वर्चुअल मीटिंग में कैमरा ऑन रखने से आपको हो सकती है यह प्रॉब्लम, स्टडी में दावा
वर्चुअल मीटिंग के दौरान कैमरा ऑन रखने से आपको एक खास तरह की प्रॉब्लम हो सकती है। विशेषज्ञों ने इसे ‘जूम फटीग’ का नाम दिया है। एक नई स्टडी में इस बात का दावा किया गया है। स्टडी के मुताबिक...
वर्चुअल मीटिंग के दौरान कैमरा ऑन रखने से आपको एक खास तरह की प्रॉब्लम हो सकती है। विशेषज्ञों ने इसे ‘जूम फटीग’ का नाम दिया है। एक नई स्टडी में इस बात का दावा किया गया है। स्टडी के मुताबिक वर्चुअल मीटिंग के अगले दिन आपको ऊर्जा की कमी महसूस हो सकती है। यह स्टडी जॉर्नल ऑफ अप्लाईड साइकोलॉजी में प्रकाशित हुई है।
एरिजोना की प्रोफेसर ने की स्टडी
गौरतलब है कि कोरोना महामारी के बाद कर्मचारियों के काम-काज के तरीकों में बड़ा बदलाव आया है। अब बड़ी संख्या में कर्मचारी ऑनलाइन या वर्क फ्रॉम होम मोड में काम कर रहे हैं। काम-काज के इस नए पैटर्न को लेकर एरिजोना के प्रोफेसर एलिसन गैब्रियल ने एक स्टडी की है। गैब्रिएल ने अपनी स्टडी में दावा किया है कि कैमरा थकान की एक बड़ी वजह हो सकता है। गैब्रिएल ने मीटिंग के दौरान कर्मचारियों पर कैमरे के प्रभाव पर अध्ययन किया। साथ ही उन्होंने यह भी जानने की कोशिश की क्या यह कुछ कर्मचारियों पर बहुत ज्यादा गलत प्रभाव डाल रहा है।
कर्मचारियों पर छोड़ दें कैमरा ऑन रखना है या नहीं
गैब्रिएल ने बताया कि हमेशा यह माना जाता है कि अगर आपने मीटिंग में कैमरा ऑन रखा है तो आप ज्यादा फोकस कर रहे हैं। लेकिन इस दौरान एक कर्मचारी को कई तरह के दबाव का भी सामना करना पड़ता है। इस दौरान उन्हें खुद को प्रजेंटेबल बनाकर रखना पड़ता है। साथ ही यह भी ध्यान रखना पड़ता है कि कमरे में शोर-शराबा न हो या बच्चे आसपास न रहें। गैब्रिएल ने कहा कि कर्मचारियों पर इस बात का दबाव नहीं देना चाहिए कि वह जूम मीटिंग के दौरान कैमरा ऑन रखें। बल्कि यह उनके ऊपर छोड़ दिया जाना चाहिए कि वह कैमरा ऑन रखना चाहते हैं या नहीं
कैमरा बंद रखने वाले ज्यादा एंगेज पाए गए
ग्रैब्रिएल ने इस एक्सपेरिमेंट में 103 लोगों को शामिल किया। इसके अलावा 1400 लोगों से राय भी मांगी गई। गैब्रिएल और उनकी सहयोगी ने पाया कि वर्चुअल मीटिंग के दौरान कैमरा ऑन रखने से थकान का अनुभव होता है। गैब्रिएल ने बताया कि स्टडी में जिन लोगों ने अपना कैमरा ऑन रखा था उन्होंने ज्यादा थकान की शिकायत की। वहीं उन लोगों ने कम थकान का अनुभव किया, जिन्होंने इस दौरान अपने कैमरे बंद कर रखे थे। उन्होंने कहा कि हकीकत में जिन्होंने कैमरा ऑफ कर रखा था वह मीटिंग में ज्यादा बेहतर ढंग से हिस्सा ले रहे थे। इसलिए यह कहना कि कैमरा ऑन रखने वाले मीटिंग में ज्यादा एंगेज होते हैं गलत है।
महिलाएं और नए कर्मचारियों पर ऐसा असर
वहीं स्टडी में महिलाओं और नए ज्वॉइन करने वाले कर्मचारियों ने भी कैमरा ऑन रखने से थकान की शिकायत की। गैब्रिएल ने बताया कि महिलाएं और नए कर्मचारी, जिनसे कैमरा ऑन रखने के लिए कहा जाता है, उन्होंने भी थकान होने की बात कही। उन्होंने बताया कि महिलाओं को घर पर बच्चे भी डिस्टर्ब करते रहते हैं। इसलिए कैमरा ऑन रखने से उनपर अतिरिक्त दबाव होता है। वहीं नए कर्मचारियों पर खुद को ज्यादा प्रोडक्टिव दिखाने का दबाव रहता है।
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