Hindi Newsविदेश न्यूज़Necessary documents should not fall in the hands of Taliban Google closed many email accounts of Afghan government - International news in Hindi

तालिबान के हाथ न लग जाएं जरूरी डॉक्युमेंट, गूगल ने बंद किए अफगान सरकार के कई ईमेल अकाउंट्स

लगभग पूरे अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद गूगल ने अफगानिस्तान सरकार के कई ईमेल अकाउंट्स को अस्थाई तौर पर बंद कर दिया है। खबर है कि गूगल ने यह कदम पहले के अधिकारियों और अंतरराष्ट्रीय साझेदारों...

Mrinal Sinha लाइव हिन्दुस्तान टीम, नई दिल्लीSat, 4 Sep 2021 09:16 AM
share Share
Follow Us on

लगभग पूरे अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद गूगल ने अफगानिस्तान सरकार के कई ईमेल अकाउंट्स को अस्थाई तौर पर बंद कर दिया है। खबर है कि गूगल ने यह कदम पहले के अधिकारियों और अंतरराष्ट्रीय साझेदारों द्वारा छोड़े गए दस्तावेजों के लीक होने के डर से उठाया है। 

गूगल के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, "विशेषज्ञों के परामर्श से, हम अफगानिस्तान की स्थिति का लगातार आकलन कर रहे हैं। हम जरूरी अकाउंट्स को सुरक्षित करने के लिए अस्थायी कार्रवाई कर रहे हैं।" मामले से परिचित व्यक्ति ने आउटलेट को बताया कि अकाउंट्स को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था क्योंकि जानकारी का इस्तेमाल उन पूर्व सरकारी अधिकारियों को ट्रैक करने के लिए किया जा सकता है जिनसे समूह को नुकसान होगा। रॉयटर्स के अनुसार, स्थानीय सरकारों और राष्ट्रपति प्रोटोकॉल के कार्यालय के साथ, लगभग दो दर्जन अधिकारी, जिनमें से कुछ वित्त, उद्योग, उच्च शिक्षा और खान मंत्रालयों में हैं, आधिकारिक कम्युनिकेशन के लिए Google का उपयोग करते हैं।

तालिबान के अमेरिका समर्थित सरकार को हटाकर अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद से रिपोर्टों में यह दावा किया जा रहा है कि तालिबान किस तरह से बायोमेट्रिक और अफगान पेरोल डेटाबेस का इस्तेमाल अपने दुश्मनों के खिलाफ कर सकते हैं।

गनी सरकार में शामिल एक कर्मचारी ने रॉयटर्स को बताया कि तालिबान पूर्व अधिकारियों के ईमेल हासिल करने की कोशिश कर रहा है। जुलाई के आखिर में कर्मचारी ने बताया था कि तालिबान ने उससे उस मंत्रालय के सर्वर पर रखे डेटा को संरक्षित करने के लिए कहा था, जहां वह काम करता था।

 कर्मचारी ने कहा, अगर वह ऐसा करता है, तो तालिबान की पिछले मंत्रालय के नेतृत्व के डेटा और आधिकारिक संचार की जानकारी मिल जाएगी। कर्मचारी ने बताया कि उसने तालिबान की बात नहीं मानी और तब से ही छिप गया। वहीं, रॉयटर्स ने भी सुरक्षा कारणों के चलते कर्मचारी की पहचान और उसके मंत्रालय के बारे में जानकारी नहीं दी।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें