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भारत ने पड़ोसियों को मुफ्त में दी कोरोना वैक्सीन, पाकिस्तान खरीदने के लिए टटोल रहा जेब, जानिए वहां कितनी ज्यादा होगी कीमत

एक तरफ जब भारत की ओर से कई पड़ोसी देशों में कोरोना वैक्सीन की पहले खेप पहुंचा दी गई है और वहां की सरकारें अपने लोगों को टीका लगवाने में जुट गई हैं, तो एक पड़ोसी ऐसा भी है जिसे अपनी करतूतों की वजह से...

भारत ने पड़ोसियों को मुफ्त में दी कोरोना वैक्सीन, पाकिस्तान खरीदने के लिए टटोल रहा जेब, जानिए वहां कितनी ज्यादा होगी कीमत
लाइव हिन्दुस्तान ,कराची इस्लामाबादThu, 21 Jan 2021 05:12 PM
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एक तरफ जब भारत की ओर से कई पड़ोसी देशों में कोरोना वैक्सीन की पहले खेप पहुंचा दी गई है और वहां की सरकारें अपने लोगों को टीका लगवाने में जुट गई हैं, तो एक पड़ोसी ऐसा भी है जिसे अपनी करतूतों की वजह से यह सहायता हासिल नहीं हो सकी है तो कंगाली की वजह से वह खरीदने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। करतूत और कंगाली से तो आप समझ ही गए होंगे कि बात पाकिस्तान की हो रही है, जिसे आतंकिस्तान और कंगालिस्तान के नाम से भी जाना जाता है। भारत के खिलाफ दिनरात साजिशें रचने और खून-खराबे के लिए आतंकियों को भेजने वाले पाकिस्तान ने हिन्दुस्तान में तैयार कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड को मंजूरी तो दे दी है, लेकिन वह इन्हें हासिल नहीं कर पा रहा है। इमरान खान मोदी सरकार से सीधे बात करने की हिम्मत नहीं जुटा पाए तो प्राइवेट सेक्टर से इसे खरीदने को कहा, लेकिन अब कीमत सुनकर वह जेब टटोल रहे हैं।

पाकिस्तान के अखबार डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, निजी आयातकों ने पाकिस्तान सरकार को बताया है कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की ओर से तैयार वैक्सीन के प्रति डोज की कीमत 6 से 7 डॉलर होगी, यानी पाकिस्तान करेंसी के हिसाब से प्रति डोज करीब 1000 रुपए की कीमत होगी। यदि आपको यह कीमत बहुत ज्यादा नहीं लग रही हो तो पहले उस पाकिस्तान की माली हालत के बारे में सोच लीजिए, जिसके विमान को विदेशी जमीन पर कर्ज नहीं चुका पाने की वजह से जब्त कर लिया जाता है। यहां, बता दें कि भारत सरकार को यही वैक्सीन करीब 200 रुपए प्रति डोज मिली है, जबकि सीरम इंस्टीट्यूट की ओर से बाजार में इसकी कीमत करीब 1000 रुपए रखने की बात कही गई है। 

पाकिस्तान में वैक्सीन और दवाओं के सबसे बड़े आयातकों में से एक सिंध मेडिकल स्टोर के उस्मान घनी ने कहा, ''चूंकि सरकार ने ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका के टीके को मंजूरी दी है और हमें आयात की स्वीकृति दी है, हमने आंका है कि सरकार को इसकी कीमत करीब 6 से 7 डॉलर पड़ेगी। प्रस्ताव को केंद्र और प्रांतीय सरकारों के सामने साफ कर दिया गया है, लेकिन यह कहना मुश्किल है कि वैक्सीन कब उपलब्ध होगी। अभी हमें इसके बारे में ठीक-ठीक नहीं पता।''

सिंध मेडिकल स्टोर के प्रतिनिधि ने डॉन को बताया कि पाकिस्तानी नियामक ने वैक्सीन को मंजूरी तो दे दी है, लेकिन उन्हें अभी तक दस्तावेजी मंजूरी नहीं उपलब्ध कराई गई है, जिसकी वजह से कीमत पूरी तरह निर्धारित नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा, ''वैक्सीन का निर्माण भारत में हो रहा है, इसलिए पहले उसे टीके मिलेंगे और इसबीच या इसके बाद इसे कोवाक्स को दिया जाएगा। हालांकि, नेपाल, भूटान और बांग्लादेश जैसे देशों ने वैक्सीन के लिए अग्रिम भुगतान कर दिया है।''

वैसे तो पिछले दिनों पाकिस्तान ने चीन की सरकारी कंपनी सिनोफार्म के वैक्सीन को भी मंजूरी दे दी है, लेकिन यह इसके बजट से बहुत दूर है। उसे चीन की रहमो-करम का ही इंतजार करना होगा। पिछले दिनों भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दुनियाभर के टीकों की कीमतों की जानकारी देते हुए बताया था कि भारत में सिनोफार्मा वैक्सीन की कीमत 5600 रुपए से अधिक बैठेगी। पाकिस्तान की इमरान सरकार ने कहा है कि वह मार्च तक 10 लाख टीके खरीदने को प्रतिबद्ध है और करीब 70 फीसदी आबादी का टीकाकरण करना चाहती है। हालांकि, इसमें कितना समय लगेगा, पैसे कहां से आएंगे जैसे सवालों के जवाब तो शायद इमरान खान भी नहीं जानते हैं। 

सिंध मेडिकल स्टोर के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने केंद्र और प्रांतीय सरकारों को बताया है कि यदि बड़ी मात्रा में खरीद की जाती है तो 6-7 डॉलर प्रति डोज कीमत पर टीका उपलब्ध करा सकते हैं। उन्होंने कहा यदि करीब 5 करोड़ डोज की खरीदारी की जाती है तो इतनी कीमत देनी होगी। उन्होंने यह भी बताया कि प्राइवेट सेक्टर और संस्थाओं की ओर से यदि 10 हजार से अधिक डोज का ऑर्डर दिया जाता है तो यह 2 हजार रुपए से 2500 रुपए प्रति डोज के हिसाब से मिलेगा।

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