Neuralink Device: इंसानों के दिमाग में लगने जा रही है 'चिप', एलन मस्क ने बना ली प्लानिंग
Elon Musk News: एलन मस्क ने गुरुवार को कहा कि उनका मस्तिष्क-कंप्यूटर न्यूरालिंक डिवाइस मानव परीक्षणों के लिए तैयार है, और वह अब से लगभग छह महीने में ऐसा करने की उम्मीद कर रहे हैं।
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दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क की न्यूरालिंक कंपनी जल्द ही इंसानों के दिमाग में चिप लगाने जा रही है। कंपनी ने हाल ही में लगभग चार साल बाद एक इवेंट आयोजित किया और इसमें कुछ बड़ी घोषणाएं कीं। तकनीक भले ही अटपटी लगे, लेकिन छह महीने के भीतर न्यूरालिंक का मानव परीक्षण शुरू हो जाएगा। न्यूरालिंक ने 'शो एंड टेल' इवेंट में अपनी तकनीक के बारे में बताया।
बता दें कि न्यूरालिंक का उद्देश्य ऐसे प्रोडक्ट का निर्माण करना है जिसका उद्देश्य मानव मस्तिष्क को बेहतर करना है। यह कंपनी खुद को ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस कंपनी बताती है। इस तकनीक का परीक्षण सूअरों और बंदरों पर किया जा चुका है। इस साल बंदरों के दिमाग में इसका टेस्ट किया गया। इवेंट की शुरुआत में इस टेस्ट का जिक्र भी किया गया।
इवेंट के दौरान क्या बोले एलन मस्क?
इवेंट के दौरान, एलन मस्क ने कहा कि न्यूरालिंक स्मार्टवॉच के साथ आपकी खोपड़ी के एक टुकड़े को बदलने जैसा है। उन्होंने कहा, "बेहतर समानता की कमी के लिए, यह आपकी खोपड़ी के एक टुकड़े को स्मार्टवॉच के साथ बदलने जैसा है।" तकनीक में सटीक रोबोटिक सुइयों का उपयोग करके खोपड़ी का एक टुकड़ा निकाल दिया जाता है।
मस्क ने गुरुवार को कहा कि उनका मस्तिष्क-कंप्यूटर न्यूरालिंक डिवाइस मानव परीक्षणों के लिए तैयार है, और वह अब से लगभग छह महीने में ऐसा करने की उम्मीद कर रहे हैं। न्यूरालिंक ने इंसानों के क्लिनिकल ट्रायल के लिए आवश्यक अधिकांश कागजी कार्रवाई यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) को सौंप दी है। कंपनी के एक कार्यक्रम को संबोधित करने के बाद नए ट्विटर सीईओ ने पोस्ट किया, "अब हमें विश्वास है कि न्यूरालिंक डिवाइस मनुष्यों के लिए तैयार है।''
डेमो के दौरान, इंजीनियरों ने दावा किया कि छोटी कंप्यूटर चिप को लगभग 15 मिनट में दिमाग में रखा जा सकता है और इस दौरान 64 धागों का इस्तेमाल किया जाता है। बालों जैसे इन धागों को रोबोटिक उपकरण की मदद से बहुत ही खास गहराई पर दिमाग में डाला जाएगा। यह बैटरी पर चलता है और इसे देखते हुए आपको इसे चार्ज भी करना होगा। इंजीनियरों ने दिखाया कि कैसे एक बंदर को एक वायरलेस चार्जर की मदद से एक स्थिति में हिलाया गया।