270 स्कूलों के बच्चों ने की हड़ताल, वजह जान चौंक जाएंगे आप
जलवायु परिवर्तन के चलते धरती पर संकट मंडरा रहा है। इसकी गंभीरता को समझते हुए पर्यावरण सुरक्षा के लिए इंग्लैंड के स्कूली बच्चों ने हड़ताल करने का फैसला किया। दरअसल ये बच्चे इस बात से चिंतित हैं कि...
जलवायु परिवर्तन के चलते धरती पर संकट मंडरा रहा है। इसकी गंभीरता को समझते हुए पर्यावरण सुरक्षा के लिए इंग्लैंड के स्कूली बच्चों ने हड़ताल करने का फैसला किया। दरअसल ये बच्चे इस बात से चिंतित हैं कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए जा रहे। इसके खिलाफ ये आंदोलन कर रहे हैं।
दरअसल, ग्रेटा थनबर्ग नाम की एक स्वीडिश स्कूली छात्रा ने अपने देश की संसद के बाहर इस मसले पर एक महीने तक अकेले प्रदर्शन किया। उससे प्रभावित होकर इंग्लैंड के स्कूली विद्यार्थी भी इस तरीके को अपना रहे हैं। जलवायु संरक्षण के लिए 40 युवा हड़ताल होने की उम्मीद हैं। 270 शहरों में 70,000 हजार से ज्यादा स्कूली बच्चे इस हड़ताल में हिस्सा ले रहे हैं।
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इंग्लैंड के शहर ब्रिस्टल की 14 वर्षीय स्कूली छात्रा, जो बोनेट भी हड़ताल में हिस्सा ले रही हैं। इसके लिए उन्होंने बाकायदा अपने स्कूल के प्रिंसिपल को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने यह कदम उठाने का कारण स्पष्ट किया है। जो ने लिखा है, ‘हजारों युवा जलवायु परिवर्तन के संकट और चिंता को ध्यान में रखकर हड़ताल कर रहे हैं। मैं भी उनमें से एक हूं और ब्रिस्टल में हड़ताल का संयोजन कर रही हूं। हम जैसे हालात का सामना कर रहे हैं, उससे निपटने के कम प्रयास हो रहे हैं। जलवायु संकट सभी के एजेंडा में सबसे टॉप पर होना चाहिए, खासतौर से सरकार के क्योंकि इंसानों के लिए यह सबसे बड़ा खतरा है।’ जो ने बताया, ‘पिछले साल आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से हम सिर्फ 12 साल दूर हैं। इसके बाद भुखमरी, सूखा, अत्यधिक तापमान, गरीबी का सामना करना पड़ेगा। इन हालात को देखते हुए हमें इस कदम की जरूरत है।’
जलवायु आपातकाल की मांग
छात्रा जो बोनेट ने कहा, ‘स्कूल आना मुझे पसंद है। इससे मेरा भविष्य जुड़ा है। लेकिन, इस मसले पर जागरुकता फैलाने के लिए दो या तीन दिन के लिए छुट्टी क्यों कर रही हूं ये बताना जरूरी है। ज्यादातर हड़ताल करने वाले सरकार से इन चीजों की मांग कर रहे हैं।’ जो ने कहा कि सरकार जलवायु आपातकाल घोषित करे और धरती बचाने को प्राथमिकता में लाया जाए। सरकार यह समझें कि नीतियां बनाने में युवाओं के विचार महत्वपूर्ण हैं। वोटिंग की उम्र 16 साल से कम की जाए।
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