लिपुलेख और कालापानी को लेकर भारत-नेपाल में विवाद
नेपाल की सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए नेपाल का नया नक्शा जारी करने को कहा है। इस नक्शे में भारत के कालापानी और लिपुलेख को नेपाल की सीमा का हिस्सा दिखाया गया है। नेपाल सरकार की तरफ...
नेपाल की सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए नेपाल का नया नक्शा जारी करने को कहा है। इस नक्शे में भारत के कालापानी और लिपुलेख को नेपाल की सीमा का हिस्सा दिखाया गया है। नेपाल सरकार की तरफ से जल्द ही इस मैप को पब्लिश किया जाएगा। इस बारे में बालुवतार में प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर एक कैबिनेट मीटिंग हुई।
मिनिस्टर ऑफ लैंड मैनेजमेंट पदम अरयाल की तरफ से कैबिनेट मीटिंग के दौरान देश के नए राजनीतिक नक्शे के बारे में प्रस्ताव पेश किया गया। नेपाल के सांस्कृतिक, पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन मेंत्री योगेश भट्टाराय ने कहा कि सोमवार का कैबिनेट का यह फैसला सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा।
मिनिस्टर भट्टराय ने कहा एक तरफ जहां ये कहा कि आने वाले समय में सभी क्वीज कांटेस्ट में सोमवार के कैबिनेट के फैसले और इसकी तारीख के बारे में पूछा जाएगा तो वहीं दूसरी तरफ उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री केपी ओली का धन्यवाद भी किया।
लिम्पियाधुरा, लिपुलेक र कालापानीसहितका भूभाग समेट्दै ७ प्रदेश, ७७ जिल्ला र ७५३ स्थानीय तहको प्रशासनिक विभाजन खुल्ने गरी नेपालको नक्सा प्रकाशित गर्ने मन्त्रिपरिषदको निर्णय । आधिकारिक नक्सा भूमिव्यवस्था मन्त्रालयले छिटै सार्वजनिक गर्दैछ ।
— Pradeep Gyawali (@PradeepgyawaliK) May 18, 2020
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नेपाल की कैबिनेट का ये फैसला भारत की ओर से लिपुलेख इलाके में सीमा सड़क के उद्धाटन के करीब 10 दिनों के बाद आया है।लिपुलेख से होकर ही तिब्बत चीन के मानसरोवर जाने का रास्ता है। इस सड़क के बनाए जाने के बाद नेपाल ने कड़े शब्दों में भारत के कदम का विरोध किया था।
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