अन्य देशों के चीन के साथ मामलों पर कैसा रहेगा भारत का नजरिया? सुनें EAM जयशंकर का जवाब
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत अन्य देशों के चीन के साथ मामलों पर गुण-दोष के आधार पर विचार करेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत और चीन आपसी संबंधों को ''बेहतर और मजबूत"...
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत अन्य देशों के चीन के साथ मामलों पर गुण-दोष के आधार पर विचार करेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत और चीन आपसी संबंधों को ''बेहतर और मजबूत" बनाना चाहते हैं। जयशंकर ने 5जी को राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बताने की बात पर ट्रम्प प्रशासन से सहमत होने से इनकार करते हुए कहा कि भारत के लिए यह राजनीतिक नहीं बल्कि यह दूरसंचार का मामला है।
जयशंकर ने एक सवाल के जवाब में 'द हेरीटेज फाउंडेशन' से कहा, ''जाहिर तौर पर हमारा इरादा चीन के साथ संबंधों को मजबूत करने का है। हम इसे लेकर पूरी तरह स्पष्ट हैं और हमें लगता है कि वे भी संबंधों को बेहतर और मजबूत करना चाहते हैं।" उन्होंने कहा, ''अन्य देशों के चीन के साथ जो मामले हैं, उनमें से कई मामलों पर हम गुण-दोष के आधार पर विचार करेंगे और आमतौर पर द्विपक्षीय रुख ही अपनाएंगे।"
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जयशंकर ने कहा, ''हम चीन के साथ संबंधों को अत्यंत द्विपक्षीय तरीके से रखते हैं। हम मानते हैं कि आगे बढ़ने का यही तरीका है।" उन्होंने कहा, ''जब चीन की बात आती है, तो मेरे लिए यह महत्वपूर्ण है कि मेरे उस पड़ोसी के साथ संबंध कायम रहें, जो मेरा सबसे बड़ा पड़ोसी है, जो दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जिसके साथ मेरा लंबा इतिहास रहा है और इतिहास जो हमेशा सरल नहीं रहा है..मेरे लिए अहम जरूरत स्थिरता है।"
जयशंकर ने कहा कि ये संबंध जटिल हैं। भारत ने चीन के साथ संबंधों को बहुत वक्त दिया है, और प्राथमिकता भी दी है। उन्होंने कहा, ''क्योंकि हमारा मानना है कि इन संबंधों को स्थिर और मजबूत बनाने में केवल हम दो देशों का ही नहीं, बल्कि वास्तव में बड़े क्षेत्र का हित जुड़ा है, दुनिया का भी इसी में निहित हित है।" उन्होंने कहा कि भारत वास्तव में इस पर काफी ध्यान देता है।
जयशंकर ने कहा, ''हमने हालिया वर्षों में कुछ सकारात्मक बदलाव देखे हैं। हमने व्यापार के आंकड़ों में सुधार देखा है। हमने उन क्षेत्रों के बाजार में पहुंच बनती देखी है जहां पहले हमारी पहुंच नहीं थी।" उन्होंने कहा, ''हमने देखा है कि सीमाएं बहुत हद तक स्थिर हो रही हैं। इसलिए हमारी उनके साथ कई मामलों पर बात करने की क्षमता बढ़ी है। मेरे हिसाब से, यह हमारे लिए अच्छे संकेत है।" जयशंकर ने कहा, ''हम निश्चित ही यह जानते हैं कि यह सब वृहद वैश्विक संदर्भ में हो रहा है।"