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दुनिया के विकसित देशों में चीन के प्रति नकारात्मक विचारों में तेजी से वृद्धि हुई है: सर्वे

'प्यू रिसर्च सेंटर के एक नए सर्वेक्षण के अनुसार, दुनिया के कई विकसित देशों, विशेष रूप से ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन में चीन के प्रति नकारात्मक धारणाएं तेजी से बढ़ी है। यह सर्वे मंगलवार को उस समय...

दुनिया के विकसित देशों में चीन के प्रति नकारात्मक विचारों में तेजी से वृद्धि हुई है: सर्वे
एजेंसी,ताइपेWed, 07 Oct 2020 12:19 AM
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'प्यू रिसर्च सेंटर के एक नए सर्वेक्षण के अनुसार, दुनिया के कई विकसित देशों, विशेष रूप से ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन में चीन के प्रति नकारात्मक धारणाएं तेजी से बढ़ी है। यह सर्वे मंगलवार को उस समय सामने आया है जब चीन अपने पड़ोसियों सहित दुनियाभर के कई देशों के साथ विभिन्न व्यापारिक और राजनयिक विवादों में लिप्त है।

दुनिया के 14 देशों में किए गए सर्वेक्षण से यह बात सामने आई है कि अधिकांश लोगों का चीन के प्रति प्रतिकूल दृष्टिकोण था। टेलीफोन के जरिए 10 जून से तीन अगस्त तक किए गए सर्वेक्षण में 14,276 वयस्कों को शामिल किया गया था। सर्वे के अनुसार ऑस्ट्रेलिया में, 81 प्रतिशत लोगों का कहना है कि चीन के प्रति उनका दृष्टिकोण प्रतिकूल है। पिछले वर्ष की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक लोग ऐसा विचार रखते हैं।

गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया ने कोरोना वायरस की उत्पत्ति की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की थी। इसके बाद दोनों देशों में तनाव बढ़ गया, चीन ने ऑस्ट्रेलिया से बीफ का आयात बंद कर दिया, वहां से आयातित जौ/जई की भारी शुल्क लगा दिया और अन्य कई कदम उठाए।

सर्वेक्षण अनुसार ऑस्ट्रेलिया में चीन के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण में सबसे अधिक वृद्धि हुई है। अन्य देशों में इसमें वृद्धि देखी गई है। चीन के प्रति प्रतिकूल दृष्टिकोण रखने वाले लोगों में ब्रिटेन में 74 प्रतिशत, जोकि पिछले वर्ष की तुलना में 19 प्रतिशत ज्यादा है, जर्मनी में 71 प्रतिशत (15 प्रतिशत अधिक) और अमेरिका में 73 प्रतिशत (13 प्रतिशत वृद्धि) लोग हैं।

सर्वे में शामिल 14 देश हैं... अमेरिका, कनाडा, बेल्जियम, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, स्पेन, स्वीडन, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जापान और दक्षिण कोरिया हैं। प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार सर्वेक्षण में शामिल कई लोकतांत्रिक देशों ने इस साल की शुरुआत में नये राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के माध्यम से हांगकांग में चीन के हस्तक्षेत्र की आलोचना की थी।

विदेशों में चीन की प्रतिष्ठा के संबंध में सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक कोरोना वायरस रहा है। यह वायरस पिछले साल के अंत में चीनी शहर वुहान में सामने आया था और इसके बाद पूरे विश्व में फैल गया। चीन की इस वायरस की शुरू में जानकारी नहीं देने के लिए आलोचना की गई थी।

सर्वे में पाया गया कि चीन ने कोरोना वायरस को कैसे नियंत्रित किया, इस संबंध में लोगों का नकारात्मक दृष्टिकोण था। इन 14 देशों में 61 प्रतिशत ने कहा कि चीन खराब तरीके से कोरोना वायरस से निपटा था जबकि 84 प्रतिशत ने कहा कि अमेरिका ने महामारी को खराब तरीके से नियंत्रित किया है।

सर्वे में शामिल देशों के नागरिक चीन के नेता शी चिनफिंग पर भरोसा नहीं करते हैं। सर्वे में 78 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें विश्व मामलों में सही काम करने का उन पर भरोसा नहीं है। सर्वे में शामिल लोग अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बारे में भी अच्छी राय नहीं रखते हैं और 83 प्रतिशत लोगों का कहना है कि उनपर भरोसा नहीं करते। ट्रंप चीन के सबसे मुखर आलोचकों में से एक रहे हैं, जो कोरोना वायरस के लिए बीजिंग को दोषी ठहराते रहे हैं।

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