1500 रॉकेट से बमवर्षा, इमारतें हो रहीं ध्वस्त...इजराइल-फलस्तीन में क्या हो रहा, क्यों जारी है खूनी खेल, जानें सबकुछ
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग जारी है, मगर एक जंग और है जो इजराइल और फलस्तीन के बीच चल रहा है। इजराइल और फलस्तीन के बीच जारी यह खूनी खेल अब जंग का रूप लेता जा रहा है और इसमें दोनों...
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग जारी है, मगर एक जंग और है जो इजराइल और फलस्तीन के बीच चल रहा है। इजराइल और फलस्तीन के बीच जारी यह खूनी खेल अब जंग का रूप लेता जा रहा है और इसमें दोनों ओर से मरने वालों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। इजराइल और फलस्तीनी उग्रवादी गुट हमास लगातार एक-दूसरे की ओर रॉकेट से हमला कर रहे हैं और कई इमारतों को जमींदोज कर रहे हैं। इजराइल ने दावा किया है कि हमास ने उसकी ओर करीब 1500 रॉकेट दागे हैं, हालांकि, इजरायल ने भी पलटवार किया है और उसके सैकड़ों रॉकेट को हवा में ही ध्वस्त कर दिया है। इतना ही नहीं, इजराइल ने अबतक अपने रॉकेट हमले में 65 से अधिक फलीस्तीनियों को मार गिराया है। इजरायली हवाई हमले में हमास के 11 शीर्ष कमांडर मारे गए हैं। तो चलिए जानते हैं इजराइल-फलस्तीन के संघर्ष में अब तक क्या-क्या हुआ।
फलस्तीन के 67 से अधिक मरे, हमास के 10 टॉप कमांडर बी
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि गाजा पट्टी पर इजरायल के हवाई हमलों में मरने वाले फलस्तीनियों की संख्या बढ़कर 67 हो गई है। मृतकों में 17 बच्चे शामिल हैं। मंत्रालय के मुताबिक इजरायली हवाई हमले में 388 लोग घायल हुए हैं, जिनमें 115 बच्चे तथा 50 महिलाएं शामिल हैं। इजराइल ने गाजा पट्टी में सैन्य हमला तेज कर दिया है जिसमें हमास के 10 शीर्ष चरमपंथियों की मौत हो गई और कई हवाई हमलों में वे इमारतें जमींदोज हो गईं जहां हमास के लोग रहते थे। फिलहाल, इस्लामी उग्रवादी समूह हमास ने भी पीछे हटने का कोई संकेत नहीं दिया है और उसने इजराइली शहरों में सैकड़ों रॉकेट दागे।
The last 48 hours in Israel: pic.twitter.com/cEHq69Py4y
— Israel Defense Forces (@IDF) May 12, 2021
इजराइल का आयरन डोम बना है रक्षक
हमास की ओर से जब सैकड़ों रॉकेट दागे गए तो इजराइल के 'आयरन डोम' एयर डिफेंस सिस्टम ने 90 प्रतिशत मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया। आयरन डोम को दुनिया का बेस्ट एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम कहा जाता है। दरअसल, इजराइल की आयरन डोम एक एयर डिफेंस सिस्टम है जिसे इजराइल की फर्मों राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स और इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज द्वारा विकसित किया गया है, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका से वित्तीय और तकनीकी सहायता भी ली गई है। हाई टेक्नोलॉजी से लैस आयरन डोम एक छोटी दूरी का एयर डिफएंस सिस्टम हैं जिससे रॉकेट, मोर्टार को हवा में ही नष्ट किया जा सकता है।
Just moments before terrorists in Gaza tried to fire rockets toward Israeli civilians, our aircraft struck & destroyed their 2 rocket launchers, stopping them in their tracks.
— Israel Defense Forces (@IDF) May 12, 2021
We will respond with force as needed. pic.twitter.com/6dIt9ww6SN
2014 की लड़ाई याद आई
महज तीन दिन में दोनों शत्रुओं के बीच लड़ाई ने 2014 के उस विध्वंसक युद्ध की याद दिला दी जो 50 दिन तक चला था। इस लड़ाई ने इजराइल में दशकों बाद भयावह यहूदी-अरब हिंसा को जन्म दिया है। इजराइल ने सुबह होते ही कई हवाई हमले किए और गाजा में दर्जनों ठिकानों को निशाना बनाया। बुधवार को भी हवाई हमले जारी रहे थे जिससे हवा में धुएं का गुबार बन गया। गाजा सिटी में रात को सड़कों पर वीरानी छा गई और रमजान के आखिरी दिन लोग अपने घरों के भीतर ही सिमटे रहे।
इस वीडियो में देखें कैसे रॉकेट हमले के बाद भरभरा कर गिर गई यह गगनचुंबी इमारत
#इजराइल
— ApkaPrithvi (@Nkb_indian) May 13, 2021
Live rocket attacks while cameramen was shooting the usual images.#IronDome #Iron_dome #IsraelPalestine #airstrike #HamasAttack pic.twitter.com/FXAmX8pvUi
गाजा में हर पर मंडरा रहा मौत का साया
गाजा सिटी में अपनी इमारत में बम गिरने के बाद अन्य रिश्तेदारों के साथ भागकर मध्य गाजा में आए 44 वर्षीय जेयाद खत्ताब ने कहा, ''कहीं पर भी भाग नहीं सकते। कहीं पर भी छिप नहीं सकते। गाजा के उग्रवादी दिन भर इजराइल पर रॉकेट दागते रहे। गाजा के समीप दक्षिणी समुदायों में जनजीवन ठप हो गया है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 65 फलस्तीनियों की मौत हो गई है जिनमें 16 बच्चे और पांच महिलाएं शामिल हैं। इस्लामी जिहाद ने सात चरमपंथियों की मौत की पुष्टि की है जबकि हमास ने एक शीर्ष कमांडर और कई अन्य सदस्यों के मारे जाने की बात कही है।
Moments ago, IDF fighter jets struck a 14-story building in southern Gaza, which housed Hamas military intelligence offices & infrastructure used to communicate tactical-military information.
— Israel Defense Forces (@IDF) May 12, 2021
We warned civilians in the building & provided them sufficient time to evacuate. pic.twitter.com/lFT7ntbXzW
इजराइल में अब तक कितने मरे
इजराइल में कुल सात लोग मारे गए हैं जिनमें से चार की मौत बुधवार को हुई। इनमें टैंक रोधी मिसाइल से मारा गया एक सैनिक भी शामिल है और रॉकेट हमले में मारा गया छह साल का बच्चा भी शामिल है। इजराइली सेना ने दावा किया कि हमास की बतायी संख्या से कहीं अधिक चरमपंथी मारे गए हैं। हरहाल, संयुक्त राष्ट्र और मिस्र के अधिकारियों ने कहा कि संघर्ष विराम के प्रयास चल रहे हैं लेकिन इसमें प्रगति के कोई संकेत नहीं है। इजराइली टेलीविजन चैनल 12 ने बुधवार देर रात बताया कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सुरक्षा मंत्रिमंडल ने हमला तेज करने के अधिकार दिये हैं।
कब शुरू हुआ हिंसा का यह दौर
हिंसा का यह दौर एक महीने पहले यरुशलम में शुरू हुआ जहां रमजान के पवित्र महीने के दौरान हथियारों से लैस इजराइली पुलिस तैनात रही और यहूदी शरणार्थियों द्वारा दर्जनों फलस्तीनी परिवारों को निर्वासित करने के खतरे ने प्रदर्शनों को हवा दी और पुलिस के साथ झड़पें हुई। अल अक्सा मस्जिद में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और प्रदर्शनकारियों पर ग्रेनेड फेंके। यरुशलम को बचाने का दावा करने वाले हमास ने सोमवार देर रात इजराइल में कई रॉकेट दागे, जिसके बाद लड़ाई शुरू हो गई।
An hour ago, a Hamas rocket hit a civilian neighbourhood in Petah Tikva, causing injuries & significant damage.
— Israel Defense Forces (@IDF) May 13, 2021
Troops from our Search & Rescue Brigade are now at the scene providing assistance in the city's time of need. pic.twitter.com/fnbVXOc0E9
120 साल पुराना है विवाद
इजराइल और फलस्तीन के बीच टकराव की शुरुआत यहूदियों व अरब जगत के लोगों के लिए स्वतंत्र राष्ट्र की स्थापना के संघर्ष से हुई थी। 1947 में संयुक्त राष्ट्र के इजराइल के अस्तित्व को मान्यता देने के बाद से ही क्षेत्र में हिंसा और तनाव का दौर जारी है।
दोनों देशों के बीच में क्या हैं टकराव की मुख्य वजहें
दरअसल, 19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी की शुरुआत में खाड़ी क्षेत्र में कई आंदोलन हुए, जिनका मकसद यहूदियों और अरब जगत के लोगों के लिए स्वतंत्र राष्ट्र की स्थापना करना था। 1920 के दशक में फलस्तीनी राष्ट्रवाद की अवधारणा परवान चढ़ी और यरुशलम में लाखों की संख्या में अरब नागरिकों ने यहूदियों के आगमन के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किए। 1947 में संयुक्त राष्ट्र ने फलस्तीन को दो हिस्सों में बांट दिया और यहूदियों के लिए इजराइल और अरब जगत के लोगों के लिए फलस्तीन रखा। इस पर अरब समुदाय ने आपत्ति जताई और फिर फलस्तीन में गृहयुद्ध छिड़ गया। 1967 में खाड़ी क्षेत्र में जारी युद्ध और हिंसा के बीच गाजा पट्टी, सिनाय प्रायद्वीप, पूर्वी यरुशलम तथा पश्चिमी तट पर इजराइल का कब्जा हो गया। तब से ही दोनों देशों में सीमा विवाद जारी है।