टैंकर जब्त करने का कदम दर्शाता है कि ईरान 'खतरनाक रास्ता चुन रहा है : ब्रिटेन
ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेरेमी हंट ने शनिवार को कहा कि तेहरान द्वारा ब्रिटेन के एक ईंधन टैंकर को जब्त किए जाने का कदम दर्शाता है कि ''ईरान अवैध और अस्थिर व्यवहार वाले खतरनाक रास्ते को चुन रहा...
ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेरेमी हंट ने शनिवार को कहा कि तेहरान द्वारा ब्रिटेन के एक ईंधन टैंकर को जब्त किए जाने का कदम दर्शाता है कि ''ईरान अवैध और अस्थिर व्यवहार वाले खतरनाक रास्ते को चुन रहा है।
हंट ने ट्वीट किया, ''हमारी प्रतिक्रिया सोची-समझी और ठोस होगी। ब्रिटेन अपने जहाजों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
खाड़ी में इन दिनों काफी देशों के बीच तनाव चरम पर हैं। अमेरिका और ईरान यहां आपस में हर रोज किसी ना किसी तरह से भिड़ते रहते हैं लेकिन इस बार ईरान और ब्रिटेन में जबरदस्त भिड़ंत खाड़ी में देखने को मिल रही है। ईरान ने दावा किया है कि उसने ब्रिटेन के एक तेल टैंकर को स्टेट ऑफ होर्मुज से अपने कब्जे में ले लिया है। ब्रिटेन के इस तेल टैंकर में 23 लोग सवार है जिसमें भारत के 18 नागरिक भी शामिल हैं।
ईरान का कहना है कि तेल टैंकर ने अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन किया इसलिए उस पर कार्रवाई की गई। हांलाकि ईरान के दावों को अमेरिका ने खारिज कर दिया है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी इस मुद्दे पर अपना बयान दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि हमारा मिशन ईरान सरकार से संपर्क में हैं। हमारा मिशन भारतीय नागरिकों को रिहा करवानें के लिए ईरान सरकार से बात कर रहा है। हम ईरान सरकार से हर प्रकार की जानकारी ले रहे हैं।
Ministry of External Affairs (MEA) on detention of Indian crew members along with the oil tanker STENA IMPERO by Iranian authorities: We are ascertaining further details. Our Mission is in touch with the Govt of Iran to secure the early release & repatriation of Indian nationals. pic.twitter.com/X6IZrziWXz
— ANI (@ANI) July 20, 2019
टैंकर के ऑपरेटर ने कहा है कि जहाज चालक दल के सदस्यों के कंट्रोल में नहीं था। चालक दल या जहाज से संपर्क भी नहीं हो पा रहा था। ईरान की स्टेट समाचार एजेंसी आईआरएनए ने ईरानी सेना के सूत्रों के हवाले से कहा है कि जहाज ने कई बार ईरानी रिवोल्यूशन गार्ड की चेतावनियों को नजरअंदाज किया। ब्रिटेन का टैंकर गलत दिशा में जा रहा था जिससे अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन हो रहा था।
ब्रिटेने ने भी ईरान को अंजाम भुगतने की धमकी दी है। ब्रिटिश विदेश सचिव जेरेमी हंट ने कहा है कि हम अपने तरीके से इसका जवाब देंगे। अगर इस समस्या को जल्द ही सुलझाया नहीं गया तो इरान को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने कहा कि सीओबीआर की बैठक को इसकी समीक्षा करने के लिए कहा गया है कि मौजूदा स्थिति क्या है तथा दोनों जहाजों को रिहा कराने के लिए क्या किया जा सकता है। इनमें से एक जहाज ब्रिटेन का है और दूसरा जहाज लाइबेरिया का है।
हंट ने कहा कि जहाज पर कर्मियों के रूप में कई देशों के नागरिक हैं, लेकिन हमें लगता है कि जहाज पर कोई ब्रिटिश नागरिक नहीं है। इस मुद्दे को सुलझाने के लिए तेहरान में हमारे राजदूत ईरानी विदेश मंत्रालय के संपर्क में हैं और हम अंतरार्ष्ट्रीय साझेदारों के साथ करीबी से काम कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि जहाजों को जब्त करना अस्वीकार्य है। जल मार्ग की स्वतंत्रता कायम रखना जरूरी है और तभी सभी जहाज इस क्षेत्र में आजादी से तथा सुरक्षित रूप से गुजर सकते हैं।
ब्रिटेन विदेश सचिव ने यह भी कहा कि हम अभी सैन्य कार्रवाई की तरफ नहीं सोच रहे हैं। अभी हम डिप्लोमेटिक तरीके से इस समस्या को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। ब्रिटेन के एक अधिकारी ने कहा कि जहाज पूरी तरह से समुद्री नियमों के पालन के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन कर रहा था।
गौरतलब है कि तेहरान और ब्रिटेन के संबंध पिछले साल उस वक्त खराब हो गए थे जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने न्यूक्लियर डील से अपने हाथ खींच लिए थे। अमेरिका ने ईरान पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगा दिेए है जिससे ईरान की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हो रहा है। खाड़ी देशों में हो रही इन भिड़ंतो को देखकर विश्व के देशों को चिंता में डाल दिया है।