म्यूजियम बनकर रह जाएगा बकिंघम पैलेस, जानें क्यों किंग चार्ल्स को पसंद नहीं आलीशान महल?
रिपोर्ट्स के मुताबिक ब्रिटेन के नए महाराज किंग चार्ल्स तृतिया को रहने के लिए बकिंघम पैलेस पसंद नहीं है। बता दें कि इस शाही महल में 1837 से ही ब्रिटेन के राजा और रानी रहा करते हैं।
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ब्रिटेन की महारानी क्वीन एलिजाबेथ के निधन के बाद 73 साल के किंग चार्ल्स तृतीय ने गद्दी संभाली है। हालांकि रिपोर्ट्स के मुताबिक किंग चार्ल्स उस महल में नहीं रहना चाहते जहां उनकी मां और उनसे पहले के मोनार्क ने अपना जीवन बिताया। किंग चार्ल्स और उनकी पत्नी कैमिला अभी क्लेरेंस हाउस में रह रहे हैं जो कि बकिंघम पैलेस से थोड़ी ही दूरी पर है। हो सकता है कि बकिंघम पैलेस से किंग अपना कामकाज करें लेकिन वह उनका मुख्य आवास नहीं बनने वाला है।
पहली बात तो बकिंघम पैलेस का अभी रेनोवेशन चल रहा है। यह 10 साल का प्रोजेक्ट है। बताया जा रहा है कि 2027 में रेनोवेशन का काम पूरा होगा। इसके बाद किंग चार्ल्स इस महल का उपयोग दफ्तर के तौर पर करेंगे। बता दें कि 1837 से ही ब्रिटेन के राजा और महारानी का यह आधिकारिक निवास रहा है। महारानी एलिजाबेथ बी 2020 तक यहां रहीं लेकिन फिर कोविड के दौरान वह लंदन के विंडसर कैशल में शिफ्ट हो गई थीं।
शाही स्रोतों के हवाले से संडे टाइम्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि किंग चार्ल्स को क्लेरेंस हाउस में ही अच्छा लगता है। एक सूत्र ने कहा, हमें पता है कि किंग बड़े महलों के शौकीन नहीं हैं। वह आधुनिक समय के मुताबिक बहुत बड़े घर में नहीं रहना चाहते क्योंकि उन्हें लगता है कि वातावरण और लागत दोनों ही पैमानों पर यह ठीक नहीं है। वहीं किंग की पत्नी भी बड़े महल का शौक नहीं रखती हैं। वह भी बकिंघम पैलेस में नहीं रहना चाहती हैं।
एक सूत्र के मुताबिक किंग चार्ल्स को लगता है कि राजमहल में रहकर लोगों से घुलना मिलना आसान नहीं रहता है। इसलिए वह अपने निजी आवास में रहना ज्यादा अच्छा समझते हैं। इसके अलावा किंग चार्ल्स के पास घरों की कमी नहीं है। क्लेरेंस हाउस के अलावा उके पास ग्लुसेस्टरशायर में हाइग्रोव, नॉरफोक में सैंड्रिगम और बालमोराल एस्टेट में बिरखाल भी है जहां वह रह सकते हैं।