रूसी सेना में भर्ती के लिए भेजे जा रहे नेपाली गोरखा, यूक्रेन में लड़ रहे जंग; 12 तस्कर गिरफ्तार
काठमांडू की जिला पुलिस ने कहा कि रूसी सेना में भर्ती कराने के लिए गिरोह ‘विजिट’ वीजा तथा अन्य दस्तावेजों की व्यवस्था करने के लिए हर व्यक्ति से सात लाख से 11 लाख रुपये तक लेता था।
नेपाल पुलिस ने एक बड़े गिरोह को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह लोगों को मजबूर कर रूस भेज रहा था ताकि वे यूक्रेन युद्ध में रूसी सेना के साथ लड़ सकें। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि रूसी सेना में भर्ती के लिए नेपाली नागरिकों (गोरखा) को कथित तौर पर अवैध रूप से रूस भेजने में संलिप्त गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए उसके सभी 12 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया।
अधिकारी ने बताया कि पकड़े गए 10 लोगों पर यात्रा वीजा का वादा करके बेरोजगार युवाओं से बड़ी रकम वसूलने का आरोप है। बाद में वे लोगों को रूसी सेना में अवैध भर्ती के लिए मजबूर करते थे। काठमांडू की जिला पुलिस ने कहा कि रूसी सेना में भर्ती कराने के लिए गिरोह ‘विजिट’ वीजा तथा अन्य दस्तावेजों की व्यवस्था करने के लिए हर व्यक्ति से सात लाख से 11 लाख रुपये तक लेता था।
सूत्रों ने बताया कि नेपाल पुलिस ने रूस-यूक्रेन युद्ध में छह नेपाली नागरिकों के मारे जाने के बाद मानव तस्करी की संभावित घटनाओं के खिलाफ एहतियाती कदम उठाए हैं। सूत्रों ने बताया कि नेपाल सरकार ने रूस से अपनी सेना में नेपाली नागरिकों की भर्ती नहीं करने का भी आग्रह किया है।
इस सप्ताह की शुरुआत में, नेपाल सरकार ने रूस से नेपाली भाड़े के सैनिकों का इस्तेमाल बंद करने और सेवारत किसी भी व्यक्ति को वापस घर भेजने का आग्रह किया था। यह कदम तब उठाया गया जब यूक्रेन में लड़ाई के मोर्चे पर छह नेपाली नागरिकों की मौत हो गई है। जबकि एक अन्य नेपाली को यूक्रेन की सेना ने पकड़ लिया है।
काठमांडू जिला पुलिस प्रमुख भूपेन्द्र खत्री ने कहा कि गुप्त सूचना के बाद पिछले कुछ दिनों में 10 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। खत्री ने रॉयटर्स समाचार एजेंसी को बताया, "हम मामले के बारे में सरकारी वकीलों से चर्चा कर रहे हैं और उन्हें अदालत में पेश करेंगे।" उन्होंने यह नहीं बताया कि वे अदालत में कब पेश होंगे।
खत्री ने कहा कि पकड़े गए लोगों ने अवैध रूप से प्रत्येक व्यक्ति से 9,000 डॉलर तक वसूले और उन्हें मुख्य रूप से संयुक्त अरब अमीरात के माध्यम से "यात्रा [पर्यटक] वीजा" पर रूस भेजा। फिर उन्हें रूसी सेना में भर्ती कर लिया गया। खत्री ने कहा, "यह मानव तस्करी...संगठित अपराध का मामला है।" बता दें कि रूस ने अपने आक्रमण के विस्तार को देखते हुए यूक्रेन में सैनिकों की तैनाती के लिए विभिन्न जगहों से भर्ती की मांग की है। पिछले हफ्ते, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूसी सेना के साइज को 15 प्रतिशत तक बढ़ाने वाले एक डिक्री पर हस्ताक्षर किए।
चीन और भारत के बीच स्थित नेपाल ने जान गंवाने वाले नेपाली नागरिकों के परिवारों के लिए रूस से मुआवजे का अनुरोध किया है। गौरतलब है कि नेपाली सैनिक अपने साहस और युद्ध कौशल के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्हें गोरखा के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने 1947 में एक त्रिपक्षीय समझौते के माध्यम से भारत को आजादी मिलने के बाद से ब्रिटिश और भारतीय सेनाओं में सेवा की है। हालांकि, रूस के साथ ऐसा कोई समझौता नहीं है।
बड़ी संख्या में नेपाली जीविकोपार्जन के लिए विदेश में रोजगार की तलाश करते हैं और नेपाल की अर्थव्यवस्था में बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विश्व बैंक के अनुसार, बाहर रहने वाले नेपाली लोगों द्वारा अपने देश भेजा जाने वाला पैसा पिछले साल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग एक चौथाई था, जो विश्व स्तर पर नौवें उच्चतम स्थान पर था।
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