को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के फैसले को लागू करने के लिए एक वकील नियुक्त करने की मांग की है। इसके संबंध में सरकार ने एक याचिका दायर की है। 

कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि, इस्लामाबाद हाई कोर्ट को आईसीजे के फैसले के अनुसार सैन्य अदालत के फैसले की समीक्षा और पुनर्विचार करने के लिए एक वकील नियुक्त करना चाहिए।

इमरान खान की सरकार ने यह रुख तब अपनाया है, जब हाल ही में पाकिस्तान ने बताया था कि वह कुलभूषण जाधव को तीसरी राजनयिक पहुंच मुहैया करा रहा है। भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने जानकारी दी थी कि पाकिस्तान ने राजनयिक अधिकारियों को कुलभूषण जाधव से बेरोकटोक और बिना शर्त मुलाकात नहीं करने दी। विदेश मंत्रालय ने कुलभूषण जाधव तक राजनयिक पहुंच के बारे में गुरुवार (16 जुलाई) को कहा था कि मुलाकात के दौरान पाकिस्तानी अधिकारी डराने-धमकाने वाले रवैये के साथ वहां मौजूद थे। उन्होंने कहा था कि जाधव खुद तनाव में थे और उन्होंने स्पष्ट रूप से कॉउंसलर अधिकारियों को संकेत दिया।

कुलभूषण जाधव मामले में भारत ने हाल ही बिना शर्त के कॉउसंलर एक्सेस के लिए पाकिस्तानी पक्ष से अनुरोध किया था। पाकिस्तान को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया था कि राजनयिक पहुंच डर से मुक्त वातावरण में आयोजित की जाए। इस दौरान कोई भी पाकिस्तानी अधिकारी की उपस्थिति न हो।

इसके अलावा पाकिस्तान से पूरी बैठक की कोई भी ऑडियो या फिर वीडियो रिकॉर्डिंग न करने की रिक्वेस्ट की गई थी। प्रवक्ता ने कहा था कि जाधव और उच्चायोग के अधिकारियों के बीच कोई भी बातचीत आवश्यक रूप से गोपनीयता और पाकिस्तान के किसी अधिकारी की उपस्थिति या पाकिस्तान द्वारा रिकॉर्डिंग के बिना होनी चाहिए।

पाकिस्तान का दावा है कि जाधव को जासूसी के आरोप में 2016 में बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था। भारत ने पाकिस्तान के आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि उसे चाबहार के ईरानी बंदरगाह से अगवा किया गया था। 2017 की शुरुआत में, एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई। मई 2017 में, इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस (ICJ) ने उनकी फांसी पर रोक लगा दी थी।

इसके बाद पिछले साल जुलाई में, 15-1 के वोट से आईसीजे ने भारत के इस दावे को सही ठहराया था कि पाकिस्तान ने कई मामलों में कॉउसंलर रिलेशंस पर वियना कन्वेंशन के नियमों का उल्लंघन किया है।

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