चर्चित चेहरा: नस्लीय टिप्पणी पर नोबेल विजेता जेम्स वाटसन से छिना सम्मान
फादर ऑफ डीएनए के नाम से विश्व में मशहूर जेम्स वाटसन इन दिनों सुर्खियों में हैं। 1953 में फ्रांसिस क्रिक और रोसालिंड फ्रैंकलिन के साथ मिलकर वाटसन ने डीएनए की डबल हेलिक्स संरचना खोजी थी। उन्हें...

फादर ऑफ डीएनए के नाम से विश्व में मशहूर जेम्स वाटसन इन दिनों सुर्खियों में हैं। 1953 में फ्रांसिस क्रिक और रोसालिंड फ्रैंकलिन के साथ मिलकर वाटसन ने डीएनए की डबल हेलिक्स संरचना खोजी थी। उन्हें 1962 में चिकित्सा के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
वाटसन 2007 में भी नस्लभेदी बयान देकर वाटसन विवाद में थे। फ्रैंकलिन का डाटा चुराने के लिए भी उन पर आरोप लगे थे।
नोबेल पुरस्कार विजेता जेम्स वाटसन द्वारा जाति और नस्ल आधारित टिप्पणियां किए जाने के बाद उनसे उनकी प्रयोगशाला ने कई सम्मान वापस ले लिए हैं। वाटसन डीएनए हेलिक्स के सह खोजकर्ता होने के साथ ह्यूमन जीनोम के पितामह भी हैं।
न्यूयॉर्क स्थित द कोल्ड प्रिरंग हार्बर लेबोरेटरी (सीएसएचएल) ने अपने बयान में कहा है कि यह कदम इस महीने प्रसारित हुए टेलीविजन वृत्तचित्र में उनके द्वारा की गई टिप्पणी के बाद उठाया गया है। बता दें कि वाटसन ने न केवल इस लेबोरेटरी में चार दशकों तक काम किया है बल्कि उनके नाम पर यहां एक स्कूल भी है।
ताजा विवाद तब शुरू हुआ जब अभी हाल ही में अमेरिकन मास्टर्स: डिकोडिंग वाटसन नामक एक नई पीबीएस वृत्तचित्र प्रसारित की गई। इस दौरान जब लैब से बाहर निकलने हुए उनसे जाति के बारे में उनके विचारों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह अपनी पूर्व में की गई टिप्पणी पर कायम हैं। उन्होंने फिर कहा कि आईक्यू की अगर बात करें तो अश्वेत लोगों में इसकी कमी दिखाई पड़ती है।
अफ्रीका के लोगों को कम बुद्धिमान बताया था
खास बात यह है कि 90 वर्षीय अनुवांशिकविद जेम्स वाटसन ने वर्ष2007 में एक समाचार पत्र से बातचीत में अफ्रीका के लोगों के कम बुद्धिमान होने की बात कही थी। इसके बाद लेबोरेटरी से निकाले जाने के दबाव में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। वहीं उन्होंने वर्ष 2003 में प्रसारित एक ब्रिटिश टीवी वृत्तचित्र में सुझाव दिया था कि मूर्खता एक आनुवांशिक बीमारी है जिसका इलाज किया जाना चाहिए।
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