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इंडोनेशिया में ज्वालामुखी फटने से आई सुनामी, 222 की मौत, सैंकड़ों घायल

इंडोनेशिया के सुंडा खाड़ी में शनिवार रात ज्वालामुखी फटने के बाद आई सुनामी ने पर्यटक बीच और तटवर्ती इलाकों में भयंकर तबाही मचाई है। सुनामी के दौरान उठी 16 फीट लहरों से अब तक 222 लोगों की मौत हो चुकी...

इंडोनेशिया में ज्वालामुखी फटने से आई सुनामी, 222 की मौत, सैंकड़ों घायल
नई दिल्ली, एजेंसीSun, 23 Dec 2018 05:39 PM
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इंडोनेशिया के सुंडा खाड़ी में शनिवार रात ज्वालामुखी फटने के बाद आई सुनामी ने पर्यटक बीच और तटवर्ती इलाकों में भयंकर तबाही मचाई है। सुनामी के दौरान उठी 16 फीट लहरों से अब तक 222 लोगों की मौत हो चुकी है। सरकार का कहना है कि 800 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं और 30 लोग लापाता हैं। प्रभावित इलाकों अब भी आपातकालीन सेवाएं पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। इसके अलावा दक्षिणी सुमात्रा के बांदर लामपंग शहर में सैकड़ों लोगों को गवर्नर के कार्यालय में शरण लेनी पड़ी है। आपदा प्रबंधन एजेंसी ने बताया कि सुनामी से सैकड़ों इमारतों को नुकसान पहुंचा है। सबसे ज्यादा मौतें पांडेंगलांग, दक्षिणी लामपांग और सेरांग इलाकों में हुई हैं। 

आपदा प्रबंधन एजेंसियों का कहना है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है। इंडोनेशिया के मौसम विभाग ने बताया कि क्राकाटोआ ज्वालामुखी फटने के बाद शनिवार को स्थानीय समयानुसार रात 9:27 बजे दक्षिणी सुमात्रा और पश्चिमी जावा के पास समुद्र की ऊंची लहरें तटों को तोड़कर आगे बढ़ीं जिससे अनेक मकान नष्ट हो गए। 
 
 इस कारण मची तबाही
- अनाक क्राकाटाओ ज्वालामुखी के फटने के बाद समुद्र के नीचे भूस्खलन सुनामी का कारण हो सकता है
- इसके साथ ही मौसम वैज्ञानिकों ने लहरों के उफान का कारण पूर्णिमा के चंद्रमा को भी बताया है

तेज लहरें उठीं और अंधेरा छा गया
सुनामी के समय कारिता बीच पर मौजूद मुहम्मद बिनतांग ने बताया कि अचानक तेज लहरें उठने लगीं और अंधेरा छा गया। 15 वर्षीय बिनतांग ने कहा कि हम रात करीब नौ बजे यहां आए थे कि अचानक तेज लहरें उठने लगीं, अंधेरा छा गया और बिजली चली गई।     

अचानक तेज गति से आती बड़ी लहर दिखी
प्रत्यक्षदर्शियों ने सोशल मीडिया पर सुनामी का मंजर सोशल मीडिया पर बयां किया है। नॉर्वे के पत्रकार ओयस्टीन एंडरसन ने फेसबुक पर लिखा, तट से गुजरते समय लहरों की ऊंचाई 15 से 20 मीटर थी, जिसकी वजह से हमें तट से भागना पड़ा। एंडरसन ने बताया कि वह उस समय ज्वालामुखी की तस्वीरें ले रहे थे कि अचानक तेज गति से आती एक बड़ी लहर दिखी। एंडरसन ने लिखा, दूसरी लहर एक होटल में घुसी जहां हम रुके हुए थे। मैं परिवार के साथ किसी तरह जंगल और गांव के रास्ते बचने में कामयाब रहा, फिलहाल स्थानीय लोग हमारी देखभाल कर रहे हैं, शुक्र है कि हम सुरक्षित हैं।

पॉप बैंड को भी बहा ले गईं विकराल लहरें
इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसमें प्रस्तुति दे रहा इंडोनेशिया का फेमस पॉप बैंड ‘सेवंटीन’ को भी पीछे से आई विकराल लहरों ने चपेट में ले लिया। वीडियो में लोगों को चीखते और मंच पर प्रस्तुति दे रहे बैंड सदस्यों को बहते देखा जा सकता है। वहीं इंडोनेशिया के इस पॉप बैंड ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि उसके बास प्लेयर और रोड मैनेजर की मौत हो गई है। इसके अलावा बैंड के चार सदस्य लापता हैं। इनमें एक बैंड सिंगर रिफियन की पत्नी भी शामिल हैं। सिंगर ने अपन इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक भावुक वीडिया भी शेयर किया है। इसमें वह रोते हुए अपनी पत्नी के लिए प्रार्थना करने की अपील कर रहे हैं। 
      
24 मिनट पहले ज्वालामुखी फटा था
इंडोनेशिया की भूगर्भीय एजेंसी के मुताबिक, अनाक क्राकाटोआ ज्वालामुखी में बीते कुछ दिनों से राख उठने की वजह से कुछ हरकत होने के संकेत मिल रहे थे। भूभौतिकी एजेंसी ने कहा कि हिंद महासागर और जावा समुद्र को जोड़ने वाले सुंडा जलडमरूमध्य में सुनामी आने से करीब 24 मिनट पहले अनाक क्राकाटाओ ज्वालामुखी फटा था। देश की राजधानी जकार्ता से करीब 200 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में 305 मीटर ऊंचा ज्वालामुखी जून से ही फटना शुरू हो गया था। अधिकारियों ने ज्वालामुखी के गड्ढे से दो किलोमीटर तक के क्षेत्र को प्रतिबंधित जोन घोषित कर लोगों को वहां नहीं जाने का परामर्श जारी किया था। 

चेतावनी नहीं दे पाया आपदा विभाग
बताया जा रहा है कि आपदा विभाग लोगों को सुनामी के बारे में बताने में नाकाम रहा। पहले ऊंची लहरें उठने पर कहा गया था कि पूरे चांद की वजह से ज्वार भाटा आ सकता है। विभाग ने लोगों से अफवाह न फैलाने की अपील की थी। हालांकि अब एजेंसी ने माफी मांगी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस भ्रम की एक वजह यह थी कि सुनामी से पहले भूकंप जैसी कोई गतिविधि नहीं थी। 

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सितंबर में आए भूकंप में 2500 की मौत हुई थी
इससे पहले सितंबर में सुलावेसी द्वीप पर पालू शहर में आए भूकंप और सुनामी में करीब 2,500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। इस दौरान हजारों लोग घायल हुए थे। कुल छह लाख की आबादी वाले इन दोनों शहरों में आपदा के बाद बीते तीन महीनों से हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं।

14 साल पहले सुनामी से दो लाख मारे गए थे 
2004 में इंडोनेशिया के सुमात्रा में 9.3 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके बाद हिंद महासागर के तटीय इलाकों वाले देश सुनामी की चपेट में आ गए थे। तब भारत समेत 14 देश सुनामी से प्रभावित हुए थे। दुनियाभर में 2.20 लाख लोगों की जान गई। इनमें 1.68 लाख लोग इंडोनेशिया के थे।

प्राकृतिक आपदाओं वाला देश 
इसी साल जुलाई में इंडोनेशिया में एक हफ्ते के अंतराल में भूकंप के दो झटके आए थे। लोम्बोक में 7 और बाली में 6.4 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया था। इनमें सैकड़ों लोगों की मौत हुई थी। इंडोनेशिया दुनिया में सबसे ज्यादा प्राकृतिक आपदाओं वाला देश है। यह ‘रिंग ऑफ फायर’ पर मौजूद है। यहां धरती के अंदर मौजूद टेक्टॉनिक प्लेट्स आपस में टकराने से भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट की घटनाएं ज्यादा होती हैं।

क्या है सुनामी
समुद्र के भीतर अचानक जब बड़ी तेज हलचल होने लगती है तो उसमें उफान उठता है
 इससे बहुत ऊंची लहरों का रेला उठना शुरू हो जाता है जो जबरदस्त आवेग से बढ़ता है
इसके बाद जो ऊंची लहरें उठती हैं उन्हीं को को सूनामी कहते हैं
भूकंप, ज्वालामुखी फटने और कभी-कभी उल्कापात के असर से भी सूनामी लहरें उठती हैं
सूनामी जापानी शब्द है जो सू और नामी से मिल कर बना है
 सू का अर्थ है समुद्र तट और नामी का अर्थ है लहरें
 

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