ट्रेंडिंग न्यूज़

अगला लेख

अगली खबर पढ़ने के लिए यहाँ टैप करें

Hindi News विदेशतो क्या इसलिए ठंडे पड़े मुइज्जू के तेवर, न चीन ने घास डाली न मिडिल ईस्ट कर रहा मदद

तो क्या इसलिए ठंडे पड़े मुइज्जू के तेवर, न चीन ने घास डाली न मिडिल ईस्ट कर रहा मदद

India-Maldives: राष्ट्रपति मुइज्जू की सरकार बनने के कुछ समय बात ही भारत और मालदीव के रिश्तों में खटास आ गई थी। मुइज्जू ने मालदीव से भारत के सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने की मांग की।

तो क्या इसलिए ठंडे पड़े मुइज्जू के तेवर, न चीन ने घास डाली न मिडिल ईस्ट कर रहा मदद
Nisarg Dixitलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीTue, 30 Jul 2024 11:15 AM
ऐप पर पढ़ें

मालदीव अब भारत के साथ रिश्ते बेहतर करने की कोशिश में नजर आ रहा है। इसी बीच मालदीव के गालोल्हू से सांसद मिखाइल नसीम ने दावा किया है कि राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को एहसास हो गया है कि उनकी विदेश नीति काम नहीं कर रही है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मुइज्जू सरकार चीन से कोई भी मदद हासिल करने में असफल रही है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि मालदीव सरकार भारत के साथ पुराने संबंध बनाए रखने की कोशिश करेगी।

हाल ही में मुइज्जू ने कर्ज चुकाने की प्रक्रिया को आसान बनाने में समर्थन के लिए भारत का धन्यवाद किया था। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई थी कि नई दिल्ली और माले मजबूत संबंध बनाएंगे और मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे।

समाचार एजेंसी ANI से बातचीत में नसीम ने मुइज्जू के इस बयान पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि हमारे रिश्ते सामान्य होने में काफी समय लगेगा, लेकिन यह अच्छी बात है कि राष्ट्रपति को यह एहसास हो गया है कि उनकी विदेश नीति काम नहीं कर रही है। उन्होंने पहले भी चीन के साथ-साथ मिडिल ईस्ट से सहायता लेने की कोशिश की थी, लेकिन, वे बजट हासिल नहीं कर सके, जिसका वादा उन्होंने मालदीव की जनता से किया था।'

उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि यह बहुत ही हताश करने वाली कोशिश थी। मैं कहूंगा कि उन्होंने अपने भाषण में इन सब बातों का जिक्र किया और कुछ समय पहले ही उनके सांसद कह रहे थे कि मालदीव की संप्रभुता से समझौता करने में भारत ने बड़ी भूमिका निभाई थी। कुछ दिन बात वह ऐसी बात कह रहे हैं। ऐसे में मुझे उनकी विदेश नीति अस्थिर लगती है। मैं उम्मीद करता हूं कि वह इस राह पर बने रहेंगे और समझेंगे कि भारत और मालदीव के बीच भौगोलिक महत्व क्या है।'

खास बात है कि राष्ट्रपति मुइज्जू की सरकार बनने के कुछ समय बात ही भारत और मालदीव के रिश्तों में खटास आ गई थी। मुइज्जू ने मालदीव से भारत के सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने की मांग की। इसके बाद उनकी सरकार के तीन मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे को लेकर टिप्पणी कर दी थी, जिसे लेकर काफी विवाद हुआ था। हालांकि, बाद में मालदीव ने तीनों को निलंबित कर दिया था।