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हमास ने जिन बेटों को मारा, उनके स्पर्म रख रहे इजरायली; पोतों के लिए ढूंढ रहे मां

हमास के खिलाफ जंग में अपने बेटों को गंवाकर शोक संतप्त माता-पिता अपने बेटों के स्पर्म सुरक्षित रख रहे हैं, ताकि वे पोतों को जन्म देने के लिए उनकी मां ढूंढ सके।

हमास ने जिन बेटों को मारा, उनके स्पर्म रख रहे इजरायली; पोतों के लिए ढूंढ रहे मां
Gaurav Kalaलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीWed, 31 Jul 2024 06:12 PM
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हमास के सुप्रीम कमांडर इस्माइल हनिया को मंगलवार के दिन इजरायली सेना ने एक मिसाइल अटैक में मार डाला। हमला ईरान के तेहरान में किया गया था। इजरायल के इस ऑपरेशन के बाद तुर्की, ईरान समेत कई मुस्लिम देश नेतन्याहू पर भड़के हुए हैं। इस बीच हमास के खिलाफ भयंकर युद्ध में इजरायल को भी अपने 400 लोगों की जान से हाथ धोना पड़ा है। हमास ने जिन इजरायली युवाओं को मारा है, उनके माता-पिता अपने बेटों के स्पर्म सुरक्षित रख रहे हैं। उनकी मांग के बाद इजरायली हुकूमत ने भी अपने तेवर और नियमों में ढिलाई कर दी है। हालांकि कई युवाओं के स्पर्म अभी तक उनके मां-बाप को नहीं मिल पाए हैं। इन माता-पिता का कहना है कि अपने बेटों की जान गंवाने के बाद अब वे अपने पोतों को जन्म देने के लिए महिला ढूंढ रहे हैं।

 7 अक्तूबर 2023 को जब से हमास और इजरायल के बीच युद्ध शुरू हुआ है, इसमें 39 हजार से अधिक फिलिस्तीनियों को अपनी जान गंवानी पड़ी है और दूसरी तरफ इजरायल ने भी अपने 400 लोगों को जंग में खो दिया। इसके अलावा 251 से अधिक बंधक भी हैं, उनमें भी 100 से अधिक अभी भी हमास के कब्जे में हैं या मारे जा चुके हैं। इजरायली सेना को इस बात की पूरी जानकारी नहीं है। जंग में अपने बेटों को गंवाकर शोक संतप्त माता-पिता ने अपने दुख को कम करने के लिए अपने बेटों के स्पर्म सुरक्षित रखने की सरकार से मांग तेज कर दी है। इस काम की पहल इजरायली सरकार महीनों पहले शुरू भी कर चुकी है लेकिन, अभी तक महज 170 युवाओं के स्पर्म ही सुरक्षित माता-पिता तक पहुंच पाए हैं। परिवारवालों ने अपने पोतों को जन्म देने के लिए मां भी खोजनी शुरू कर दी है। 

4 महीने बाद भी बेटे का स्पर्म नहीं मिला 

जंग में अपना बेटा गंवा चुके इजरायली एवी हारुश आज भी अपने 20 वर्षीय बेटे के स्पर्म को पाने के लिए सरकार के सामने लगातार गुहार लगा रहे हैं। उन्होंने बीबीसी को बताया कि 6 अप्रैल को उनका बेटा गाजा की जंग में मारा गया। उनके दरवाजे पर इजरायली सैन्य अधिकारी पहुंचे और सूचना दी। उन्होंने यह  भी बताया कि वे रीफ के स्पर्म को सुरक्षित उन तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। एवी बताते हैं कि रीफ को बच्चे काफी पसंद थे लेकिन, उसका ये सपना कभी पूरा नहीं हो पाया। इसलिए हम उसकी अंतिम इच्छा के रूप में उसके स्पर्म से जन्मे पोते को बढ़े होते देखना चाहते हैं ताकि हमे रीफ की कमी महसूस न हो।

अब तक 170 इजरायलियों के स्पर्म माता-पिता को भेजे

इज़रायली स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 7 अक्टूबर से अब तक लगभग 170 युवकों ( इसमें सैनिक भी शामिल)से स्पर्म प्राप्त किए गए हैं। यह पिछले वर्षों की गई इस तरह की प्रक्रिया का लगभग 15 गुना अधिक है। इस प्रक्रिया में अंडकोष में एक चीरा लगाकर एक छोटा टुकड़ा निकाला जाता है, जिससे जीवित शुक्राणु कोशिकाओं को प्रयोगशाला में अलग करके जमाया जा सकता है। शरीर से स्पर्म सफलता पूर्वक हासिल करने के लिए अधिक से अधिक मरने के 72 घंटे बाद तक ये प्रक्रिया की जा सकती है। 

इजरायल में ऐसे कई केस

इजरायल में अपने मृत बेटे के स्पर्म को संरक्षित करने और उनके उपयोग से अपने पोते को प्राप्त करने वाले माता-पिता राहेल और याकोव कोहेन भी हैं। आईडीएफ के मुताबिक, इनका बेटा कीवन 2002 में गाजा पट्टी में एक फिलिस्तीनी स्नाइपर के हमले में मारा गया था। उसके स्पर्म से इन्होंने एक महिला को मां बनने के लिए राजी किया और फिर कानूनी कार्यवाही के बाद वे अपनी पोती को पाकर काफी खुश हैं। उनकी पोती ओशर अब 10 साल की हो गई है।