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हिंदी न्यूज़ विदेशपाकिस्तान में खत्म हुआ देशद्रोह कानून, लाहौर हाई कोर्ट ने बताया मनमाना

पाकिस्तान में खत्म हुआ देशद्रोह कानून, लाहौर हाई कोर्ट ने बताया मनमाना

नागरिकों द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। याचिकाओं में देशद्रोह कानून को इस आधार पर चुनौती दी गई थी कि सरकार ने इसका इस्तेमाल अपने प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ किया है।

पाकिस्तान में खत्म हुआ देशद्रोह कानून, लाहौर हाई कोर्ट ने बताया मनमाना
Amit Kumarलाइव हिन्दुस्तान,लाहौरThu, 30 Mar 2023 06:10 PM
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लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) ने एक ऐतिहासिक फैसले में देशद्रोह कानून को खत्म कर दिया। कोर्ट ने इसे मनमाना बताते हुए खारिज कर दिया। लाहौर हाी कोर्ट के न्यायमूर्ति शाहिद करीम ने गुरुवार को देशद्रोह से संबंधित पाकिस्तान दंड संहिता (पीपीसी) की धारा 124-ए को रद्द कर दिया। अदालत ने देश के कई नागरिकों द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। याचिकाओं में देशद्रोह कानून को इस आधार पर चुनौती दी गई थी कि सरकार ने इसका इस्तेमाल अपने प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ किया है। 

मुशर्रफ को मौत की सजा चुना चुके हैं जज

देशद्रोह कानून को लेकर सेलमन अबुजार नियाजी और अन्य की याचिकाओं पर सुनाई के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखा लिया था जिसे गुरुवार को सुनाया गया। याचिकाओं में सरकार के खिलाफ बोलने वालों के खिलाफ देशद्रोह के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किए जाने को चुनौती दी गई थी। देशद्रोह के कानून को खत्म करने का फैसला देने वाले जस्टिस करीम वही जज हैं, जिन्होंने 2019 में पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ को दोषी ठहराया था और 2007 में संविधान को पलटने के लिए राजद्रोह के मामले में उन्हें मौत की सजा सुनाई थी।

अंग्रेजों ने बनाया था देशद्रोह कानून

जियो टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, याचिकाओं में तर्क दिया गया कि देशद्रोह अधिनियम 1860 में बनाया गया था तब ब्रिटिश हुकूमत थी। इस कानून का इस्तेमाल गुलामों के लिए किया जाता था जिसके तहत वे किसी के भी खिलाफ मामला दर्ज कर सकता थे। याचिका में कहा गया था कि पाकिस्तान का संविधान हर नागरिक को अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है लेकिन फिर भी शासकों के खिलाफ भाषण देने पर धारा 124-ए लगाई जाती है। याचिकाकर्ताओं के अनुसार, राजद्रोह की धारा 124-ए का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है और इसे रद्द किया जाना चाहिए।

क्या कहता है पाकिस्तान का देशद्रोह कानून?

जो कोई भी मौखिक या लिखित, या संकेतों द्वारा, या दृश्य प्रतिनिधित्व द्वारा, या अन्यथा, घृणा या अवमानना ​​​​करता है या लाने का प्रयास करता है, या कानून द्वारा स्थापित संघीय या प्रांतीय सरकार के प्रति असंतोष को उत्तेजित करता है या उत्तेजित करने का प्रयास करता है, वह आजीवन कारावास से जिसमें जुर्माना जोड़ा जा सकता है, या कारावास से, जो तीन वर्ष तक का हो सकता है, जिसमें जुर्माना जोड़ा जा सकता है, या जुर्माने से दंडित किया जाएगा।