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ब्रिटिश बायस कॉरपोरेशन... लंदन में भी BBC डॉक्यूमेंट्री के खिलाफ प्रदर्शन, जुुटे सैकड़ों लोग

बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री के खिलाफ लंदन में भी भारतीयों ने प्रदर्शन किया। बता दें कि 2002 गुजरात दंगे को लेकर बनाई गई इस डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन पर भारत में रोक लगाई गई है।

ब्रिटिश बायस कॉरपोरेशन... लंदन में भी BBC डॉक्यूमेंट्री के खिलाफ प्रदर्शन, जुुटे सैकड़ों लोग
Ankit Ojhaएजेंसियां,लंदनMon, 30 Jan 2023 01:13 PM

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2002 के गुजरात दंगों को लेकर नरेंद्र मोदी को टारगेट करके बनाई गई बीबीसी की डॉक्यूमेंट्र को लकर बवाल अब ब्रिटेन में भी शुरू हो गया है। रविवार को लंदन स्थिति बीबीसी के मुख्यालय पर वहां रहने वाले भारतीयों की भीड़ इकट्ठा हुई और इस डॉक्यूमेंट्री का विरोध किया। बता दें कि भारत में इस डॉक्यूमेंट्री को बैन कर दिया गया है। इसकी स्क्रीनिंग  पर प्रतिबंध है इसके बावजूद, केरल, पश्चिम बंगाल और अन्य कई राज्यों के कॉलेजों में इसकी स्क्रीनिंग की गई। 

बीबीसी की 'इंडियाः द मोदी क्वेश्चन' डॉक्यूमेंट्री के स्क्रीनिंग को लेकर भारतीय लोगों ने प्रदर्शन किया और बीबीसी से इसे रोकने की मांग की। उनके हाथ में कई तरह के नारे लिखे हुए प्लेसकार्ड थे। इनमें लिखा था, 'बायकॉट बीबीसी, ब्रिटिश बायस कॉर्पोरेशन, बीबीसी, यू कान्ट डिजर्व पब्लिक मनी।' बीबीसी के मुख्यालय के बाहर तिरंगा लहरा रहा था और लोग चिल्लाकर अपना विरोध जता रहे थे। 'बीबीसी शर्म करो' और 'भारत माता की जय' के नारे लगाए जा रहे थे। 

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक एक कंस्ट्रक्शन कंपनी चलाने वाली प्रदर्शनकारी ने कहा, यह डॉक्यूमेंट्री भारत के प्रधानमंत्री के बारे में झूठ फैला रही है। यह फर्जी अजेंडा चला रही है। उन्होंने कहा कि बीबीसी ने इंटरव्यू को अपने हिसाब से कट करके चलाया है जिसके कि उसका अजेंडा जस्टिफाइ हो सके। उन्होंने आगे कहा, बीबीसी ने भारत में गलत संदेश देने के लिए ऐसा किया है ताकि हिंदू और मुस्लिमों के बीत में भेद पैदा हो। ये लोग कौन होते हैं जो कि भारत के सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठाएं? कई ऐसी ताकतें हैं जो कि 2024 में पीएम मोदी को रोकने के लिए पर्दे के पीछे से काम कर रही हैं। 

एक दूसरे शख्स ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 10 साल तक मामले की सुनवाई की और मोदी कहीं भी दोषी नहीं पाए गए। बीबीसी इस मामले को फालतू में उड़ा रहा है। बीबीसी को अधिकार नहीं है कि वह किसी देश के मामले में दखल दे। बीबीसी यूके के गुंडों को क्यों नहीं देखता है। क्या बीबीसी ने ब्रिटिश में हुई किसी त्रासदी पर डॉक्यूमेंट्री बनाई है? एक अन्य ने कहा, बीबीसी ने पाकिस्तान में हिंदुओं के अपहरण पर कभी कुछ नहीं दिखाया। उन्होंने एक भी ऐसे परिवार का इंटरव्यू नहीं लिया जिसका कोई सदस्य गोधरा कांड में मारा गया हो। 

बता दें कि बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध का मामला सुप्रीम कोर्ट  पहंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर कहा गया है कि सरकार ने गलत फैसला किया है। 6 फरवरी को इस याचिका पर सुनवाी होनी है। वकील एमएल शर्मा ने अपनी याचिका में संवैधानिक सवाल उठाया है और इस फैसले को संविधान के अनुच्छेद 19 (1)(2) का उल्लंघन बताया है। 

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