‘सारी हदें पार…’ हिजबुल्लाह पर आर-पार के मूड में इजरायल, नए युद्ध का खतरा बढ़ा
इजरायल ने गोलन हाइट्स के मजदल शम्स पर रॉकेट हमले में 12 मौतों के लिए के लिए हिजबुल्लाह को दोषी ठहराया है। हालांकि संगठन ने इस से इनकार किया है, लेकिन इजरायल ने बड़ा अल्टीमेटम दे दिया है।
इजरायल के कब्जे वाले गोलन हाइट्स में फुटबॉल मैदान पर हमले के बाद क्षेत्र में एक फिर से युद्ध की आशंका बढ़ गई हैं। इस हमले में बच्चों सहित 12 लोगों की मौत हो गई है। वहीं 30 अन्य घायल हो गए हैं। हमले के लिए इजरायल ने हिजबुल्लाह को जिम्मेदार बताया है लेकिन समूह ने इससे इनकार किया है। रविवार को इजरायल ने लेबनान में हिजबुल्लाह के कई ठिकानों पर हमले किए है। इजरायल ने कहा है अब हिजबुल्लाह ने सारी हदें पार कर दी है और अब उसे इसकी भारी कीमत चुकानी होगी।
अल जजीरा के एक रिपोर्ट के मुताबिक इज़रायली सेना ने दावा किया है कि उसे घटनास्थल पर ऐसे सबूत मिले हैं जिनसे पता चलता है कि जो रॉकेट फुटबॉल पिच पर गिरा था वह ईरान में बना फलक-1 रॉकेट था। सेना ने दावा किया है कि हिजबुल्लाह कमांडर ने दक्षिणी लेबनान के शेबा में एक लॉन्चिंग साइट से हमले करवा रहा था। वहीं हिजबुल्लाह ने एक बयान जारी कर कहा कि वह हमले के पीछे उसका हाथ नहीं है। हालांकि हिजबुल्लाह इज़रायली ठिकानों पर लगातार हमले करता है और इसकी जिम्मेदारी भी लेता है और शनिवार को उसने 12 हमले करने की बात कही है। इसने युद्ध की शुरुआत से लेकर अब तक फलक और कत्युशा रॉकेट का उपयोग करके सैकड़ों हमलों का दावा किया है जिनमें से कुछ हमले गोलन हाइट्स में सैन्य मुख्यालय को निशाना बनाकर किए गए थे।
अमेरिका स्थित एक्सियोस समाचार वेबसाइट ने एक अनाम अमेरिकी अधिकारी का हवाला देते हुए कहा कि हिजबुल्लाह अधिकारियों ने बताया है कि फुटबॉल पिच पर इज़रायली एंटी-रॉकेट इंटरसेप्टर प्रोजेक्टाइल गिरा था। अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन ने भी कहा है कि यह साफ है कि रॉकेट हमले के पीछे हिजबुल्लाह का ही हाथ था।
युद्ध की ओर बढ़ते इजरायल और हिजबुल्लाह
इज़रायली सेना ने लेबनान में ताबड़तोड़ हवाई हमले शुरू कर दिए हैं। लेकिन विश्लेषकों और अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि कोई भी गलत अनुमान युद्ध को भड़का सकता है। संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय यूनियन ने इन हमलों को देखते हुए संयम बरतने की अपील की है। लेबनानी सरकार जो आमतौर पर इज़राइल या कब्जे वाले गोलन पर हमलों पर टिप्पणी करने से बचती है, ने एक बयान में नागरिकों पर हमलों की निंदा की है।
ईरान नहीं रहेगा पीछे
इन सब के बीच ईरान ने इजरायल को चेतावनी दे दी है कि वह सोच समझ कर कदम उठाए। वहीं मजदल शम्स की घटना को एक ईरान ने एक मनगढ़ंत कहानी बताया है। ईरान का कहना है कि गाजा पट्टी में मारे गए 39,000 से ज्यादा फिलिस्तीनियों से ध्यान हटाने के लिए यह कहानी बनाई गई है। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने रविवार को एक बयान में कहा कि इजरायल की सैन्य प्रतिक्रिया से क्षेत्र में और अस्थिरता आएगी और युद्ध की भड़क सकता है। उन्होंने कहा, “अगर ऐसा होता है, तो ज़ायोनी शासन इस तरह के मूर्खतापूर्ण व्यवहार के अप्रत्याशित नतीजों और प्रतिक्रियाओं के लिए तैयार रहे।”
क्या इसका असर गाजा युद्ध विराम की बातचीत पर पड़ेगा?
गाजा में युद्ध पूरे क्षेत्र में फैल रहे संघर्ष का मूल कारण बना हुआ है। हिजबुल्लाह सहित ईरान समर्थित सदस्यों ने कहा है कि अगर इजरायल इस क्षेत्र में फिलिस्तीनियों को मारना बंद कर देता है और मानवीय सहायता की इजाजत दे देता है तो वे उस पर हमले करना बंद कर देंगे।
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