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बाल्टिक सागर में गैस पाइपलाइन में रिसाव के पीछे रूस का हाथ? शुरू हुई जुबानी जंग

बाल्टिक सागर में दो गैस पाइपलाइन में रिसाव के बाद आरोप प्रत्यारोप का भी सिलसिला शुरू हो गया है। यूरोप के कई देशों का आरोप है कि इसके पीछे रूस का हाथ है।

बाल्टिक सागर में गैस पाइपलाइन में रिसाव के पीछे रूस का हाथ? शुरू हुई जुबानी जंग
Ankit Ojhaएजेंसियां,कोपेनहेगनWed, 28 Sep 2022 10:20 AM

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रूस और जर्मनी के बीच नेचुरल गैस की दो पाइपलाइन में रिसाव के बाद इसके पीछे साजिश की आशंका जताई जा रही है। डेनमार्क, पोलैंड, स्वीडन और जर्मनी का कहना है कि जान-बूझकर पाइपलाइन से छेड़छाड़ की गई है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि यह कृत्य किसका है। डेनमार्क के प्रधानमंत्री का कहना है कि रूस ने ही विस्फोट करके पाइपलाइन को नुकसान पहुंचाया है। इन आरोपों के बाद यूरोप ने जांच भी शुरू कर दी है। बाल्टिक सागर में नॉर्ड स्ट्रीम 1 और 2 में यह रिसाव हुआ है। 

डेनमार्क की  सेना ने मंगलवार को एक वीडियो जारी किया जिसमें देखा जा सकता था कि पाइपलाइन के ऊपर बाल्टिक सागर में बुलबुले उठ रहे थे। लगभग एक किलोमीटर व्यास के दायरे में इस तरह के बुलबुले देखे गए। बता दें कि यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध और प्रतिबंधों के बाद नॉर्ड स्ट्रीम 1 से नेचुरल गैस की सप्लाई रोक दी गई थी। वहीं स्ट्रीम  2 से अभी सप्लाई शुरू ही नहीं हुई थी। 

लंबे समय से नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन के उद्घाटन का इंतजार हो रहा है। यह पाइपलाइन जब शुरू हो जाएगी तब यूरोप की मॉस्को पर निर्भरता कम हो  जाएगी। इसके जरिए नॉर्वे से पोलैंड को गैस की सप्लाई हो सकेगी। मंगलवार को देखा गया कि नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन में अचानक दबाव कम हो गया है। इसके बाद डेनमार्क ने लीक  होने की  पुष्टि कर दी। कुछ घंटे बाद ही एक और विस्फोट हुआ जो कि नॉर्ड 1 के ऊपर था। बताया जा रहा है कि ये विस्फोट 2.5 रिक्टर स्केल भूकंप के बराबर थे। 

क्यों की गई साजिश?
अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक जनकारों का कहना है कि पाइपलाइन को नुकसान पहुंचाने का काम केवल रूस ही कर सकता है। क्योंकि वह चाहता है कि यूरोप की मार्केट पर उसका दबदबा रहे और अगर वह कोई कदम उठाए तो उसका प्रभाव यूरोप पर पड़े। वहीं नॉर्ड 2 के शुरू हो जाने से नॉर्वे से सीधा यूरोप को गैस सप्लाई होने लगेगी। बता दें कि इन दोनों  पाइपलाइन में गैस है लेकिन इसकी सप्लाई नहीं हो रही है। बता दें कि ये पाइपलाइन समंदर में 80 से 110 मीटर की गरहाई में हैं और इससका व्यास 1.153 मीटर है। 

कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि तकनीकी दिक्कत और मरम्मत की कमी की वजह से भी पाइपलाइन में लिकेज हो सकता है। वहीं यूक्रेन का कहना है कि यह मॉस्को द्वारा किया गया आतंकी हमला है जो कि यूरोपीय यूनियन पर भड़कने की वजह से किया गया है। हालांकि रूस का कहना है कि पाइपलाइन में हुए रिसाव की वजह का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। 

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