ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News विदेशनागरिकता कानून के समर्थन में न्यूयॉर्क में भारतीय-अमेरिकियों की रैली

नागरिकता कानून के समर्थन में न्यूयॉर्क में भारतीय-अमेरिकियों की रैली

अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के प्रति समर्थन जताने के लिए विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम किए और सीएए को भारत सरकार की तरफ से उठाया गया ऐतिहासिक कदम करार दिया। सीएए...

नागरिकता कानून के समर्थन में न्यूयॉर्क में भारतीय-अमेरिकियों की रैली
भाषा, न्यूयॉर्कTue, 31 Dec 2019 03:07 AM
ऐप पर पढ़ें

अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के प्रति समर्थन जताने के लिए विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम किए और सीएए को भारत सरकार की तरफ से उठाया गया ऐतिहासिक कदम करार दिया। सीएए के मुताबिक हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और इसाई समुदाय के जो लोग धार्मिक प्रताड़ना के चलते पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आ गए हैं, उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी।

भारतीय-अमेरिकियों का एक समूह रविवार (29 दिसंबर) को टाइम्स स्कॉयर पर एकत्र हुआ। उनके हाथ में पोस्टर थे और वे सीएए और नरेंद्र मोदी सरकार के समर्थन में नारे लगा रहे थे। इन पोस्टरों पर लिखा था, “सीएए मानवाधिकारों के बारे में है”, ''हम सम्मान के साथ जीने के अल्पसंख्यकों के अधिकार का समर्थन करते हैं”, “प्रवासी भारतीय सीएए का समर्थन करते हैं” और “सीएए पारदर्शी एवं लोकतांत्रिक प्रक्रिया से पारित किया गया है।”

उन्होंने “हम मोदी का समर्थन करते हैं” और “हम सीएए का समर्थन करते हैं” जैसे नारे लगाए। इस समर्थन रैली में ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी-यूएसए (ओएफबीजेपी) के अध्यक्ष कृष्णा रेड्डी अनुगुला और संगठन के अन्य सदस्य शामिल थे।

वहीं लॉन्ग आइलैंड में शनिवार (29 दिसंबर) को एक कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें भारतीय-अमेरिकी समुदाय के सदस्यों ने नये कानून के प्रति अपना समर्थन जताया। अमेरिकन इंडियन पब्लिक अफेयर्स कमिटी के अध्यक्ष जगदीप सेवहानी के कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के दोबारा सत्ता में आने के बाद यह कानून लाना एक ऐतिहासिक फैसला है।

साथ ही उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के मोदी सरकार के फैसले की भी तारीफ की। सेवहानी ने कहा कि भारतीय-अमेरिकी समुदाय को सीएए के बारे में जानकारी देने लिए अमेरिकी सांसदों एवं निर्वाचित प्रतिनिधियों से संपर्क करना चाहिए।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें