दाने-दाने को तरस रहे पाकिस्तान की मदद को आगे आया चीन, क्या खत्म हो पाएगा बुरा वक्त?
वित्त मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि प्रक्रिया पूरी होने के बाद औपचारिक पुष्टि की जाएगी। इस्लामाबाद 1.1 बिलियन डॉलर के लिए फरवरी की शुरुआत से आईएमएफ के साथ बातचीत कर रहा है।

Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान लंबे समय से आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। इंटरनेशनल मॉनेट्री फंड (IMF) ने भी कर्ज देने के लिए कई बड़ी शर्तें लगा रखी हैं, जिसकी वजह से पड़ोसी देश दाने-दाने को मोहताज है। पाकिस्तान के बुरे वक्त में अब उसका दोस्त चीन एक बार फिर से साथ आया है। कुछ ही दिनों पहले चीन ने पाकिस्तान को आर्थिक संकट से उबारने के लिए दो बिलियन डॉलर का कर्ज दिया है। ऐसे में यह सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या दाने-दाने को तरस रहे पाकिस्तान का आर्थिक संकट चीन की मदद से दूर हो सकेगा?
पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने शुक्रवार को बताया कि चीन ने पिछले हफ्ते दो बिलियन डॉलर की राशि पाकिस्तान को दी है। डार ने मैच्योरिटी डेट का जिक्र करते हुए सदन से कहा, "मुझे यह पुष्टि करते हुए खुशी हो रही है कि इसे 23 मार्च को लागू कर दिया गया था।" उन्होंने कहा कि सभी संबंधित दस्तावेज पूरे कर लिए गए हैं। हालांकि, चीनी सरकार या फिर चीन के सेंट्रल बैंक ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। डार की टिप्पणी कर्ज के जारी होने को लेकर की गई पहली आधिकारिक घोषणा थी। डार ने नए मैच्योर डेट या व्यवस्था की अन्य शर्तों के बारे में नहीं बताया।
वित्त मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि प्रक्रिया पूरी होने के बाद औपचारिक पुष्टि की जाएगी। इस्लामाबाद 2019 में सहमत हुए 6.5 बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेज में से 1.1 बिलियन डॉलर जारी करने के लिए फरवरी की शुरुआत से आईएमएफ के साथ बातचीत कर रहा है। किश्त जारी करने के लिए आईएमएफ ने पाकिस्तान के सामने कई तरह की शर्तें रखी हुई हैं, जिससे पड़ोसी देश को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान और चीन के बीच लंबे समय से अच्छे रिश्ते रहे हैं। दोनों ही देश एक-दूसरे की विभिन्न मुद्दों पर मदद करते रहे हैं। यहां तक कि चीन पाकिस्तान में चल रहे आतंकवाद के मसले पर भी संयुक्त राष्ट्र जैसे मंचों पर साथ देता आया है, जबकि पाकिस्तान चीन को अपने यहां कई डेवलपमेंट के प्रोजेक्ट्स देता रहता है।
शहबाज सरकार को आईएमएफ ने दिया जोर का झटका
कर्ज पाने के लिए बेताब पाकिस्तान की शहबाज सरकार को आईएमएफ ने जोरदार झटका दिया है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने नकदी की तंगी वाले देश में कम आय वाले परिवारों के लिए पेट्रोल पर सब्सिडी के इस्लामाबाद के प्रारंभिक प्रस्ताव को कथित तौर पर खारिज कर दिया है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने स्थानयी एआरवाई न्यूज को बताया, "कर्ज देने वाली संस्था ने सरकार से पेट्रोलियम सब्सिडी की पूरी योजना की मांग की है। आईएमएफ ने पेट्रोलियम पर प्रति लीटर 50 रुपये (पाकिस्तानी रुपये) सब्सिडी की व्यापक योजना की मांग की है।" सूत्रों ने कहा कि आईएमएफ ने पेट्रोलियम पर सब्सिडी की संशोधित योजना तैयार करने पर जोर दिया है। कथित तौर पर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष को इस योजना के लिए आवश्यक धन की कुल राशि के बारे में संदेह है। इसी वजह से आईएमएफ ने पाकिस्तानी सरकार को व्यापक योजना शेयर करने के लिए कहा है।