ट्रेंडिंग न्यूज़

अगला लेख

अगली खबर पढ़ने के लिए यहाँ टैप करें

Hindi News विदेशबांग्लादेश में इस इस्लामिक संगठन ने कराए थे दंगे, अब लगेगा बैन; कई देशों में असर

बांग्लादेश में इस इस्लामिक संगठन ने कराए थे दंगे, अब लगेगा बैन; कई देशों में असर

बांग्लादेश में पिछले दिनों भड़के दंगों में करीब 200 लोग मारे गए थे। 1971 में बने बांग्लादेश के लिए मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वालों के वंशजों को आरक्षण के विरोध में आंदोलन हुआ था और दंगे भड़क गए।

बांग्लादेश में इस इस्लामिक संगठन ने कराए थे दंगे, अब लगेगा बैन; कई देशों में असर
Surya Prakashलाइव हिन्दुस्तान,ढाकाTue, 30 Jul 2024 10:24 AM
ऐप पर पढ़ें

बांग्लादेश में पिछले दिनों भड़के दंगों में करीब 200 लोग मारे गए थे। 1971 में बने बांग्लादेश के लिए मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वालों के वंशजों को आरक्षण के विरोध में आंदोलन हुआ था। यह प्रदर्शन इतने हिंसक हो गए थे कि दंगे भड़क गए और फिर 200 से ज्यादा लोग मारे गए। अब इस मामले में बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार ने बड़ा ऐक्शन लिया है। देश में इस्लामिक संगठन जमात-ए-इस्लामी को बैन कर दिया गया है। इसके अलावा उसकी स्टूडेंट विंग छात्र शिविर पर भी पाबंदी लगाई गई है। आरोप है कि इन संगठनों ने छात्रों के प्रदर्शन को हाइजैक कर लिया था और अराजक तत्वों की एंट्री से दंगे भड़क गए।

बांग्लादेश में 14 दलों की गठबंधन सरकार ने सोमवार को यह बड़ा फैसला लिया। जमात-ए-इस्लामी पर आरोप है कि उसने आईएसआई की मदद से दंगे भड़का दिए। इससे पहले जमात पर बांग्लादेश के चुनावों में हिस्सा लेने पर पाबंदी लगी थी। जमात-ए-इस्लामी का पुराना इतिहास रहा है। उसने पाकिस्तान से अलग एक मुल्क बनाने का विरोध किया था और 1971 के स्वतंत्रता संग्राम में पाकिस्तानी सेना का साथ दिया था। इसके चलते भी जमात को बांग्लादेश में संदेह की नजर से देखा जाता रहा है। उसके पाकिस्तान से रिश्तों पर हमेशा शक रहा है।

इन घटनाओं में तो सीधे तौर पर कहा जा रहा है कि आईएसआई के इशारों पर जमात-ए-इस्लामी ने दंगे भड़का दिए। जमात-ए-इस्लामी का भारतीय उपमहाद्वीप में पुराना इतिहास रहा है। भारत के बंटवारे से पहले से यह संगठन सक्रिय रहा है। अब भी भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में इसकी सक्रियता है। बांग्लादेश के एक अधिकारी ने कहा कि गठबंधन ने जमात पर पाबंदी पर सहमति जताई है, जिसके चलते आम लोग मारे गए और बड़े पैमाने पर संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा है। गठबंधन के एक नेता राशिद खान मेनन ने कहा कि हमने तो पाबंदी के लिए एकमत से फैसला लिया है और अब सरकार को फैसला लेना है।