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PAK राष्ट्रपति को पसंद नहीं शहजाब का चुना आर्मी चीफ? इमरान खान से ली सलाह, फिर लगाई मुहर

राष्ट्रपति की तरफ से मुनीर के नाम को मंजूरी देने के साथ ही नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी हो गई। सेना प्रमुख की नियुक्ति के मुद्दे पर देश में राजनीतिक असमंजस और आर्थिक अस्थिरता पैदा हो गई थी।

PAK राष्ट्रपति को पसंद नहीं शहजाब का चुना आर्मी चीफ? इमरान खान से ली सलाह, फिर लगाई मुहर
Amit Kumarएजेंसियां,इस्लामाबादThu, 24 Nov 2022 10:45 PM
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पाकिस्तान के नए सेना प्रमुख की नियुक्ति आसान नहीं रही। एक बार को तो ऐसा लगा कि राष्ट्रपति शायद शहबाज के सौंपे नाम पर मुहर न लगाएं। लेकिन इमरान खान से मिलने के बाद उन्होंने नए पाक सेना प्रमुख के नाम पर मुहर लगा दी। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व प्रमुख और वरिष्ठतम लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मुनीर को बृहस्पतिवार को देश का नया सेना प्रमुख नियुक्त किया। इसके साथ ही तख्तापलट की आशंका वाले देश पाकिस्तान में इस शक्तिशाली पद पर नियुक्ति को लेकर काफी समय से जारी अटकलों पर विराम लग गया। पाकिस्तान में सुरक्षा और विदेश नीति के मामले में सेना का काफी दखल रहा है।

हालांकि नए सेना प्रमुख की नियुक्ति से खुद राष्ट्रपति खफा नजर आ रहे थे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने नए सेनाध्यक्ष (सीओएएस) के रूप में नियुक्ति के लिए लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर का नाम राष्ट्रपति को भेजा था। सरकार से नाम मिलने के कुछ घंटे बाद पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी गुरुवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के प्रमुख इमरान खान से मिलने लाहौर पहुंचे। सेना प्रमुख की नियुक्ति का अंतिम निर्णय पाकिस्तानी राष्ट्रपति को ही लेना होता है। 

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के राष्ट्रपति जमान पार्क स्थित आवास पर इमरान से मिलने के लिए गुरुवार दोपहर लाहौर पहुंचे। इमरान हत्या के प्रयास में लगी चोटों से उबर रहे हैं और घर पर ही उनका इलाज चल रहा है। सेना प्रमुख के नाम की घोषणा के बाद रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि यह मामला कानून और संविधान के अनुसार तय किया गया है। उन्होंने देश से गुजारिश करते हुए कहा कि इस नियुक्ति को "राजनीतिक नजरिए" से ना देखा जाए। 

डॉन के अनुसार, उन्होंने यह भी कहा कि मुनीर और शमशाद के नाम राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के पास मंजूरी के लिए भेजे गए हैं। भारत की तरह ही पाकिस्तान में भी राष्ट्रपति सेना (सशस्त्र बलों) के सर्वोच्च कमांडर होते हैं। पाक रक्षा मंत्री ने दोहराया कि राष्ट्रपति अल्वी को प्रधानमंत्री की सलाह का समर्थन करना चाहिए ताकि "विवाद पैदा न हो"। उन्होंने कहा कि, "यह हमारे देश और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में भी मदद करेगा। वर्तमान में, सब कुछ ठप पड़ा है।" आसिफ ने ट्विटर पर कहा, "यह राष्ट्रपति अल्वी के लिए भी एक परीक्षा है कि वह राजनीतिक सलाह का पालन करेंगे या संवैधानिक और कानूनी सलाह को मानेंगे। सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर के रूप में, देश को राजनीतिक संघर्षों से बचाना भी उनका कर्तव्य है।"

राष्ट्रपति पद संभालने से पहले अल्वी इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ से जुड़े हुए थे। इसीलिए वे पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान से मिलने के लिए लाहौर गए और प्रस्तावित नियुक्तियों पर परामर्श किया। शाम को इस्लामाबाद लौटने के बाद, अल्वी ने सारांश पर हस्ताक्षर किए और लेफ्टिनेंट जनरल मुनीर को नए सेना प्रमुख और लेफ्टिनेंट जनरल मिर्जा को अगले सीजेसीएससी के रूप में नियुक्त करने की मंजूरी दी। सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रपति अल्वी ने नए सेना प्रमुख और सीजेसीएससी को राष्ट्रपति भवन में उनके साथ बैठक के लिए आमंत्रित किया है।

लेफ्टिनेंट जनरल मुनीर ने दो सबसे शक्तिशाली खुफिया एजेंसियों इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) और मिलिट्री इंटेलिजेंस (एमआई) के प्रमुख के रूप में काम किया है। हालांकि वह अब तक सबसे कम समय के लिए आईएसआई प्रमुख रहे। आठ महीने के अंदर 2019 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान के कहने पर उनकी जगह लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद को आईएसआई प्रमुख नियुक्त किया गया था।

मुनीर जनरल कमर बाजवा की जगह लेंगे, जो 29 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। बाजवा को 2016 में तीन साल के लिए सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था। साल 2019 में उन्हें तीन साल का सेवा विस्तार दिया गया था। राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, “राष्ट्रपति ने लेफ्टिनेंट जनरल सैयद आसिम मुनीर को तत्काल प्रभाव से जनरल के पद पर पदोन्नत करते हुए उन्हें 29 नवंबर 2022 से सेना प्रमुख (सीओएएस) नियुक्त किया है।”

बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति अल्वी ने लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा को तत्काल प्रभाव से जनरल के पद पर पदोन्नत किया है और उन्हें 27 नवंबर से ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी चेयरमेन (सीजेसीएससी) नियुक्त किया है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने लेफ्टिनेंट जनरल मुनीर को सेना प्रमुख और लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा को सीजेसीएससी नियुक्त करने के लिए बृहस्पतिवार को ही राष्ट्रपति अल्वी को एक सारांश भेजा था।

राष्ट्रपति की तरफ से मुनीर के नाम को मंजूरी देने के साथ ही नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी हो गई। सेना प्रमुख की नियुक्ति के मुद्दे पर देश में राजनीतिक असमंजस और आर्थिक अस्थिरता पैदा हो गई थी। दोनों अधिकारियों को चार स्टार वाले जनरल के तौर पर पदोन्नति भी दी गई है। सीजेसीएससी सशस्त्र बलों के पदानुक्रम में सर्वोच्च प्राधिकरण है, लेकिन सैनिकों की तैनाती, नियुक्तियों और स्थानांतरण समेत प्रमुख शक्तियां सेना प्रमुख के पास होती हैं। इन शक्तियों के कारण सेना प्रमुख सबसे शक्तिशाली होता है।

पाकिस्तान को अस्तित्व में आए 75 से ज्यादा साल हो चुके हैं और देश में आधे से अधिक समय तक सेना का शासन रहा है। ऐसे में देश के सुरक्षा और विदेश नीति मामलों में सेना का काफी दखल रहा है। नियुक्ति सेना और खान के बीच विवाद के साथ मेल खाती है, जो इस साल अप्रैल में अविश्वास मत के माध्यम से सेना को हटाने में भूमिका निभाने का आरोप लगाते हैं।

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