ईरान ने पोम्पिओ के प्रस्ताव 'पाखंड तरीका' बताकर खारिज किया
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के ईरान जाने और वहां की आवाम को संबोधित करने की पेशकश को इस्लामिक देश ने यह कह कर खारिज कर दिया है कि यह ''पाखंडपूर्ण" तरीका है। पोम्पिओ की ओर सीधे...
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के ईरान जाने और वहां की आवाम को संबोधित करने की पेशकश को इस्लामिक देश ने यह कह कर खारिज कर दिया है कि यह ''पाखंडपूर्ण" तरीका है। पोम्पिओ की ओर सीधे इशारा करते हुए ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक से इतर कहा, ''आपको ईरान आने की आवश्यकता नहीं है। जरीफ ने पोम्पिओ को ईरान के पत्रकारों को अमेरिका की यात्रा के करने की अनुमति देने और उनका साक्षात्कार करने के लिए वीजा देने की सलाह दी। इसके साथ ही ईरान के विदेश मंत्री ने उनके (पत्रकारों के) आग्रह को खारिज करने का आरोप लगाया।
सोमवार को पोम्पिओ ने ट्वीट कर कहा, ''हमलोग (जरीफ के) अमेरिका आने से भयभीत नहीं हैं । वह यहां बोलने के अधिकार का मुक्त होकर इस्तेमाल कर सकते हैं।" उन्होंने ईरान के शीर्ष नेता आयतुल्ला अली खामेनी का जिक्र करते हुए कहा कि क्या (खामेनी) शासन में व्यवस्था इतनी खराब है कि वे उन्हें (पोम्पिओ को) तेहरान में बोलने नहीं दे सकते हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, ''क्या होगा अगर उनके लोग बिना किसी काट छांट के और संपूर्ण सत्य सुनते।"
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल ईरान के साथ परमाणु कार्यक्रम पर लगाम लगाने वाले समझौते से अपने देश को अलग कर लिया था और उस पर प्रतिबंध लगा दिए थे। इसके बाद से ही अमेरिका और ईरान के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं। हाल के महीनों में अमेरिका ने फारस की खाड़ी में सैन्य उपस्थिति बढ़ा दी है जबकि ईरान ने अपनी परमाणु गतिविधियों को खुलेआम बढाना शुरू कर दिया है।
ईरान का कहना है कि वह अब वह लंबे समय तक 2015 के समझौतों को नहीं मान सकता है जबतक कि यूरोपीय देश उन्हें कुछ आर्थिक राहत नहीं देते हैं। ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि इसकी नीतियों का लक्ष्य क्षेत्र में ईरान का व्यवहार बदलना है न कि वहां की सरकार।