ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News विदेशपाकिस्तान की साजिश! कश्मीर पर सऊदी अरब बुला सकता है 'ओआईसी' की बैठक

पाकिस्तान की साजिश! कश्मीर पर सऊदी अरब बुला सकता है 'ओआईसी' की बैठक

सऊदी अरब कश्मीर की स्थिति पर चर्चा के लिए इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के सदस्य राष्ट्रों के विदेश मंत्रियों की बैठक बुलाने की योजना बना रहा है। सऊदी अरब के इस कदम को पाकिस्तान को खुश करने का प्रयास...

पाकिस्तान की साजिश! कश्मीर पर सऊदी अरब बुला सकता है 'ओआईसी' की बैठक
(भाषा,इस्लामाबादMon, 30 Dec 2019 02:19 AM
ऐप पर पढ़ें

सऊदी अरब कश्मीर की स्थिति पर चर्चा के लिए इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के सदस्य राष्ट्रों के विदेश मंत्रियों की बैठक बुलाने की योजना बना रहा है। सऊदी अरब के इस कदम को पाकिस्तान को खुश करने का प्रयास माना जा रहा है क्योंकि मलेशिया में हाल में मुस्लिम राष्ट्रों के एक सम्मेलन में पाकिस्तान ने भागीदारी नहीं की थी।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने रविवार (29 दिसंबर) को पुष्टि की कि उनका देश चाहता है कि कश्मीर में मानवाधिकारों की स्थिति पर चर्चा के लिये ओआईसी के विदेश मंत्रियों की एक बैठक जल्द हो। अपने गृह नगर मुल्तान में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, ''पाकिस्तान चाहता है कि कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन पर ओआईसी के विदेश मंत्रियों की बैठक जल्द हो।"

कुरैशी की यह पुष्टि मीडिया की उन खबरों के बाद आई है जिनमें कहा गया था कि सऊदी अरब ने अपने विदेश मंत्री शाहजादा फैसल बिन फरहान के जरिये इस हफ्ते पाकिस्तान को यह बताया था कि वह कश्मीर मुद्दे पर बैठक आयोजित करने की योजना तैयार कर रहा है। सरकार द्वारा संचालित रेडियो पाकिस्तान की एक खबर में कहा गया कि ओआईसी की मंत्रीस्तरीय बैठक इस्लामाबाद में अप्रैल 2020 में होने की उम्मीद है।

कुरैशी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान उचित मंचों पर कश्मीर का मुद्दा उठाता रहा है और भारत पर नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम उल्लंघन का आरोप लगाया। शाहजादा फैसल हाल में मुस्लिम राष्ट्रों के कुआलालंपुर सम्मेलन में पाकिस्तान के हिस्सा नहीं लेने पर अपने देश के नेतृत्व की ओर से आभार प्रकट करने के लिए एक दिन के दौरे पर आए थे।

प्रधानमंत्री इमरान खान ने मलेशिया की मेजबानी वाले सम्मेलन में पाकिस्तान की भागीदारी की पुष्टि की थी, लेकिन सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के दबाव के कारण अंतिम समय में पाकिस्तान सम्मेलन में भाग लेने से पीछे हट गया। कुरैशी ने फैसल को भारत द्वारा पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म किए जाने के बाद कश्मीर में हालात के बारे में बताया।

विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा, ''दोनों विदेश मंत्रियों ने कश्मीर के मसले के संबंध में ओआईसी की भूमिका पर चर्चा की।" विदेश कार्यालय ने कहा कि उन्होंने संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी के संबंध में भारत सरकार की कार्रवाई और भारत में लगातार अल्पसंख्यकों को कथित तौर पर निशाना बनाए जाने का मुद्दा उठाया।

ओआईसी ने एक संक्षिप्त बयान में पिछले सप्ताह कहा था कि वह भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों को प्रभावित करने वाले हालिया घटनाक्रमों पर करीबी नजर रख रहा है। शाहजादा फैसल ने प्रधानमंत्री इमरान खान से भी मुलाकात की। बैठक में विदेश मंत्री कुरैशी, विदेश सचिव सोहेल महमूद, खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। खान ने सऊदी मंत्री से कहा कि भारत द्वारा संघर्षविराम के कथित उल्लंघन से नियंत्रण रेखा पर तनाव बढ़ रहा है और यह क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है।

सऊदी अरब के भारत से बढ़ते कारोबार और मुस्लिम मुद्दों पर कड़ा रूख अख्तियार करने में ओआईसी की नाकामी के कारण पाकिस्तान में कुआलालंपुर सम्मेलन को खासा समर्थन मिला। सऊदी मंत्री का एक दिवसीय दौरा ऐसे वक्त हुआ, जब कुआलालंपुर सम्मेलन से दूर रहने के लिए पाकिस्तान पर दबाब बनाए जाने का आरोप लगा था। यह सम्मेलन 19-21 दिसंबर को हुआ। सऊदी अरब ने मुस्लिम जगत में इसे नये संगठन बनाने के प्रयास के तौर पर लिया।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें